Bihar: CM नीतीश ने JLNMCH में भर्ती कोरोना संक्रमितों का जाना हाल-चाल, चिकित्‍सकों से कही यह बड़ी बात

Bihar मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमित मरीजों से पूछताछ की। वे आज भागलपुरके जवाहरलाल नेहरू चिकित्‍सा महाविद्यालय अस्‍पताल के मरीजो से वीडिया़े कॉफ्रेंसिंग से जुड़े थे। साथ ही उन्‍होंने यहां की व्‍यवस्‍था का भी अध्‍ययन किया। कई निर्देश दिए।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 10:25 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 10:25 PM (IST)
Bihar: CM नीतीश ने JLNMCH में भर्ती कोरोना संक्रमितों का जाना हाल-चाल, चिकित्‍सकों से कही यह बड़ी बात
वीडियो कॉफ्रेंसिंग कर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना मरीजों की जानकारी ली।

जागरण सवांददाता, भागलपुर। शानिवार को सीएम नीतीश कुमार ने मायागंज अस्पताल के आइसोलेशन विभाग में भर्ती सात मरीज़ों से हालचाल पूछा और कई काउंटर भी देखे। कॉन्फेसिंग करीब 5.30 में कई गयी। कॉन्फेसिंग के समय डीएम, सीएस, प्रभारी प्राचार्य डॉ उमा शंकर सिंह, अस्पताल अधीचक, आइसोलेशन विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉ पीबी मिश्रा और डॉ हेम शंकर शर्मा थे।

वीडियो कॉन्फेसिंग के माध्यम से कमरा संख्या 19 में तीन, 20 में तीन ओर 23 में एक भर्ती कोरोना मरीजों से भी बात की। एक मरीज शनिवार को ही भर्ती हुआ था, हालात गंभीर थी। इसलिए सीएम जब उनसे हाल जानना चाहा तो वे बोल नहीं पाए। दूसरा मरीज से भोजन के बारे में जब सीएम ने सवाल किया तो उसने बताया कि सुबह-शाम अंडा और दूध मिलता है। भोजन भी समय पर दिया जाता है। तीसरा मरीज ने कहा कि अगर इसी तरह अस्पताल इलाज होता रहा तो मुझे दो दिनों में ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। सीएम ने रजिस्ट्रेशन काउंटर, डिस्चार्ज काउंटर और ऑक्सीजन नहीं मिलने के लिए बनाए गए काउंटर को भी देखा।

उन्होंने अस्पताल अधीचक से पूछा कि इतने मरीज़ों की मौत क्यो हो रही है। तो अधीचक ने कहा कि ज्यादातर गंभीर मरीज आते हैं साथ ही कई जिलों के मरीजों को भर्ती किया जाता है।आईसीयू प्रभारी डॉ महेश कुमार ने आईसीयू में मानव बल बढ़ाने की मांग की। क्योकि भर्ती मरीजों को कुछ भी जरूरत हो तो पूरी कर सके। सीएम में बहाली करने का निर्देश दिया। सीएम में कहा कि चार बेड रखे कि गम्भीर मरीजों का तुरंत इलाज शुरू किया जाय, कागजात बाद में बनते रहेंगे।

स्वजनों की शिकायत पर डॉक्टरो की रोस्टर ड्यूटी बनाने का डीएम ने दिया निर्देश

मरीज के स्वजनों की डॉक्टर नही आते हैं कि शिकायत पर डीएम ने अस्पताल अधीचक को डॉक्टरो की रोस्टर ड्यूटी बनाने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा कि डॉक्टर विभाग में राउंड करें। मरीज के स्वजनों को पास दे। जिन्हें पास नहीं मिला है, उनका विभाग में प्रवेश नही करने दे। जो स्वजन डॉक्टर के इलाज से सन्तुष्ट नहीं हैं वे वरीय डॉक्टर से मिल सेक्टर हैं। जो दवा या चिकित्सकीय उपकरण नहीं हैं उसकी खरीदने का भी निर्देश दिया।

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