सृजन घोटाला : CBI ने वित्त प्रबंधक और लेखा पदाधिकारी को किया तलब Bhagalpur News

2017 में तत्कालीन डीडीसी अमित कुमार ने मामले की जांच की थी। जांच के क्रम में छह योजनाओं के खातों में करीब 83 करोड़ रुपये राशि की गबन पकड़ में आई थी।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 03:46 PM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 03:46 PM (IST)
सृजन घोटाला : CBI ने वित्त प्रबंधक और लेखा पदाधिकारी को किया तलब Bhagalpur News
सृजन घोटाला : CBI ने वित्त प्रबंधक और लेखा पदाधिकारी को किया तलब Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। सृजन घोटाला मामले में सीबीआइ ने वित्त प्रबंधक और लेखा पदाधिकारी को दिल्ली तलब किया है। दोनों ही अधिकारियों को 18 अक्टूबर तक दिल्ली स्थित सीबीआइ मुख्यालय में रिपोर्ट करनी है। दोनों अधिकारी बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। सीबीआइ के समक्ष रखने वाली फाइल को तैयार कर लिया गया है। दोनों ही अधिकारियों से दिल्ली स्थित सीबीआइ कार्यालय में सृजन से जुड़े डीआरडीए घोटाला मामले में पूछताछ होगी।

2017 में तत्कालीन डीडीसी अमित कुमार ने मामले की जांच की थी। जांच के क्रम में छह योजनाओं के खातों में करीब 83 करोड़ रुपये राशि की गबन पकड़ में आई थी। इस संबंध में 22 अगस्त 2017 को डीआरडीए के निदेशकए लेखा एवं स्वनियोजन अपूर्व कुमार मधुकर ने तिलकामांझी पुलिस चौकी में सृजन के सभी पदधारकों के खिलाफ तथा बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

बैंक ऑफ बड़ौदा में इंदिरा आवास आकस्मिकता मद योजना को लेकर 23 अगस्त 2011 को खाता खोला गया था। 2017 तक इंदिरा आवास आकस्मिकता मद में करीब 4.48 करोड़ रुपये सरकार की ओर से आवंटित किए गए थे। मगर इस राशि को कई किश्तों में सरकारी खातों में जमा नहीं करके सृजन के खातों जमा किया गया। इसके अलावा इस खाते में अवैध निकासी के पश्चात करोड़ों रुपये अवैध स्रोत से सरकारी राशि में जमा भी किए गए। इस खाते से करीब डेढ़ करोड़ रुपये गायब थे।

इंदिरा आवास योजना (सामान्य) का खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में 20 मार्च 2007 को खोला गया। सरकार द्वारा इस मद में वित्तीय वर्ष 200-08 से 2016-17 तक करीब 18.88 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। मगर यह राशि सरकारी खाते में जमा नहीं होकर सृजन के खाते में ही जमा होती चली गई। इसके अलावा नए बैंक स्टेटमेंट के अनुसार साढ़े नौ करोड़ रुपये भी फर्जी तरीके से सरकारी खाते में जमा नहीं होकर सृजन के खातों में जमा हो गए। दोनों ही अधिकारियों से सीबीआइ इस संबंध में पूछताछ कर सकती है।

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