Bihar Shikshak Niyojan: शिक्षा मंत्री ने डिलीट कर दिया ट्वीट, अब क्या लिखेंगे? RJD ने कहा- बस अब और नहीं
Bihar Shikshak Niyojan प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2020 से पहले भी चर्चा में रहा अश्वासन मिला। कानूनी दांव पेंच के बाद किसी तरह प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन 2019 से अब तक ठोस नीतजे पर नहीं पहुंची। अब शिक्षा मंत्री के एक ट्वीट से सियासत गर्मा उठी ह...
आनलाइन डेस्क, भागलपुर। Bihar Politics: बिहार में लंबे समय से चल रही शिक्षक नियोजन (Bihar Shikshak Niyojan) की प्रक्रिया पूरी होने का नाम नहीं ले रही है। तकरीबन 1.25 लाख पदों पर 2019 को निकली भर्ती प्रक्रिया में अब तक दो चरणों की काउंसलिंग हुई है। अभ्यर्थी लगातार इंटरनेट मीडिया के जरिए अपनी आवाज मुखर कर रहे हैं। इसपर विपक्ष का साथ भी मिलता दिखाई दे रहा है। हर एक आनलाइन कैंपेन में विपक्ष इस नियोजन प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों का साथ देता रहा है। शायद इन्हीं सब को देखते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक ट्वीट किया। जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया।
अपने ट्वीट के चलते ट्रोल हुए शिक्षा मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'राज्य निर्वाचन आयोग से अनुमति मिलते ही छठे चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया जाएगा। अभ्यर्थी इन हालातों को संज्ञान में लें जिससे वे अनावश्यक किसी भ्रम का शिकार न हों।' इसके बाद शिक्षक अभ्यर्थी उन्हें ट्रोल करने लगे। साथ ही राष्ट्रीय जनता दल ने भी ट्विटर वार शुरू कर दिया। इसके पीछे की वजह शिक्षक अभ्यर्थी बताते हैं कि एक समय ऐसा था कि विभाग कहता था कि चुनाव और नियोजन प्रक्रिया का कोई लेना देना नहीं है। ये जारी रहेगी। उसके बाद इस बहाली में ऐसा मौन धारण हुआ कि कहीं से कोई सूचना नहीं मिल रही।
वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'ये सब उप चुनाव का लालीपाप है। अब तो झूठ भी आप लोगों से शर्माता होगा मा. मंत्री जी, कितना झूठ बोलियेगा। पहले आपने कहा कि शिक्षक बहाली पर आचार संहिता का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, फिर कहा अनुमती के लिए आयोग को पत्र भेजा गया है। अब उप चुनाव में स्थिती बिगड़ता देख फिर जुमलेबाजी।'
इमरान, कृष्णा, सौरव, बिट्टू समेत कई अभ्यर्थियों ने जागरण डाट काम से बात करते हुए कहा कि पहले शिक्षा मंत्री ने कहा था कि 15 अगस्त तक सभी को नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा। हमारा प्रदेश का विभाग जहां सबसे पहले इंटर और मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर देता है। वहां डिजिटल इंडिया के दौर में ये नियोजन प्रक्रिया इतनी देर से क्यों हो रही है। ये समझ में नहीं आता। शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि जब काउंसलिंग शुरू हुई, तो हम जहां प्राइवेट में पढ़ाते थे, उसे छोड़ दिया और तैयारी में लग गए। सभी दस्तावेज तैयार किए। अब काउंसलिंग के बाद वे सभी जमा है तो कहीं काम भी नहीं मिल रहा है।
शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि जल्द से जल्द काउंसलिंग पूरी हो और नियुक्ति पत्र मिले। यही मांग है। बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर कितनी रिपोर्ट्स सामने आती हैं ये सभी जानते हैं। हाल ही में यूनेस्को के आंकड़े हो या सदन में मांगी गई शिक्षकों के खाली पदों की सूची। बता दें कि बिहार में तकरीबन 06 लाख 88 हजार 157 पद स्वीकृत हैं। इतने पदों में 02 लाख 75 हजार 255 पद खाली हैं। संसद के पटल पर प्रश्न के जवाब में ये आंकड़ा निकलकर सामने आया था।