Central Jail Purnia: कैदियों के मानसिक रोग का नियमित होगा उपचार, साइकोलॉजिस्ट की प्रतिनियुक्ति

केंद्रीय कारा पूर्णिया में अब कैदियों के मानसिक रोग का नियमित उपचार होगा। जेल में एक दिन सप्ताह के मंगलवार को कैदियों की जांच और उपचार के लिए शिविर लगेगी। सजायाफ्ता कैदियों के मानसिक रोग की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के नैदानिक मनोवैज्ञानिक की प्रतिनियुक्ति की गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 05:00 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 05:00 PM (IST)
Central Jail Purnia: कैदियों के मानसिक रोग का नियमित होगा उपचार, साइकोलॉजिस्ट की प्रतिनियुक्ति
केंद्रीय कारा पूर्णिया में अब कैदियों के मानसिक रोग का नियमित उपचार होगा।

पूर्णिया [दीपक शरण]। केंद्रीय कारा में मानसिक रोगियों को नियमित उपचार और काउंसङ्क्षलग की सुविधा उपलब्ध होगी। इस संबंध में सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल के मानसिक विभाग से नैदानिक मनोवैज्ञानिक की केंद्रीय कारा के लिए प्रतिनियुक्ति की है। जेल में एक दिन सप्ताह के मंगलवार को कैदियों की जांच और उपचार के लिए शिविर लगेगी। कारा में बंद सजायाफ्ता कैदियों के मानसिक रोग की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के नैदानिक मनोवैज्ञानिक की प्रतिनियुक्ति की गई है। कैदियों की काउंसङ्क्षलग होगी और उन्हें परामर्श दी जाएगी। इससे पहले भी जेल के अंदर मानसिक विभाग इस तरह का कार्यक्रम आयोजित कर कैदियों का उपचार कर चुका है।

यह नियमित नहीं होने के कारण कैदियों को परेशानी हो रही थी। कोरोना के दौरान कैदियों को अपने परिवार की भी ङ्क्षचता रहती है इस कारण वे मानसिक रूप से अधिक परेशानी से गुजर रहे है। इस दौरान कैदियों का परिवार जनों से मुलाकात भी कोरोना महामारी के कारण बंद है। सिविल सर्जन डॉ. एसके वर्मा ने बताया कि इस संबंध में पत्र जारी कर प्रत्येक सप्ताह मंगलवार को मानसिक रोगियों के उपचार के लिए जेल के अंदर मानसिक विभाग की टीम जाएगी। वहां कैदियों की काउंसङ्क्षलग की जाएगी। सिविल सर्जन डॉ. एसके वर्मा ने बताया कि जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. पल्लव कुमार की प्रतिनियुक्ति की गई है। दरअसल जेलों में ऐसे अनेक बंदी है जो मानसिक रोग से ग्रसित हैं। ऐसे कैदी की काउंसङ्क्षलग की नितांत आवश्यकता है। जिले के अंदर कोई क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट पदस्थापित नहीं था। इस कारण से समुचित काउंसङ्क्षलग नहीं हो पा रही थी। रोगियों का अवसाद बढऩे और मानसिक परेशानी ना बढ़े इस कारण यह फैसला लिया गया है।

अवसाद के शिकार कैदी ऐसे में आत्मघाती कदम भी उठा सकते है। इसलिए उनका नियमित काउंसङ्क्षलग बेहद जरूरी हो जाता है। अंदर बंद मानसिक रोगियों के उपचार परामर्श के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिला स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर साइकोलॉजिस्ट प्रतिनियुक्त करने को कहा था। जिला मानसिक एवं स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस संबंध में सिविल सर्जन का पत्र मिला है। उसी अनुरूप प्रत्येक सप्ताह मंगलवार को केंद्रीय कारा में नैदानिक मनोवैज्ञानिक की प्रतिनियुक्ति हुई है। नैदानिक मनोवैज्ञानिक कैदियों का पूर्ण विवरण लाईन लिस्ट सहित कारा अधीक्षक से सत्यापित कराने के बाद रिपोर्ट विभाग को उपलब्ध करायेंगे।

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