बिहार चुनाव 2020 : कहलगांव विधानसभा में बढ़ने लगा ध्रुवीकरण, 28 अक्टूबर को होगा चुनाव

Bihar Assembly Elections 2020 कहलगांव विधानसभा में मुख्‍य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा उम्‍मीदवारों के बीच है। कांग्रेस ने सदानंद सिंह के पुत्र शुभानन्द मुकेश को उम्‍मीदवार बनाया है तो भाजपा ने पवन यादव को। इस बार कहना मुश्किल है कि किनकी जीत होगी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 01:22 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 08:41 PM (IST)
बिहार चुनाव 2020 : कहलगांव विधानसभा में बढ़ने लगा ध्रुवीकरण, 28 अक्टूबर को होगा चुनाव
कहलगांव विधानसभा के भाजपा प्रत्‍याशी पवन यादव और कांग्रेस प्रत्‍याशी शुभानन्द मुकेश।

भागलपुर [कुमार आशुतोष] । Bihar Assembly Elections 2020 : प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को कहलगांव विधानसभा में मतदाता अपने नये विधायक के चुनाव के लिए मतदान करेंगे। यूं तो मैदान में कुल चौदह उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र में सीधा मुकाबला एनडीए और यूपीए के बीच है।मतदाताओं के बीच सीधी गोलबंदी हो रही है।

यहां का चुनाव भी रोचक है। कांग्रेस के टिकट पर आठ बार और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर एक बार यानी कुल नौ बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके कांग्रेस के दिग्गज नेता सदानंद सिंह चुनावी राजनीति से सन्यास ले चुके हैं। इस बार बतौर उम्मीदवार इनके पुत्र शुभानन्द मुकेश कांग्रेस के टिकट पर चुनाव के मैदान में हैं।  वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी भाग्य आजमाते हुये लगभग छब्बीस हजार मत प्राप्त करने वाले पवन यादव भाजपा से चुनाव के मैदान में हैं। लंबे अरसे के बाद कहलगांव विधानसभा क्षेत्र में कमल निशान मतदाताओं के सामने है।

विगत विधानसभा चुनाव से ही बड़ी संख्या में लोगों का यह मानना था कि यदि पवन यादव भाजपा के चुनाव चिन्ह पर मैदान में होते तो चुनावी नतीजा कुछ और हो सकता था। आसन्न चुनाव में ऐसी सोच रखने वाले लोगों की इच्छापूर्ति हुई है। सोशल मीडिया पर कई सदानंद सिंह के पुत्र के चुनाव लड़ने को ताजपोशी की संज्ञा दे रहे हैं। ऐसे में सदानंद सिंह के कार्यकाल से विक्षुब्ध मतदाताओं का कोपभाजन भी पुत्र को ही बनना पड़ेगा।  दूसरी ओर पवन यादव के चुनाव में उतरने से राजद का एमवाई समीकरण दरक चुका है।एक तरफ लंबे अरसे बाद भाजपा के टिकट पर मजबूत प्रत्याशी के उतरने से भाजपा कार्यकर्ता इस क्षेत्र में पहली बार कमल खिलाने के लिए उत्साहित है और जी जान से मेहनत कर रहे हैं। साथ ही सहयोगी दलों का साथ भी उन्हें मिल रहा है।

वहीं सदानंद सिंह भी पुत्र की ताजपोशी के लिए पूरी मुश्तैदी से हर व्यवस्था पर निगरानी बनाये हुये हैं। कांग्रेस के लिए इस क्षेत्र की अहमियत इससे समझी जा सकती है कि चुनाव प्रचार में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव यहां सभा कर चुके हैं। दूसरी ओर भाजपा के राजनाथ सिंह, नित्यानंद राय, मनोज तिवारी, अर्जुन मुंडा की सभा हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भगालपुर में चुनावी सभा को संबोधित किया था।  दोनों पक्षों द्वारा मतों के गोलबंदी का पुरजोर प्रयास चल रहा है। मुकाबला कांटे का और अत्यंत रोचक स्थिति में पहुंच चुका है।

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