Bihar: अब प्राकृतिक आपदाओं के पहले बज उठेगा सायरन, जानिए... क्‍या है योजना

Bihar प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को आगाह करने के लिए सायरन का सहारा लिया जा रहा है। इसे लेकर अररिया के कई जिलों के थाने में शामिल किया जाएगा। अन्य थानों में भी सायरन लगाने का कार्य जारी है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 04:19 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 04:19 PM (IST)
Bihar: अब प्राकृतिक आपदाओं  के पहले बज उठेगा सायरन, जानिए... क्‍या है योजना
प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

अररिया [राकेश मिश्रा]। बाढ़, तूफान व अन्य प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को आगाह करने के लिए अररिया में सायरन का सहारा लिया जा रहा है। इसे लेकर अररिया, फारबिसगंज, पलासी, जोगबनी और जोकीहाट थाना शामिल है। अन्य थानों में भी सायरन लगाने का कार्य जारी है। पूर्व में प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व सूचना नहीं मिल पाने के कारण बड़ी संख्या में लोग काल कलवितत हुए हैं। अब पूर्व सूचना उपलब्ध हो जाने के कारण लोग ससमय अपने जान- माल की सुरक्षा करने में सक्षम होंगे। इस संबंध में एडीएम सह प्रभारी जिलाधिकारी अनिल कुमार ठाकुर ने बताया कि अररिया बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। हर साल जिलेवासी बाढ़ की विभीषिका को लेकर चिंतित रहते है। कब बाढ़ की विभीषिका जिलेवासियों के सामने आ खड़ी होती है इसकी पूर्व सूचना जिलेवासियों को उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती होती थी। जब तक जिलेवासियों को इसकी सूचना उपलब्ध होती तब तक एक बड़ी आबादी को बहुत कुछ गंवाना पड़ जाता था। सायरन कि अनुपलब्धता के कारण जिला प्रशासन को कोई भी सूचना आम लोगों तक पहुंचाने में काफी परेशानी होती थी। सायरन लगने के बाद लोगो को सावधान करने में काफी आसानी होगी और लोग खुद को समय रहते सुरक्षित कर पायेंगे।

बस एक स्विच से बड़ी आबादी को सूचना पहुुंचाने में सक्षम है सायरन- जिला प्रशासन द्वारा सूचना को सहज बनाने के लिए किया गया प्रयोग अनूठा है। अररिया के थानों में लगाया गया सायरन काफी आधुनिक और चंद मिनटों में बड़ी आबादी को सूचना पहुंचाने में सक्षम है। जिलाधिकारी के खास अनुरोध पर दिल्ली के एक नामी गिरामी कंपनी द्वारा सायरन को तैयार किया गया है। प्रत्येक सायरन के लिए 50 हज़ार से अधिक की राशि खर्च की गई है। थानों में लगाये गए सायरन को उच्च क्षमता स्पीकर और मशीन से कनेक्ट किया गया। बाढ़, आपदा या किसी अन्य खतरे की सूचना मिलते ही बस स्विच के एक क्लिक होने पर जिलेवासी सहित एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, अस्पताल प्रशासन, पुलिस, और अन्य सरकारी कर्मी अलर्ट हो जायेंगे और खतरे से एक बड़ी आबादी को बचाया जा सकेगा।

जिलाधिकारी के आदेश पर संचालन वरना अपराध- थानों में लगाये गए सायरन उच्च क्षमता से लैस है। मॉकड्रिल के दौरान जिलेवासियों को इसकी पूर्व सूचना उपलब्ध करा दी गई थी। जिलाधिकारी के मौजूदगी में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया वो भी केवल कुछ सेकेंड तक। मिली जानकारी के अनुसार जिले में प्राकृतिक आपदा के वक्त जिलाधिकारी के आदेश पर सभी थाना द्वारा लगातार इसका संचालन किया जायेगा ताकि आम लोग सतर्क हो सके।

देर रात आती थी बाढ़, सुबह तक सब कुछ खत्म- सायरन के विषय मे जानकारी साझा करते हुए हनुमंत नगर वार्ड संख्या 16 निवासी और समाजसेवी मनोज मिश्रा ने बताया कि जिले में बाढ़ का प्रकोप हर साल रहता है। 2017 में आई बाढ़ की विभीषिका से आज भी दिल दहल जाता है। वहीं ग्रामीण प्रकाश पासवान, अनवर अंसारी आदि ने बताया कि पहले देर रात में बाढ़ आती थी। सुबह तक सबकुछ खत्म हो जाता था। अब समय रहते बचा सकेंगे।

खराब मौसम में बैट्री से सप्ताह भर चलेगा सायरन- थानों में लगाए गए सायरन से पूर्व किसी प्राकृतिक आपदा आने पर जिला प्रशासन द्वारा माइकिंग कराई जाती थी। जिले में बाढ़ आने पर माइकिंग कराना भी संभव नही होता था। बिजली की आपूर्ति बाधित हो जाती थी। टीवी और मोबाइल का नेटवर्क खत्म हो जाता था। जिलेवासियों तक सही सूचना पहुंचाना लगभग दुर्लभ हो जाता था, लेकिन अब सायरन की मदद से ये काफी आसान होगा। अब बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में भी एक सप्ताह तक बैट्री या जेनरेटर से संचालित की जा सकती है। खराब मौसम में भी इसका संचालन कर लोगो को सचेत किया जा सकता है।

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