Bihar: बच्चों के दिल में है छेद तो यहां कराएं मुफ्त में इलाज, ऐसी है यहां की व्‍यवस्‍था

अब बच्‍चों को अगर दिल की बीमारी है तो ज्‍यादा परेशान होने की जरुरत नहीं है। बिहार के जमुई जिले के कई बच्‍चों का इलाज हो चुका है। आप भी जानिए तो मुफ्त में कहां व किसी तरह इलाज होता है इसकी जानकारी ले लीजिए।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 09:11 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 09:11 AM (IST)
Bihar: बच्चों के दिल में है छेद तो यहां कराएं मुफ्त में इलाज, ऐसी है यहां की व्‍यवस्‍था
बच्‍चों के दिल में छेद होने का इलाज किया जाएगा।

जमुई [राजेश कुमार सिंह]। बाल हृदय योजना की शुरुआत हुई है। इस योजना की शुरूआत हुए कुछ ही हफ्ते ही हुए हैं । इसके उद्देश्यों के प्राप्त होने की चर्चा समुदाय स्तर पर हो रही है। इसके तहत वैसे बच्चों का मुफ्त में इलाज कराया जा रहा है, जिनके दिल में छेद है । इसी क्रम में खैरा प्रखंड के खुटौना और हर्दिमोह गांव के दो बच्चों का गुजरात के अहमदाबाद स्थित प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से 2 से 8 अप्रैल के दौरान इलाज किया गया। दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं । इसके बाद आरबीएसके के विशेषज्ञ चिकित्सकों के दल, आंगनबाड़ी सेविकाओं और आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से 10 बच्चों की पहचान व स्क्रीनिंग हुई है। नोडल पदाधिकारी और सिविल सर्जन की अनुशंसा के उपरांत इन्हें इलाज के लिए भेजा जाएगा।

प्रियंका कुमारी के बड़े भाई करमचन्द्र कुमार ने कहा मेरी बहन जब से इलाज कराकर कर वापस लौटी है उसे शुरुआती दो दिनों बाद हिचकी की शिकायत हुई थी जो जिला समन्वयक, राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम के डॉ. कृष्णमूर्ति की सलाह लेने के बाद ठीक हो गई । उसके बाद वो हम सबों के साथ और बच्चियों की तरह खेलकूद, पढाई और घरेलु कार्यों में भी हाथ बटाने लगी है । यह केवल बाल ह्रदय योजना के तहत निःशुल्क इलाज का ही परिणाम है । इसको लेकर प्रियंका की चाची पिंकी देवी और रामू मंडल (चाचा) ने कहा प्रियंका को जन्म के बाद इतने प्रसन्न हमने कभी नहीं देखा था और अब बहुत ख़ुशी हो रही है । सरकार की इस योजना से और लोगों को जोड़ने के लिए लगातार हम सब जागरूक कर रहे हैं ।

इस क्षेत्र की आंगनबाड़ी केंद्र सेविका रीता देवी ने बताया प्रियंका और उनके अभिभावकों से नियमित अनुश्रवण के क्रम में ये जानकर ख़ुशी हुई कि सरकार के इस प्रयास से वो बच्ची ही नहीं पूरा परिवार खुशहाली से जीवन जीने लगा है ।

रितेश को स्वस्थ पाकर सभी डॉक्टर और सरकार के लिए दिल से दुआ निकल रही

रितेश कुमार-( 6 वर्ष) के पिता उमेश रविदास ने बताया क्या बताऊँ साहब जिस दौरान मेरे बच्चे का इलाज हुआ मैं कोलकाता में मजदूरी करने गया था । पिछले सप्ताह लौटा हूं। रितेश को स्वस्थ पाकर सभी डॉक्टर और सरकार के लिए दिल से दुआ निकल रही है । यहां तक मुझसे आपसी रंजिश रखने वाले पड़ोसियों ने भी बहुत सहारा दिया । जिसमें 40 वर्षीय राज कुमार दास और रिंकू देवी (-35 वर्ष) तो रितेश की खुशहाली से आह्लादित हैं और सरकार को धन्यवाद् करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका सुशीला दीदी और आशा कार्यकर्त्ता रेखा देवी रितेश का अक्सर हालचाल पूछती व जरूरी सलाह देती हैं ।

हम लोग लगातार ऐसे बच्चों के पहचान में करने को प्राथमिकता के तौर पर आगे बढ़ रहे हैं । जहां भी ह्रदय में ऐसी परिशानियों वाले बच्चों की जानकारी मिले तो तत्काल अपने निकटतम आंगनबाड़ी सेविका/आशा कार्यकर्त्ता या प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र से संपर्क करें। -डॉ. रमेश प्रसाद,जिला नोडल पदाधिकारी,राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, जमुई

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