पुरानी डिजाइन के तसर सिल्क की फिर लौटी रौनक

चीन के साथ भारत के खराब रिश्तों का फायदा भागलपुर के बुनकरों को मिलने लगा है। देश की नामी-गिरामी कंपनियों ने भागलपुर के रेशम की सुध ली है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 02:40 AM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 02:40 AM (IST)
पुरानी डिजाइन के तसर सिल्क की फिर लौटी रौनक
पुरानी डिजाइन के तसर सिल्क की फिर लौटी रौनक

भागलपुर [जितेन्द्र कुमार]

चीन के साथ भारत के खराब रिश्तों का फायदा भागलपुर के बुनकरों को मिलने लगा है। देश की नामी-गिरामी कंपनियों ने भागलपुर के रेशम की सुध ली है। उन्होंने पुरानी डिजाइन के तसर सिल्क के प्रति अपनी रुचि दिखाई है और लगातार आर्डर दे रहे हैं। इसका फलाफल यह निकला है कि भागलपुर के मृतप्राय रेशम उद्योग में फिर से जान लौट आई है। फिलहाल 100 करोड़ के ऑर्डर पर बुनकर काम कर रहे हैं।

कोरोना काल से पहले चीन की सिल्क के आगे भागलपुरी सिल्क ने घुटने टेक दिए थे। चीन के प्रति बढ़ते अविश्वास और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के नारों से प्रभावित हो देश की नामी-गिरामी कंपनियां यहां से हैंडलूम सिल्कों की खरीदारी शुरू कर दी है। चंपानगर के बुनकरों ने बताया कि बंगलुरू- मुंबई के एक्सपोर्टर के साथ टाटा ग्रुप की ऑनलाइन कंपनी क्लिक, रेमंड व जियो की अजियो जैसी बड़ी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। हैंडलूम कपड़ों की बाजार में मांग से दो दशकों के बाद बुनकरों की झोली भर रही है। एक अनुमान के अनुसार, 25 करोड़ का कपड़ा कोरोना काल के बाद इन कंपनियों को भेजे जा चुके हैं।

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हैंडलूम वस्त्रों को कंपनियों का मिला साथ

रेशमी शहर में बाजार व आर्थिक तंगी का दंश झेल रहे बुनकरों को रेमंड कंपनी का बढि़या साथ मिला है। कंपनी सिल्क, लीलेन, खादी पर स्ट्राइप, चेक्स व रूल्स आदि डिजाइन की मांग ज्यादा कर रही है। रेशम बुनकर खादी ग्रामोद्योग संघ, तसर-कटिया, तसर घिच्चा, खादी आदि को पुराने डिजाइन का आर्डर रेमंड से मिला है। पिछले छह माह में दो करोड़ रुपये के कपड़ों की आपूर्ति रेमंड को की गई है। इसके अलावा 50 करोड़ रुपये का नया आर्डर रेमंड कंपनी ने दिया है। बुनकर कल्याण समिति के सदस्य अलीम अंसारी ने बताया कि युवा पीढ़ी में सिल्क के परंपरागत कपड़ों की मांग बढ़ी है। इसका फायदा हम उठाएंगे।

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क्लिक व अजियो ने भी बढ़ाए हाथ

टाटा ग्रुप के क्लिक, जियो के अजियो ऑनलाइन कंपनियां भागलपुर हैंडलूम सिल्क कपड़ों में गहरी रुचि ले रही हैं। कंपनी ने ब्लेजर, कुर्ता, सूट आदि तैयार करने के लिए भागलपुर के सिल्क व्यवसायी से सैंपल की मांग की है। बंगलुरू के अजियो कार्यालय के माध्यम से फिलहाल पांच करोड़ रुपये के आर्डर मिल चुके हैं। इन कंपनियों से और 40 करोड़ रुपये के आर्डर मिलने की उम्मीद है। बिहु पर्व में भागलपुरी सिल्क पहनेंगे लोग

असम में 14 से 16 अप्रैल के बीच आयोजित बिहु पर्व को लेकर भागलपुर के बुनकरों को 25 करोड़ रुपये के आर्डर मिले हैं। इससे करीब 600 से अधिक बुनकरों को रोजगार मिले हैं। बिहु पर्व के लिए विशेष तौर पर 15 हजार से अधिक लूंगी व चादर तैयार किए जा रहे हैं।

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ओणम में साड़ी का मिला आर्डर

12 से 23 अगस्त के बीच केरल में होने वाले ओणम पर्व को लेकर भागलपुर को बड़ी तादाद में साड़ी का आर्डर मिले हैं। सिल्क व्यवसायी वसीम अंसारी ने बताया कि चौड़ी पार (किनारा) वाली सिल्क की साड़ी की काफी मांग है। इसके लिए यहां के बुनकर गोल्डन, सिल्वर, बार्डर वाली साड़ी अप्रैल माह से तैयार करना शुरू कर देंगे। यहां के लोग हैंडलूम पर तैयार बुटिक डिजाइन को भी पसंद कर रहे हैं। बुनकरों ने 50 हजार साड़ियां तैयार करना शुरू कर दिया है।

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