Bihar Panchayat election : कार्यकाल पूरा होते ही मुखिया जी का बदला पदनाम, अब कहिए प्रधान जी, प्रमुख और जिप अध्यक्ष भी बन गए प्रधान

Bihar Panchayat election कोरोना के कारण बिहार में पंचायत चुनाव बाधित है। ऐसे में कार्यकाल पूरा होने के बाद समिति का गठन किया गया है। मुखिया जी को पंचायत स्‍तरीय समिति का प्रधान बनाया गया है। इससे उनका पदनाम अब बदल गया है। वे प्रधान जी बन गए हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 04:02 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 04:02 PM (IST)
Bihar Panchayat election : कार्यकाल पूरा होते ही मुखिया जी का बदला पदनाम, अब कहिए प्रधान जी, प्रमुख और जिप अध्यक्ष भी बन गए प्रधान
Bihar Panchayat election : कोरोना के कारण बिहार में पंचायत चुनाव बाधित है।

जागरण संवाददाता, सुपौल। Bihar Panchayat election : 2016 में गठित त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरी का कार्यकाल मंगलवार को पूरा होते ही बुधवार से मुखिया जी का पदनाम भी बदल गया। अब मुखिया जी परामर्श समिति के प्रधान के नाम से जाना जाने लगे हैं। इसी तरह प्रखंड प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष और सरपंच भी अपने-अपने परामर्श समिति के अध्यक्ष के नाम से जाने जा रहे हैं। जबकि अन्य सभी प्रतिनिधि समिति के सदस्य अथवा उपाध्यक्ष हो गए हैं।

सुपौल में कुल 181 पंचायत और 25 जिला परिषद सदस्य का होता है चुनाव

जिसके तहत जिले के 181 मुखिया व सरपंच 255, पंचायत समिति सदस्य 25, जिला परिषद सदस्य तथा 2529, वार्ड सदस्य व पंच बुधवार से नए पद नाम से जाने जा रहे हैं। दरअसल पंचायती राज व्यवस्था के तहत 2016 में गठित पंचायती राज संस्थाओं व ग्राम कचहरी का निर्वाचन कार्य कोरोना संक्रमण के कारण समय से संभव नहीं हो पाया। जिसके कारण सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर परामर्श समिति के गठन का फैसला लिया। जो परामर्शी समिति बुधवार से अपने अस्तित्व में आ गया तथा पंचायत प्रतिनिधियों का पद नाम भी बदल गया।

ऐसे बदल गई पूरी व्यवस्था

पंचायती राज व्यवस्था में किए गए संशोधन के अनुसार अब वार्ड, पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद का काम परामर्शी समितियों के जिम्मे हो गया। जिसके तहत पंचायत के मुखिया परामर्शी समिति के अध्यक्ष बनाए गए। विघटित पंचायत के सभी निर्वाचित वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, ग्राम पंचायत के प्रधान सदस्य बन गए। मुखिया का पद नाम प्रधान परामर्शी समिति ग्राम पंचायत हो गया। हालांकि प्रधान परामर्श समिति के सभी काम करेगी जो एक मुखिया करते थे। इसी तरह पंचायत समिति, जिला परिषद, ग्राम कचहरी का क्रमश: प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष व सरपंच अपने-अपने परामर्श समिति के अध्यक्ष कहलाने लगे हैं। जब तक चुनाव नहीं होता है तब तक यही व्यवस्था लागू रहेगी।  

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