Bihar Panchayat Election 2021: देश भक्ति की धुन और भोजपुरिया तरानों के बीच दिलचस्प है पूर्णिया में चौपालों का रंग

पूर्णिया में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। 20 व 24 अक्टूबर को होने वाले चुनाव को लेकर प्रचार परवान पर है। बीस अक्टूबर को धमदाहा प्रखंड में चुनाव होना है...। इसके महज चार दिन बाद श्रीनगर व केनगर की बारी है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 12:52 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 12:52 PM (IST)
Bihar Panchayat Election 2021: देश भक्ति की धुन और भोजपुरिया तरानों के बीच दिलचस्प है पूर्णिया में चौपालों का रंग
पूर्णिया में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। रुक-रुककर गुजरती चार पहिया लग्जरी, आटो व टोटो से गूंजती देश भक्ति के गीत, भोजपुरी धुनों पर तैयार चुनावी गीत का शोर...। चौपालों में जमी चौकड़ी व धुंआधार चलती बहस...। प्रत्याशियों की आहट से चौकड़ी में जमे लोगों के चेहरे में आती-जाती मुस्कान व फिर अपनी लय में लौटना...। चुनावी पर्व का यह माहौल फिलहाल जिले में तीन प्रखंडों के गांवों में आम है। बीस अक्टूबर को धमदाहा प्रखंड में चुनाव होना है...।

इसके महज चार दिन बाद श्रीनगर व केनगर की बारी है। तीनों प्रखंडों की सीमा भी लगभग किसी न किसी दिशा में मिला हुआ है और इससे चुनावी शोर की एक बड़ी परिधि बनी हुई है।

लग रहा टोला-टोली का हिसाब, आखिरकार उलझ जाती है गणित

चुनाव की नजदीक आती तिथि के अनुसार चौपालों की बहस में तीखापन आने लगा है। विभिन्न पदों के अनुसार टोला-टोली का हिसाब लगने लगा है। जाति व अन्य आधार की गणित के साथ पैसे व शराब के पेंच को भी सुलझाने की कोशिश की जाती है। यद्यपि बहस का निष्कर्ष अब भी निर्णायक मोड़ तक नहीं पहुंच पा रही है।

सामाजिक माहौल में तानातानी, कन्नी काट रहे लोग

चुनावी शोर के साथ सामाजिक माहौल में भी गरमाहट बढऩे लगी है। एक ही गांव या फिर टोले से एक से अधिक उम्मीदवार होने की स्थिति में आम लोग किसी भी पक्ष में दिखने अथवा उनके साथ होने से कन्नी काटने लगे हैं। लोग हर प्रत्याशी को उचित दिलासा देकर अब उचित वक्त का इंतजार कर रहे हैं।

पदों के अनुसार प्रचार के रंग में भी विविधता

जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य व पंच पद के होने वाले इस चुनाव में प्रचार की भी विविधता है। आम तौर पर पांच-छह पंचायतों का क्षेत्र होने के कारण अधिकांश जिला परिषद सदस्य पद के प्रत्याशी चार पहिया या फिर निदान आटो से अपने प्रचार को गति देने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

कई मुखिया व सरपंच के प्रत्याशी भी बाइक से लेकर चार पहिया वाहन तक का उपयोग कर रहे हैं। आटो व टोटो पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगा ऐसे प्रत्याशी अपने प्रचार के रंग को गहरा करने में जुटे हुए हैं। यही स्थिति कमोवेश पंचायत समिति सदस्य पद के प्रत्याशियों की भी है। इधर पंच व वार्ड सदस्य के प्रत्याशी पूरी तरह साइकिल, पैदल व बाइक के सहारे मैदान मारने की जुगत में जुटे हुए हैं।

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