Bihar Flood: खतरे के निशान से ऊपर चल रहा कोसी का पानी, खगड़िया में बारुण स्थल के पास कटाव जारी

Bihar Flood खगड़िया में कोसी का कहर जारी है। यहां अभी भी कोसी खतरे के निशान से ऊपर बहर रही है। वहीं फ्लड फाइटिंग का कार्य जारी है। चोढ़ली जमींदारी बांध के बारुण स्थल के पास कटाव शुरू हो गया है।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 07:34 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 07:34 PM (IST)
Bihar Flood: खतरे के निशान से ऊपर चल रहा कोसी का पानी, खगड़िया में बारुण स्थल के पास कटाव जारी
Bihar Flood: कोसी का कहर जारी, तेजी से हो रही कटान।

जागरण संवाददाता, खगड़िया। Bihar Flood: बिहार में कोसी में उफान जारी है। अभी भी खगड़िया के बलतारा में कोसी खतरे के निशान से एक मीटर एक सेमी ऊपर बह रही है। हालांकि, मंगलवार को कोसी की टेंडेंसी घटने की बताई गई है। दूसरी ओर कोसी में बढ़े जलस्तर के चलते कटान तेजी से हो रही है। दियारा इलाके के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। लोग विस्थापित होकर ऊंचे स्थानों का रुख कर चुके हैं।

दूसरी ओर चोढ़ली जमींदारी बांध के अतिसंवेदनशील बिंदु बारुण स्थल (13 किलोमीटर) के पास मंगलवार को कटाव शुरू हो गया है। यहां बाढ़ पूर्व कराए गए कटाव निरोधक कार्य के अप स्ट्रीम में नए जगह पर कटाव शुुरू हुआ है। नदी बांध की टोह से दूर है, लेकिन करंट बहुत तीव्र है। धीरे-धीरे नदी बांध की ओर शिफ्ट हो रही है। तत्काल फ्लड फाइटिंग कार्य शुरू कर दिया गया है।

नदी के करंट को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। बाढ़ नियंत्रण मंडल-दो, खगड़िया के एसडीओ राजेश कुमार और कनीय अभियंता मणिकांत पटेल यहां कैंप कर रहे हैं। मालूम हो कि यहां बीते माह भी फ्लड फाइटिंग कार्य कराया गया था। इधर सूचना पर फ्लड फाइटिंग फोर्स के अध्यक्ष ई शैलेश कुमार सिंह और बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो के कार्यपालक अभियंता गणेश प्रसाद सिंह ने कटाव स्थल का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

'चोढ़ली जमींदारी बांध के बारुण स्थल के पास कटाव शुरू हो गया है। फ्लड फाइटिंग कार्य शुरू कर दिया गया है। खतरे की कोई बात नहीं है।'- गणेश प्रसाद सिंह, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगड़िया।

बता दें कि खगड़िया में हर साल कोसी कहर बरपाती है। बाढ़ में कई घर स्कूल नदी में समाहित हो जाते हैं। बाढ़ के समय तटबंधों में विशेष निगरानी रखी जाती है। फ्लड फाइटिंग का कार्य भी तेजी के साथ किया जाता है। लेकिन नदी के बहाव के आगे कई दफा तटबंध टूट जाते हैं, जो बाढ़ का बड़ा कारण बनते हैं।

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