वीडियो जारी कर कोरोना भगाने का मंत्र दे रहा बिहार का यह युवा कलाकार... सांस्कृतिक मंत्रालय ने किया सम्मानित

कोरोना के बढ़ते संक्रमण से हर कोई सहमा हुआ है। ऐसे में बिहार के पूर्णिया का युवा कलाकार मयंक वीडियो जारी कर लोगोंं को कोरोना से बचाव का मंत्र दे रहा है। इसके लिए उसे सांस्‍कृतिक मंत्रालय की ओर से भी पुरस्‍कृत किया गया है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 05:35 PM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 05:35 PM (IST)
वीडियो जारी कर कोरोना भगाने का मंत्र दे रहा बिहार का यह युवा कलाकार... सांस्कृतिक मंत्रालय ने किया सम्मानित
बिहार के पूर्णिया का युवा कलाकार मयंक।

 जागरण संवाददाता, पूर्णिया। कोरोना काल में जब लोग अपने से भी दूर चले गए थे। संक्रमण का डर लोगों को सता रहा था। उस दौरान लोग अपने घरों में बंद थे और एक -दूसरे से दूरी बना कर रख रहे थे। उस दौरान कलाकार मयंक ने समझदारी के साथ लोगों को संक्रमण से बचने के लिए सावधानी रखने के लिए जागरूक कर रहे थे। अपने कला का उपयोग करते हुए वीडियो बनाकर लोगों को सजग और सावधान रहने की सलाह दी। उनके इस प्रयास के लिए केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय ने पुरस्कृत किया। उनके वीडियो को वीडियो के लिए पुरस्कार मिला। अब वह ग्रामीण स्तर पर लोगों टीकाकरण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ऐसे मुश्किल समय में स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों के अलावा बहुत से आम लोग भी थे जिन्होंने लोगों को विभिन्न माध्यमों से संक्रमण के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिला मुख्यालय के कचहरी शिक्षा कॉलोनी निवासी मयंक रॉनी का प्रयास की सभी प्रशंसा कर रहे हैं। इन्होंने संक्रमण काल में स्थानीय स्तर पर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया। इसके अलावा अलग-अलग वीडियो के माध्यम से भी लोगों को संक्रमण को हल्के में न लेकर सतर्क रहने के लिए आगाह किया।

लॉकडाउन से ही लोगों को करने लगे जागरूक

कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया। महामारी के प्रति इतनी सतर्कता और इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न देशों में इतनी परेशानी से मयंक रॉनी को इसके भयावह होने का पूरा अंदाज हो गया। लॉकडाउन के बाद से ही अपने घर के आसपास के लोगों को उन्होंने इसके प्रति जागरूक करना शुरू किया। अगर कोई व्यक्ति उन्हें बिना मास्क के दिखे तो उन्हें मास्क लगाने के लिए बोलना और नहीं लगाने पर उसके दुष्परिणाम से परिवार को उसका खामियाजा भुगतने आदि जैसी बातों को बताते थे। मयंक रॉनी ने बताया कि कुछ लोगों के बीच मास्क के लिए बोलने लोगों के बीच सतर्कता आई।

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वीडियो बनाकर भी किया जागरूक

मयंक रॉनी ने बताया कि लॉकडाउन होने के बाद घर में रहकर उसने कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ वीडियो भी बनाए। उसमें उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए मास्क की महत्ता, कोविड पॉजिटिव होने पर स्वयं ही स्थानीय चिकित्सकों को इसकी जानकारी देना आदि बातें शामिल थी। उन्होंने बताया कि ये सभी वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया। जिसकी अच्छी प्रतिक्रिया भी लोगों से मिली।

केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय से मिला पुरस्कार

मयंक रॉनी ने बताया कि लॉकडाउन के समय में केन्द्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय के प्रतियोगिता के बारे में जानकारी मिली। जिसमें कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए वीडियो बनना था। वह वीडियो एक ही शॉट में बिना किसी तरह के कट या किसी प्रकार की एडिङ्क्षटग के बनाई जानी थी। इसके लिए एक वीडियो बनाया जिसमें कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर मृत एक व्यक्ति की भूमिका निभाई। साढ़े तीन मिनट के उस वीडियो में मरने के बाद व्यक्ति की आत्मा क्या सोचती है उसी पर आधारित थी। कोविड-19 के बचाव का पालन न करने और संक्रमित होकर मर जाने के बाद परिवार पर क्या गुजरती है। उसपर अभिनय किया था। ई-मेल के माध्यम से रिकॉर्ड वीडियो मंत्रालय को भेजने के कुछ दिन पश्चात मंत्रालय ने पुरस्कार स्वरूप दस हजार रुपए दिए गए। मयंक के लिए यह बहुत खुशी की बात थी। इससे उन्हें काफी प्रोत्साहन मिला।

वैक्सीन के लिए भी लोगों को कर रहे जागरूक

मयंक रॉनी ने बताया कि कोविड-19 से निपटने के लिए देश में वैक्सीन का निर्माण हो चुका है। चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों के बाद अब बुजुर्गों को वैक्सीन दी जा रही है। अभी भी कुछ लोग वैक्सीन को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं। ग्रामीण इलाके में खासकर लोगों के बीच काफी भ्रम है। लोगों को इसके विषय में गलत जानकारी फैलाने से बचना बहुत जरूरी है। वैक्सीन सुरक्षित है और संक्रमण से बचने के लिए बहुत जरूरी है।

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