गर्भ निरोधक दिवस : कोरोना काल में परिवार नियोजन कार्यक्रम प्रभावित

गर्भ निरोधक दिवस भागलपुर में इस दिन गर्भ निरोधक दवा और कंडोम का वितरण किया गया। लेकिन कोरोना के कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर बंध्याकरण शिविर नहीं लगाया गया। जो महिला प्रसव करवाने आईं उनकी इच्छा पर बंध्याकरण किया गया।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 02:25 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 02:25 PM (IST)
गर्भ निरोधक दिवस : कोरोना काल में परिवार नियोजन कार्यक्रम प्रभावित
परिवार नियोजन गर्भ धारण के खतरों की रोकथाम के लिए किया जाता है।

भागलपुर, जेएनएन। कोरोना काल में परिवार नियोजन का कार्यक्रम काफी प्रभावित हुआ है। किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर बंध्याकरण शिविर नहीं लगाया गया। इसके अलावा अस्पताल में बंध्याकरण करवाने वाली महिलाओं की भी संख्या कम रही। जो महिला प्रसव करवाने आईं, उनकी इच्छा पर बंध्याकरण किया गया।

अप्रैल से लेकर अगस्त तक 13 हजार बंध्याकरण किया गया। यह आंकड़ा स्वास्थ्य केंद्रों और निजी अस्पतालों का है, जबकि लक्ष्य 32 हजार ऑपरेशन करने का था। इनमें वहीं गर्भवती महिलाएं शामिल हैं, जिनका प्रसव सरकारी या निजी अस्पताल में किया गया। उनकी सहमति पर बंध्याकरण किया गया। परिवार नियोजन कार्यक्रम को लेकर किसी भी स्वास्थ्य केंद्रों पर शिविर नहीं लगाने से बंध्याकरण के आंकड़े कम हैं। प्रतिवर्ष दो माह में एक बार बंध्याकरण शिविर लगाए जाते थे।

सदर अस्पताल में प्रतिदिन तकरीबन 10 से 12 महिलाओं का प्रसव करवाया जाता था। उनमें से जिन महिलाओं के दो बच्चे हैं, उनकी इच्छा पर बंध्याकरण किया जाता था। अब प्रसव करवाने वाली महिलाओं की संख्या भी घटकर करीब पांच हो गई है। अस्पताल में जिले और प्रखंडों से महिलाएं प्रसव करवाने आती थीं।

जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में अप्रैल से लेकर अगस्त तक करीब चार लाख 30 हजार कंडोम का वितरण किया गया। वहीं प्रतिदिन 10 हजार से ज्यादा गर्भ निरोधक दवाओं का वितरण किया गया है।

कोरोना काल की वजह से परिवार नियोजन कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। अस्पताल आने वाली महिलाओं को गर्भ निरोधक दवा का वितरण किया जाता है। -  डॉ. विजय कुमार सिंह, सिविल सर्जन

परिवार नियोजन -  आपके कितने बच्चे हों और कब हों ? अगर बच्चे पैदा करने के लिए थोड़ी प्रतीक्षा करना चाहते हैं तो कोई एक साधन चुन सकते हैं | इन्हीं साधनों को परिवार नियोजन का साधन कहते हैं | बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने में यह सहायक है। भारत में बढ़ती आबादी को रोकने लिए यह महत्‍वपूर्ण है।

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