Bihar Politics: मंदार में दशकों पुरानी परंपरा पर लगेगा ब्रेक, सीएम नीतीश कुमार देंगे बड़ी सौगात
मंदार में दशकों पुरानी परंपरा पर अब ब्रेक लग जाएगा। सीएम नीतीश कुमार बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। इस सौगात की मांग यहां के लोग लंबी समय से कर रहे थे। आखिरकार वह समय आ गया जब यहां पर भी बिहार का दूसरा...!
जागरण संवाददाता, बांका। लंबे अरसे से मंदार की पहचान बन गई खाट की सवारी पर अब ब्रेक लगने जा रहा है। सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। इस सौगात के बाद शान और स्टेटस का सिंबल समझा जाने वाला खाट की सवारी पर ब्रेक लग जाएगी।
दरअसल, देश भर से पहुंचने वाले बड़ी संख्या में जैन श्रद्घालु और बुजूर्ग भक्त मंदार शिखर तक पहुंचने के लिए बग्घी या खाट का सहारा लेते थे। मंदार तराई की बस्ती झपनियां कदरसी का दो दर्जन परिवार पीढिय़ों से इस काम में जुड़ा है। परिवार के चार-पांच सदस्य अपनी बग्घी और खाट में भक्त को बिठा कर ऊपरी शिखर तक पहुंचाते थे। इस काम में उस परिवार की महिलाएं और बच्चे भी सहयोग करते थे।
कोई भक्त का थैला या सामान लेकर साथ चलता था तो महिलाएं छोटे बच्चों को गोद में लेकर पर्वत शिखर पर चढ़ते थे। भारी वजन के साथ पर्वत की चढ़ाई काफी कष्टप्रद होती थी। पैसे और जीविका के लिए यह परिवार आजादी के पहले से इस काम में जुड़ा रहा है।
बग्घी में भरना होता था पांच सौ से हजार रुपया
अभी मंदार के शिखर तक पहुंचने के लिए किसी भक्त को पांच सौ से हजार रुपया तक बग्घी वालों को भुगतान करना होता था। इसकी चढ़ाई में घंटे भर तक समय भी लग जाता था। अब रोप-वे शुरु हो जाने के बाद पर्वत शिखर जैन मंदिर तक पहुंचने में मुश्किल से 10 मिनट का वक्त लगेगा। साथ ही एक भक्त को वहां पहुंचने के लिए बस 50 से 80 रुपया भुगतान करना होगा।
वहीं, इस काम में लगे मिथुन लैया, गौतम लैया, शंकर लैया, राहुल लैया ने बताया कि उनके बाप-दादा भी भक्तों को मंदार शिखर पर पहुंचाने का काम करते रहे हैं। यही उनकी आमदनी का जरिया है। रोप-वे शुरु होने से उनलोगों का क्या होगा, कहना मुश्किल है। मंदार की उनकी पूरी बस्ती की जीविका का सहारा रहा है। अब कम पैसे में रज्जू मार्ग लोगों को शिखर तक ले जाएगा तो कोई उसकी सवारी नहीं करेगा। ऐसे में सरकार ने दरखास्त है कि मंदार में उनके लिए भी कोई काम ढूंढ निकाला जाएगा।