Bihar Vidhan Sabha By-Election: तारापुर में थमा चुनाव प्रचार, 30 को मतदाता लगाएंगे जोर
Bihar Vidhan Sabha By-Election तारापुर में चुनाव प्रचार थम गया है। अब सब की नजर 30 नवंबर को होने वाली वोटिंग पर है। यहां का चुनाव कांग्रेस लोजपा द प्यूरल्स पार्टी सहित निर्दलीय उम्मीदवार के चुनाव मैदान में उतरने से चुनाव और रोचक हो गया है।
संवाद सूत्र, हवेली खडग़पुर (मुंगेर)। तारापुर विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर को होने जा रहे उप चुनाव के लिए 72 घंटे पूर्व बुधवार की शाम चुनाव प्रचार का शोर थम गया। उप चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ एनडीए और राजद के बीच होने की उम्मीद है। कांग्रेस, लोजपा, द प्यूरल्स पार्टी सहित निर्दलीय उम्मीदवार के चुनाव मैदान में उतरने से चुनाव और रोचक हो गया है। सभी दलालों ने आपने आपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास किया है।
तारापुर विधानसभा में जदयू विधायक मेवालाल चौधरी के निधन के कारण उप चुनाव हो रहा है। जदयू ने अपनी सीट को बरकरार रखने के लिए जगह जगह एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। सांसद, विधायक, मंत्री के अलावा संगठन के पदाधिकारियों की बूथ सेक्टर परिहार प्रभारियों की ड्यूटी लगा रखी थी। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने भी अलग-अलग जगहों पर एनडीए के पक्ष में मतदाताओं को करने के लिए सभाएं की। राजद अपनी खोई हुई सीट पर कब्जा जमाने के लिए पूरी ताकत की आजमाइश की। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कई बार विधानसभा के अलग-अलग स्थानों पर सभाएं की। नेताओं की बारी खत्म हो गई है। अब 30 अक्टूबर को मतदाता अपने अपने मत का प्रयोग कर तारापुर विधानसभा के विधायक का चयन करेंगे।
कौन-कौन प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में
तारापुर विधानसभा उप चुनाव में कुल नौ प्रत्याशी जदयू के राजीव कुमार ङ्क्षसह, राजद के अरुण कुमार साह, कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा, लोजपा (रामबिलास) से चंदन कुमार ङ्क्षसह, द प्यूरल्स पार्टी से वशिष्ठ नारायण सिंह, राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी से उपेंद्र सहनी, अंशु कुमारी, दीपक कुमार एवं शिव गांधी आदि प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़े हैं।
तारापुर विधानसभा सीट कांग्रेस ने वर्ष 1995 में तथा राजद ने वर्ष 2010 में खुद ह थी। इस सीट पर 2010 से जदयू का कब्जा बरकरार है। राजद और कांग्रेस एक ओर जहां अपनी खोई हुई सीट लाने की तैयारी में एड़ी चोटी एक किए हुए हैं। हालांकि दोनों तरफ दल महागठबंधन में रहने के बावजूद अपनी खोई हुई सीट को वापस लाने के लिए इस चुनाव में आमने-सामने हो गए हैं। वही सत्ता पक्ष के एनडीए ने इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा का सीट बना लिया है।