बीएनएमयू में वित्तीय अनियमितता का मामला... 36 लाख से अधिक के भुगतान मामले में हो सकती है कार्रवाई

बीएनएमयू में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। इस मामले में कार्रवाई हो सकती है। इससे पहले कर्मचारी नियुक्ति मामले में फजीहत का सामना कर रही बीएनएमयू प्रशासन वित्तीय अनियमितता के आरोपों से पूरी तरह घिर गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 05:26 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 05:26 PM (IST)
बीएनएमयू में वित्तीय अनियमितता का मामला... 36 लाख से अधिक के भुगतान मामले में हो सकती है कार्रवाई
बीएनएमयू में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है।

 संवाद सूत्र, सिंहेश्वर(मधेपुरा)। बीएन मंडल विवि ने राज्य सरकार से जारी आदेश के बावजूद नवनियुक्त कर्मचारियों को 36 लाख से अधिक भुगतान का मामला सामने आने पर सरकार ने विवि पर शिकंजा कसते हुए शोकॉज किया है।

बिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने बीएनएमयू में वित्तीय अनियमितता सहित अन्य मामलों की मिली शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए दो दिनों के अंदर जवाब मांगा है। इससे पहले कर्मचारी नियुक्ति मामले में फजीहत का सामना कर रही बीएनएमयू प्रशासन वित्तीय अनियमितता के आरोपों से पूरी तरह घिर गई है। स्पष्ट कहा गया है कि विभाग ने 86 कर्मचारियों के भुगतान पर तीन महीने पहले ही रोक लगा दी थी। फिर अप्रैल में सशर्त अनुमोदन वापस लेते हुए 42 कर्मचारियों की नियुक्ति को सरकार ने निरस्त कर दिया। सरकार के निर्देश के बावजूद विवि ने आंतरिक स्रोत से कर्मचारियों को 36 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया है। इस पर सरकार ने विवि प्रशासन को जम कर फटकार लगाई है। साथ ही सरकार ने फैक्स और दूरभाष के माध्यम से विवि प्रशासन से कहा कि किस आधार पर कैसे भुगतान किया गया है। इस तरह की वित्तीय अनियमितता की जिम्मेवारी विवि प्रशासन की होगी।

नियुक्ति पर पुर्नविचार के अनुरोध को सरकार ने ठुकराया

उच्च शिक्षा विभाग ने नियुक्ति पर पूर्णविचार नहीं कर विवि प्रशासन की क्लास लगाई है। सरकार और राजभवन में 66 की जगह 86 कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर बीएनएमयू प्रशासन को शर्मसार होना पड़ा है। नियुक्ति पर पुर्नविचार करने के अनुरोध को राज्य सरकार ने ठुकरा दिया है। साथ ही विवि प्रशासन को नियुक्ति निरस्त करने के आदेश की अविलंब अनुपालन करने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग ने दो माह पूर्व ही 86 कर्मचारियों की नियुक्ति के अनुमोदन को वापस ले लिया था।

कर्मी हटाए जाने से विवि के कार्य पर पड़ेगा असर

राज्य सरकार के निर्देश पर अगर कर्मी हटाए गए तो विवि सहित सभी कॉलेज के कामकाज पर असर पड़ेगा। पहले से ही कर्मियों की कमी झेल रहे विवि को इस कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खास कर छात्रों का नामांकन, पंजीयन, परीक्षा और रिजल्ट का कार्य प्रभावित होगा। चूंकि विवि में कार्यरत 86 कर्मचारियों में 42 की नियुक्ति को सरकार ने पहले ही अवैध बता दिया था। साथ ही कहा था कि 86 में 42 कर्मियों की नियुक्ति का वैधानिकता का प्रमाण नहीं है। अब शेष 44 कर्मियों की नियुक्ति को भी सरकार ने निरस्त कर दिया है। सरकार ने इससे संबंधित पत्र फिर से निर्गत किया है।

स्पष्टीकरण से संबंधी पत्र विवि को मिला है। नियुक्ति की समीक्षा के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कर्मियों की नियुक्ति और भुगतान संबंधी मामले में विवि लीगल परामर्श ले सकती है। विवि प्रशासन नियमसंगत निर्णय लेकर विभाग को स्पष्टीकरण का जवाब जल्द भेजेगी।

डॉ. कपिलदेव प्रसाद, कुलसचिव, बीएनएमयू

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