दुर्गा मंदिर और गणेशपुर ठाकुरबाड़ी से है गोट खरीक पंचायत की पहचान
गोट खरीक पंचायत पूरे प्रखंड की हृदयस्थली है। इस पंचायत की पहचान प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर और 100 वर्ष से भी अधिक पुराने गणेशपुर ठाकुरबाड़ी से है।
खरीक [दीपनारायण सिंह दीपक]
गोट खरीक पंचायत पूरे प्रखंड की हृदयस्थली है। इस पंचायत की पहचान प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर और 100 वर्ष से भी अधिक पुराने गणेशपुर ठाकुरबाड़ी से है। इस पंचायत में खरीक रेलवे स्टेशन, पीएचसी व प्रखंड सह अंचल कार्यालय भी है। यहां के लोग मूल रूप से मजदूरी, कृषि, मत्स्यपालन और स्वरोजगार पर निर्भर हैं। पंचायत में सभी जाति व वर्ग के लोग हैं। किसानी के अलावा खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी यहां के लोग आगे हैं।
फसल और सब्जी बिक्री में परेशानी
ग्रामीण कहते हैं कि डेयरी होने की वजह से यहां दूध की बिक्री में परेशानी नहीं होती। पर फल, सब्जी व फसल बेचने के लिए बाहरी बाजार, व्यापारी और बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता है।
धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व
पंचायत में दोनों समुदाय के लोग एक साथ अपनी-अपनी धार्मिक गतिविधियों को आस्था, श्रद्धा व परंपरानुसार निभाते हैं। यहां गणेशपुर युवा संघ नाट्य कला परिषद आज भी सक्रिय है। शिक्षा के साधन
यहां इंटरस्तरीय स्कूल के साथ-साथ पांच-पांच प्राथमिक व मध्य विद्यालय है। यहां एक मदरसा भी है, जिसकी स्थापना 1950 में हुई थी।
पंचायत एक नजर में
- आबादी 15 हजार
- मतदाता आठ हजार
- चौरसिया, यादव, महादलित व मुस्लिम बहुल है क्षेत्र भौगोलिक स्थिति
गोट खरीक पंचायत के उत्तर में कोसी बहियार, नदी एवं ढोढि़या पंचायत, दक्षिण में ध्रुवगंज पंचयात, पूरब में तुलसीपुर और पश्चिम में खरीक बाजार है।
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कहती हैं मुखिया
बीते पांच वर्षो में करीब तीन करोड़ दस लाख की राशि से विकास कार्य हुआ है। बड़ी संख्या में लाभुकों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जोड़ा गया।
कई जरूरतमंदों को पीएम आवास योजना का लाभ दिलाया गया। गली-गली पक्की सड़क का निर्माण कराया। कई गरीब परिवार को कबीर अंत्येष्ठी योजना का लाभ दिया। दोबारा मौका मिला तो काम को और आगे बढ़ाया जाएगा।
- रोजी कुमारी, मुखिया कहते हैं मुखिया प्रतिनिधि
पंचायत की आबादी की जरूरत को देखते हुए यहां एक सामुदायिक भवन की जरूरत है। जलजमाव के समस्या के स्थाई समाधान के लिए सांसद व विधायक को पहल करनी चाहिए। मध्य विद्यालय गोटखरीक तक जाने के लिए रास्ता नहीं है। मुखिया ने स्थानीय लोगों को जमीन देने के लिए मनाया है। पर सरकारी उदासीनता के कारण यहां सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है।
- पुकुल कुमार, मुखिया प्रतिनिधि
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कहते हैं ग्रामीण
चनरदेव शर्मा कहते हैं कि पंचायत सरकार भवन के अलावा रनिग ट्रैक और जिम की व्यवस्था सरकार को करानी चाहिए। पंचायत के लोगों को उनके हुनर के मुताबिक इलाके में ही रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था हो। शंभु कुमार यादव कहते हैं कि पंचायत में गली-नली का कार्य संतोषप्रद हुआ है। मगर कई योग्य व जरूरतमंदों का आज तक राशन कार्ड नहीं बन पाया है। मेरे वार्ड में पक्की गली नली बन जाने के बाद अब चार चक्का वाहन मेरे घर की गेट तक आ जाता है। वकील चौधरी ने कहा कि पिछले पांच वर्षो में कई जरूरतमंदों को पीएम आवास योजना का लाभ मिला। यहां के युवा खेल से जुडे़ हैं। सेना व पुलिस में बहाली के लिए रनिग ट्रैक और अत्याधुनिक जिम की दरकार है। महेंद्र शर्मा ने कहा कि वृद्धापेंशन ससमय अपडेट नहीं होने से हम जैसे लोगों को परेशानी होती है। युवाओं के लिए रोजगार के साथ-साथ फसल, फल व सब्जी बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध कराने की जरूरत है।