भागलपुर में 10 साल तक तैनात रहे अफसरों की CBI ने कल्‍याण विभाग से तलब की रिपोर्ट

Srijan scam Bhagalpur कल्‍याण विभाग से अवेध निकासी के मामले की जांच शुरू हो गई है। सौ करोड़ के इस घोटाले की जांच सीबीआइ कर रही है। सीबीआइ ने 10 साल तक भागलपुर में तैनात रहे अफसरों की सूची...!

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 08:16 PM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 08:16 PM (IST)
भागलपुर में 10 साल तक तैनात रहे अफसरों की CBI ने कल्‍याण विभाग से तलब की रिपोर्ट
Srijan scam Bhagalpur: कल्‍याण विभाग से अवेध निकासी के मामले की जांच शुरू हो गई है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिला कल्याण विभाग की 100 करोड़ रुपये निकासी मामले में सीबीआइ ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीबीआइ ने कल्याण विभाग के मामले में दो अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। सीबीआइ ने कल्याण विभाग से एजी की आडिट रिपोर्ट मांगी है। साथ ही 2007 से 2017 तक जिला कल्याण पदाधिकारी रहे लोगों की सूची और इतने ही वर्ष का कैशबुक मांगा है। सीबीआइ ने इसके पहले रिपोर्ट दर्ज करने की सूचना कल्याण विभाग को दी थी। हालांकि सीबीआइ ने कई महत्वपूर्ण कागजात पहले ही मंगा चुकी है।

सृजन के छह खातों में भेजी गई थी कल्याण की राशि

कल्याण विभाग का 221 करोड़ 60 लाख रुपया सृजन महिला विकास सहयोग समिति के छह खाते में गई है। सृजन के खाते में सरकारी राशि पहुंचाने में कल्याण विभाग के अधिकारी व कर्मी के अलावा बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ बड़ौदा व इंडियन बैंक के अधिकारियों व कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिला कल्याण पदाधिकारी श्याम प्रसाद यादव ने दिसंबर 2020 में कोतवाली थाने में सृजन महिला विकास सहयोग समिति के सभी पदधारक व बैंक आफ इंडिया, इंडियन बैंक और बैंक आफ बड़ौदा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी को आधार मानकर सीबीआइ ने केस दर्ज कर जांच शुरू की है। सीबीआइ कोतवाली थानाध्यक्ष से एफआइआर से संबंधित कागजात पहले ही मंगाकर अध्ययन कर चुकी है। इसी के आधार पर सीबीआइ ने केस दर्ज की है।

जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा कोतवाली में दर्ज एफआइआर में कहा गया है कि आरपी रोड स्थित बैंक आफ बड़ौदा शाखा, पटल बाबू रोड स्थित इंडियन बैंक शाखा और त्रिवेणी अपार्टमेंट स्थित बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं संबंधित कर्मियों द्वारा सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड सबौर के अध्यक्ष, सचिव व अन्य कर्मियों के साथ मिलकर व धोखाधड़ी कर 156 पारित विपत्र, बैंकर्स चेक के माध्यम से 99 करोड़ 88 लाख 69 हजार 830 रुपये सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के विभिन्न खाते में अवैध रूप से हस्तांतरित कर गबन कर लिया गया।

बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में 110 पारित विपत्र, बैंकर्स चेक के माध्यम से 82 करोड़, 36 लाख, 77 हजार 718 रुपये जिला कल्याण पदाधिकारी के नाम से भुगतेय था, जिसे सृजन संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव व अन्य कर्मियों के साथ बैंक के शाखा प्रबंधक एवं अन्य कर्मियों से मिलिभगत कर अवैध तरीके से सृजन के विभिन्न खातों में हस्तांतरण कर गबन कर लिया गया।

इंडियन बैंक में 33 पारित विपत्र, बैंकर्स चेक के माध्यम से दस करोड़ 60 लाख 58 हजार चार सौ रुपये सृजन के खाते में हस्तांतरित कर गबन कर लिया गया। बैंक ऑफ इंडिया में 11 पारित विपत्र व बैंकर्स चेक के माध्यम से दो करोड़ 91 लाख 33 हजार 712 और कार्यालय से जारी दो चेक संख्या 725527 से दो करोड़ व चेक संख्या 755931 से दो करोड़ को अवैध तरीके से सृजन के खाते में जमा करा दिया गया।

जिला नजारत शाखा के नाजिर ने दर्ज कराई थी पहली प्राथमिकी

सृजन घोटाला उजागर होने के बाद पहली प्राथमिकी सात अगस्त 2017 को जिला नजारत शाखा के नाजिर ने दर्ज कराई थी। इसके बाद कई विभागों की जांच में अवैध निकासी का बड़ा खुलासा हुआ था। जिला कल्याण विभाग से 221 करोड़ 60 लाख रुपये की अवैध निकासी का मामला सामने आया था। एजी की आडिट रिपोर्ट में भागलपुर में रहे जिला कल्याण पदाधिकारी रामलला सिंह, राम ईश्वर शर्मा, ललन कुमार सिंह और अरुण कुमार के कार्यकाल में अवैध निकासी की बात सामने आई थी।

121 करोड़ 71 लाख 61 हजार रुपये की अवैध निकासी को लेकर 2017 में दो प्राथमिकी हो चुकी है। प्राथमिकी के बाद महालेखाकार ने 2007 से 2017 तक की जांच कराई। जांच के बाद अवैध निकासी का दायरा बढ़कर 221.60 करोड़ रुपये हो गई। लगभग सौ करोड़ रुपये की अवैध निकासी को लेकर दिसंबर 20 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने सीबीआइ को पत्र भेजकर पूर्व में दर्ज तिलकामांझी कांड संख्या 555/2017 में शेष राशि 99 करोड़ 88 लाख 69 हजार रुपये समायोजित करते हुए जांच करने का आग्रह किया था।  

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