जेएलएनएमसीएच के ब्लड बैंक में पकड़ा गया दलाल

जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में शनिवार को फिर एक दलाल पकड़ा गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 08:33 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 08:33 AM (IST)
जेएलएनएमसीएच के ब्लड बैंक में पकड़ा गया दलाल
जेएलएनएमसीएच के ब्लड बैंक में पकड़ा गया दलाल

भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में शनिवार को फिर एक दलाल पकड़ा गया। वह अस्पताल के आब्स गायनी में भर्ती नाथनगर प्रखंड के गोसाईंदासपुर की 28 वर्षीय सोनी देवी के लिए ब्लड लेने आया था। इतना ही नहीं उस विभाग में भर्ती आरती कुमारी के नाम से भी ब्लड लेना था, लेकिन ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने दलाल को पकड़ लिया। हालांकि फर्जी कार्ड बनाने वाला मुख्य दलाल अस्पताल से फरार हो गया। बताया जाता है कि शुक्रवार को भी दो दलाल ब्लड लेने आए थे, लेकिन वे अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पाए।

कार्ड देखकर दंग रह गए कर्मचारी

पकड़ा गया दलाल सुल्तानगंज महाराज टोला का रहने वाला है। उसका नाम शिवम है। उसके पास तिलकामांझी के अमित कुमार के नाम से दो डोनर कार्ड मिला, जिसे दिखाकर उसे ब्लड लेना था। कार्ड हूबहू ब्लड बैंक द्वारा जारी डोनर कार्ड जैसा ही था। उस पर ब्लड बैंक के प्रभारी का फर्जी हस्ताक्षर भी था। पहले तो कार्ड देखकर कर्मचारी को विश्वास नहीं हुआ कि फर्जी कार्ड है, लेकिन कार्ड पर नंबर नहीं रहने की वजह से पकड़ में आ गया। शिवम को कमरा में बंदकर अस्पताल अधीक्षक को बुलाया गया। उसी वक्त ब्लड लेने के लिए लाइन में लगा दूसरा दलाल अभिषेक मौका देखकर भाग गया। वह आरती के लिए ब्लड लेने आया था।

अधीक्षक के सामने ही शिवम ने कहा कि उसे सुल्तानगंज के ही अभिषेक झा ने बुलाया था। डोनर कार्ड जयराम नाम के युवक ने दिया था। जब अधीक्षक के सामने जयराम को फोन किया गया तो उसने कहा कि वह शहर में नहीं है।

साढ़े पांच हजार में तय हुआ था सौदा

सोनी देवी को डा. कृष्णा सिंह की यूनिट में भर्ती किया गया था। शुक्रवार को उसका सिजेरियन किया गया। उसे ए पजिटिव गु्रप के एक यूनिट ब्लड की जरुरत थी। दलाल छह हजार रुपये मांग रहे थे और साढ़े पांच हजार रुपये में सौदा तय हुआ, लेकिन तभी दलाल गिरफ्त में आ गया। उसे एक यूनिट पर डेढ़ हजार रुपये मिलते।

फर्जी डोनर कार्ड छापने का गिरोह सक्रिय

अस्पताल अधीक्षक डा. असीम कुमार दास ने कहा कि शिवम से डोनर कार्ड और सर्टिफिकेट आदि लेकर इसलिए छोड़ दिया गया कि फर्जी डोनर कार्ड छापने वाला ही मुख्य दलाल है। ब्लड बैंक से दिए जाने वाले डोनर कार्ड का सही प्रिट कहा किया जा रहा है और कौन इसका मुख्य व्यक्ति है इसकी जानकारी जरुरी है।

ब्लड लेने के नियम बदले गए

अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि अब अस्पताल में भर्ती किसी मरीज को ब्लड चाहिए तो ब्लड बैंक के कर्मचारी से विभाग की नर्स या डाक्टर बात करेंगे। पुष्टि होने पर ही ब्लड दिया जाएगा। दलालों को रोकने के लिए और उनपर कार्रवाई के लिए प्रशासन से बात की जाएगी।

कई बार गिरफ्त में आए हैं दलाल

अस्पताल में एक यूनिट ब्लड के लिए मनमानी रकम वसुली जाती है। कई बार दलाल को कर्मचारी पकड़कर पुलिस के हवाले भी कर चुके हैं। इसके अलावा कई दलालों को पकड़कर छोड़ भी दिया गया है।

chat bot
आपका साथी