पुलिस हिरासत में भागलपुर के सिंचाई कर्मी की मौत का मामला... पत्नी की अर्जी पर डीएसपी ने सौंपी जांच रिपोर्ट, जानिए क्या है पूरा मामला

भागलपुर में सिंचाई कर्मी की पुलिस हिरासत में मौत मामले की जांच रिपोर्ट डीएसपी ने सौंप दी है। इसके लिए सिंचाई कर्मी की पत्‍नी ने गुहार लगाया था। एसएसपी ने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 07:31 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:31 AM (IST)
पुलिस हिरासत में भागलपुर के सिंचाई कर्मी की मौत का मामला... पत्नी की अर्जी पर डीएसपी ने सौंपी जांच रिपोर्ट, जानिए क्या है पूरा मामला
भागलपुर में सिंचाई कर्मी की पुलिस हिरासत में मौत मामले की जांच रिपोर्ट डीएसपी ने सौंप दी है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। होली पर्व मौके पर 29 मार्च 2021 की रात पुलिस हिरासत में ङ्क्षसचाई कर्मी संजय कुमार अकेला उर्फ संजय यादव की मौत बाद पत्नी गायत्री देवी की अर्जी पर डीएसपी मुख्यालय ओमप्रकाश अरुण ने अपनी जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी है। रिपोर्ट में डीएसपी मुख्यालय ने बरारी थाने में लगे सीसी कैमरे, अस्पताल में संजय का उपचार करने वाले डॉक्टर सरफराज का बयान, गायत्री और उनके बच्चों, स्थानीय लोगों का बयान और परिस्थिति जन्य साक्ष्यों के अवलोकन बाद अपनी रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी है।

एसएसपी निताशा गुडिय़ा ने बताया कि डीएसपी मुख्यालय ने अपनी जांच रिपोर्ट गायत्री के अर्जी की जांच मामले में सौंप दी है। मामले में आगे की कार्रवाई न्यायिक दंडाधिकारी सीबी भारती की जांच पूरी होने के बाद डीएसपी की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। दरअसल पुलिस हिरासत में 29 को संजय की मौत बाद 30 मार्च को एसएसपी ने न्यायिक जांच कराए जाने का अनुरोध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजकुमार चाौधरी से किया था। उनके निर्देश पर न्यायिक दंडाधिकारी सीबी भारती ने घटना की न्यायिक जांच शुरू कर दी।

घटना को लेकर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने क्षेत्र में तैनात दंडाधिकारी संजय कुमार किस्कू से भी जांच कराई थी। उन्होंने घटनास्थल, सीसी कैमरे की फुटेज और आंखों से देखे गए वाकये की अपनी रिपोर्ट बरारी के प्रभारी थानाध्यक्ष को दे दी थी। जिसके आधार पर बरारी थाने में यूडी केस दर्ज करते हुए उक्त रिपोर्ट को थानाध्यक्ष ने एसडीओ सदर को सौंप दिया था। 30 मार्च को ही गायत्री की अर्जी पर एसएसपी ने जांच बैठा दी थी। जांच पहले दारोगा नवनीश कुमार को दी गई थी लेकिन 24 घंटे के अंदर ही डीएसपी् मुख्यालय को मुख्य जांचकर्ता बना नवनीश कुमार को उन्हें सहयोग करने को कहा गया था।

उसके बाद डीएसपी ने जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी है। बरारी थाना क्षेत्र के मायागंज मोहल्ले के रहने वाले संजय की मौत 29 मार्च की रात अस्पताल में हुई थी। तब वह बरारी पुलिस के हिरासत में थे। उपचार के लिए बरारी थाने से असहज स्थिति में अस्पताल ले जाए गए थे जहां उन्होंने दम तोड़ दिया था। घटना को लेकर मायागंज क्षेत्र में तब खूब हंगामा हुआ था। स्थानीय लोग 18 घंटे तक सड़क पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। 30 मार्च को संजय के शव का पोस्टमार्टम कराया गया था। 30 मार्च को ही संजय की पत्नी गायत्री ने एक अर्जी दी थी जिसमें सिटी एएसपी पूरन कुमार झा और तत्कालीन बरारी थानाध्यक्ष प्रमोद साह को पति की पुलिस हिरासत में मौत के लिए जिम्मेदार बताते हुए उनके विरुद्ध् केस दर्ज करने की अर्जी दी थी। लेकिन पुलिस के वरीय अधिकारियों ने बरारी थाने के सीसी कैमरे में संजय को पसीने से लथपथ हालत में पैदल चलते हुए थाने के गेट के पास मौजूद एंबुलेंस पर बैठते देखा गया। सिटी एएसपी पूरन कुमार झा और प्रमोद साह के मोबाइल का टावर लोकेशन भी बरारी थाने में नहीं पाया गया था। इसलिए मामले में एसएसपी ने गायत्री की अर्जी पर जांच रिपोर्ट बाद कार्रवाई का फैसला लिया था।

पोस्टमार्टम में आ चुकी है स्वभाविक मौत की रिपोर्ट

संजय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तीन डॉक्टरों की मेडिकल टीम ने स्वभाविक मौत माना है। मृत्यु पूर्व संजय का रक्चाप 230 आंका गया था। रिपोर्ट में उसे हृदय रोगी भी बताया गया था। मालूम हो कि संजय बांका के कटोरिया में लघुु ङ्क्षसचाई विभाग में क्लर्क थे। होली की देर शाम बाहर से अपने घर पहुंचे थे कि वहां पहले से पासवान टोला और ग्वाल टोला में हुए ङ्क्षहसक झड़प को लेकर वहां पुलिस पहुंची थी। उसी पुलिस पार्टी ने संजय को जबरन हिरासत में लेकर थाने लाई थी। जबकि संजय ने कहा था कि वह बाहर से आ रहा र्है। उसने पहचान पत्र और कार्यालय की चाबी का गुच्छा भी दिखाया था लेकिन पुलिस संवेदना दिखाने के बजाय उन्हें खींच कर थाने लाई थी।  

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