Bihar Politics: बीमा-अवधेश की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने पंचायत के रास्ते आईं रानी भारती
Bihar Politics बिहार पंचायत चुनाव 2021 में कई नए चेहरे जीत दर्ज करा राजनीति में कदम बढ़ाने की ओर हैं। ऐसे में पूर्व मंत्री और विधायक बीमा भारती की पुत्री रानी भारती की जीत भी इस बात का संकेत दे रही है कि अब वे राजनीतिक विरासत के लिए...
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। Bihar Politics: बिहार विधानसभा 2021 के दो चरण में जिले के तीन प्रखंडों में संपन्न हुए चुनाव में जिला परिषद की सभी आठ सीटों पर नए प्रत्याशियों ने अपना परचम फहराया है। बनमनखी में चार, बड़हरा कोठी एवं भवानीपुर के दो-दो सहित आठ सीट पर सभी नए प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। उनमें अब तक हुए चुनाव में सबसे चर्चित सीट भवानीपुर जिला निर्वाचन क्षेत्र संख्या-सात रहा है। वहां से विधायक बीमा भारती की पुत्री पहली बार चुनाव में उतरीं और बड़े अंतर से जीत दर्ज कर भावी राजनीति में सक्रियता का संकेत दे दिया।
रूपौली विधानसभा क्षेत्र से करीब 20 साल से लगातार विधायक रहीं बीमा भारती और कभी प्रखंड प्रमुख रहे दबंग अवधेश मंडल की बेटी रानी भारती ने करीब पांच हजार मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निवर्तमान जिप सदस्य नासरीन खातून को हराया। रविवार की देर रात जब भवानीपुर प्रखंड की मतगणना शुरू हुई तो सभी बेचैनी से परिणाम का इंतजार कर रहे थे। देर रात जब पहला परिणाम आया जो रानी भारती के पक्ष में था। जीत की घोषणा के साथ ही उनके समर्थकों में उल्लास फैल गया। सभी बीमा भारती और अवधेश मंडल के नारे लगाने लगे। अचानक सर्द रात का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया तथा राजनीति से जुड़े लोगों के मोबाइल की घंटियां बोलने लगीं। यह सूचना राजनीतिक क्षेत्र में आग की तरह फैल गई।
दरअसल राजनीति में विरासत की परंपरा यहां नई नहीं है। कोसी-सीमांचल में राजनीति की लंबी पारी खेलने वाले कई माननीय अब अपनी अगली पीढ़ी को इस क्षेत्र में लाने को बेताब हैं। लेकिन विधायक बीमा एवं अवधेश मंडल ने आगे बढ़ कर अपनी पुत्री को सबसे पहले अखाड़े में उतारकर सब को चौंका दिया है। दरअसल बीमा-अवधेश के बेटे दीपक की रहस्यमय मौत गत साल पटना में हो गई है। शायद वह जीवित होता तो रानी की जगह चुनाव मैदान में होता। लेकिन दीपक की जगह अब रानी ने ले ली है। दिल्ली से बीबीए कर रहीं रानी की जीत के कई मायने निकाले जा रहे हैं। एक तो वह बाहुबली परिवार से आती हैं दूसरी वेल एडुकेडेट भी हैं। ऐसे में वे राजनीति में अच्छी पारी खेल सकती हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अबकी जिला परिषद अध्यक्ष पद उनका अगला टारगेट होगा। इसके बाद वे आगे की राजनीति में कदम बढ़ाएंगी।