फलका में बिना पानी के नहरें, किसानों के सामने आफत, बोलीं MLA कविता पासवान- विधानसभा में उठाएंगे फिर से ये समस्या
कटिहार के फलका में नहरों में पानी नहीं है। इसके चलते किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। विधायक कविता पासवान ने कहा कि इस समस्या को एक दफा फिर से विधानसभा में उठाया जाएगा। किसानों की समस्या दूर की जाएगी।
तौफीक आलम, फलका (कटिहार): सन 1987 की प्रलयंकारी बाढ़ ने कोढ़ा विधान सभा क्षेत्र के फलका प्रखंड में जो तबाही मचाई थी, उसे लोग आज तक नहीं भूल पाएं हैं। भीषण बाढ़ ने कटाव का जो तांडव मचाया कि जल प्रवाह की दिशा में परिवर्तन के बाद प्रखंड के पश्चिम दिशा के कोसी नदी और पूरे प्रखंड क्षेत्र में बिछी सभी नहरें आज तक मृत पड़ी है। किसान पिछले 29 वर्षों से नहर की पानी के लिए लालायित हैं। कभी इस क्षेत्र में गर्मा धान की फसल लहलहाती थी, लेकिन अब कृषकों ने इसकी खेती पूरी तरह छोड़ दी है। इसके अलावा इस क्षेत्र में दलहन, तेलहन, गेहूं आदि की खेती भी प्रभावित हुई है।
सरकार सहित विभाग व प्रशासन ने आज तक इसकी सुधि लेने की जरूरत नहीं समझी, वरना यहां के किसान खुशहाल रहते। प्राकृतिक आपदा ने यहां के कृषकों पर कहर बरपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ या फिर तेज आंधी व ओलावृष्टि से जूझना मानो यहां के किसानों की नियति बन चुकी है।
2011 में निर्माण कार्य का शिलान्यास
पूर्णिया जिले के धमधाहा के किशन टोली के समीप 1987 के बाढ़ में करीब आधा किलोमीटर बांध कट गई थी और बरंडी नदी ने नई धारा बना ली थी। जिससे कुर्सेला व डूमर माईनर नहर तथा कटिहार-पूर्णिया सीमा के उत्तर-दक्षिण के बीचों-बीच कोसी नदी पूर्णत: मृत हो गई। हालांकि किसान हित के इस क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत हेतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2011 में यहां पहुंचकर निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। तब से क्षेत्र के कृषकों को एक उम्मीद जगी कि वे अब फिर गर्मा धान की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकेंगे। पानी के अभाव में क्षेत्र के कई नहर व छहर अपना अस्तित्व तक खो चुकीं है।
तो कुछ नहर आम के बगीचे में तब्दील हो गया है। हाल में कुछ मुख्य नहरों की सफाई भी विभाग द्वारा कराई गई है। जानकार सूत्रों के अनुसार मुख्य कटाव मरम्मत कार्य काफी धीमी गति से चलता और रूक जाता है। वत्र्तमान में कार्य ठप है। जरूरत है कार्य में तेजी लाने की, ताकि कृषकों की समस्या दूर हो सके। इसके आलावा कोढ़ा प्रखंड में दो बड़ी मुख्य नहर और दो छोटी नहर है। छठ के पहले कुछ दिनों तक बड़ी नहरों में पानी थी मगर छठ पूजा के कुछ दिन पहले हीं नहर का पानी पुन: बंद कर दिया गया। किसानों का कहना है कि नहर से लाभ नहीं मिल पाता है।
क्या कहते हैं किसान : कृषक अमीत कुमार, बंटू शर्मा, टुनटुन गुप्ता, शमशेर आलम, सोनेलाल दास, अफरोज आलम ,आजाद आलम ,राजू चौधरी, उमानाथ पटेल, ह्दय यादव आदि ने प्रशासन और सरकार से जल्द नहर चालू कराने की मांग की है। इस मामले को पूर्व विधायक पुनम पासवान ने पहले विस सत्र में उठाया था। जिस पर विस ने जबाब देते हुए बताया था कि फलका से समेली, डुमर और कुरसेला आदि क्षेत्रों में 25,699 एकड़ में किसानों को सिंचाई का सुविधा दी जाती है। नहर में कुछ माह पानी भी आया, किसान काफी खुश थे। फिर नहर की मरम्मत सही ढंग से नहीं होने के कारण जगह-जगह नहर टूटने लगी, फिर नहर से पानी गायब हुई तो आज तक गायब है।
क्या कहते हैं विधायक
'पुन: इस मामले को विधान सभा में उठाया जाएगा। बहुत जल्द किसानों की इस समस्या का निदान होगा।'- कविता पासवान, विधायक ,कोढ़ा विधानसभा ,कटिहार