बिहार चुनाव 2020 : पोस्टल बैलेट के पेच में पिछड़ गए बुजुर्ग

Bihar Assembly Elections 2020 कोरोना के कारण 80 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के साथ दिव्यांगों व कोरोना मरीजों के लिए पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा मुहैया कराई। पोस्टल बैलेट के पेच में बुजुर्ग पिछड़ गए हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 01:48 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 01:48 PM (IST)
बिहार चुनाव 2020 : पोस्टल बैलेट के पेच में पिछड़ गए बुजुर्ग
पूर्व बिहार की प्रथम चरण की 16 सीटों पर चुनाव होगा।

भागलपुर [शंकर दयाल मिश्रा]। इस दफे बुजुर्गों का मतदान प्रतिशत बहुत कम रहने के आसार हैं। अब तक पोस्टल बैलेट के पेच में बुजुर्ग पिछड़ गए हैं। आठ फीसद से भी कम बुजुर्ग ही इस माध्यम से मतदान कर पाए। कोरोना के कारण चुनाव आयोग ने 80 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के साथ दिव्यांगों व कोरोना मरीजों के लिए पोस्टल बैलेट से मतदान करने की सुविधा मुहैया कराई। आयोग इन चिह्नित मतदाताओं से भी अधिकतम मतदान कराने में विफल साबित हुआ।

प्रथम चरण की सीटों पर बुजुर्गों-दिव्यांगों व कोरोना पीडि़तों लिए पोस्टल बैलेट से मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। दूसरे चरण की सीटों पर चुनाव इस माध्यम से मतदान प्रक्रिया अंतिम चरण में है। चिंताजनक पहलू यह कि स्वीकृत आवेदकों से भी पूरा मतदान नहीं करा पाया। भागलपुर जिले के कहलगांव विधानसभा क्षेत्र में 5423 बुजुर्ग वोटरों में से महज 324 का ही पोस्टल बैलेट से मतदान का आवेदन मिला और बुधवार शाम तक इसमें से महज 97 लोगों से वोट कराया जा सका। बाकी यहां प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को बूथों पर वोटिंग होगी।

पूर्व बिहार की प्रथम चरण की 16 सीटों पर नजर डालें तो पोस्टल बैलेट से मतदान करने वालों के आवेदन ही बहुत कम आए। जमुई जिले की सिकंदरा सीट पर 80 वर्ष से अधिक उम्र के 4707 मतदाता हैं। यहां पोस्टल बैलेट से मतदान के लिए महज 366 आवेदन स्वीकृत हुए। यह कुल वोट का महज 7.78 फीसद है। इसमें भी आश्चर्यजनक यह कि आयोग की टीम इतने लोगों से भी वोट नहीं करा पाई। इसी जिले के चकाई सीट में 5456 बुजुर्ग मतदाताओं में से 312 लोगों का आवेदन स्वीकृत हुआ। यह कुल वोट का महज 5.71 फीसद रहा। यहां पोस्टल बैलेट से वोट डालने वाले बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या 283 रही। जमुई जिले के जमुई में 265 और झाझा में 308 बुजुर्गों को यह मौका मिला। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में करीब 8800 बुजुर्ग हैं। दूसरे चरण की विधानसभा सीटों पर भी पोस्टल बैलेट से मतदान के प्रति आयोग की टीम की उपेक्षा साफ नजर आ रही है। यहां भी पोस्टल बैलेट के लिए आए व स्वीकृत आवेदनों की संख्या कुल बुजुर्ग वोटरों के महज पांच-सात फीसद ही हैं।

बैलेट पेपर से मतदान पर बना रहा भ्रम

बुजुर्गों को बैलेट पेपर से वोटिंग कराने पर हर ओर भ्रम की स्थिति बनी रही। निर्वाचन आयोग के मुताबिक बुजुर्गों को फार्म 12डी भरकर निर्वाचन ऑफिस में जमा करना है। तब बुजुर्गों के स्वजन ने कहा कि जब फार्म भरने ऑफिस जाना है तो इससे आसान बूथ पर जाकर वोट डालना होगा। इसके बाद कई अफवाहें चली। इसमें एक यह भी कि सेक्टर अधिकारी और बीएलओ सभी बजुर्ग मतदाताओं के घर जाकर वहीं पर उनका फार्म भरा लेंगे। हालांकि कई जिलाधिकारियों सह जिला निर्वाची अधिकारियों ने यह भ्रम तोड़ा। उन्होंने अपने जोनल अधिकारियों व बीएलओ को अपने पत्र के साथ बुजुर्गों के पास भेजा और अधिसूचना जारी होने के पांच दिनों के अंदर आवेदन देने का आग्रह किया।

अधिकतर बुजुर्गों को नहीं मिला सहारा

भागलपुर विधानसभा क्षेत्र में शिव भवन कंपाउंड में बुजुर्ग बालानंद प्रसाद और उनकी पत्नी बीणा प्रसाद रहती हैं। वे कहती हैं कि न कोई आया और न किसी ने बताया कि पोस्टल बैलेट से वोटिंग की सुविधा इस बार है। अभी आपसे जाना! उनके मुंह से एक आह भरी आवाज निकलती है- अकेले हैं... फार्म भरने नहीं जा सकते थे। कोई भरा देता तो पोस्टल बैलेट से वोट डालते ही। अबकी कोरोना के कारण बूथ पर तो बिलकुल नहीं जाएंगे। जीवन में पहली बार वोट नहीं कर पाएंगे। वोट से अधिक महत्वपूर्ण जिंदगी है। खुद को दिलासा देने वाले भाव में वे कहती हैं- आत्मा रक्षितो धर्म:। जमुई मलयपुर की कुमोदनी देवी, अवध किशोर सिंह, कहलगांव महेशामुंडा की निर्मला देवी सहित करीब दो दर्जन बुजुर्गों से बात की गई। वे सब भी पोस्टल बैलेट से वोटिंग में आफिस जाकर फार्म भरने का पेच का जिक्र करते हैं और बूथ पर जाकर वोट नहीं डालने की बात कह रहे हैं।

जिला- इतने बुजुर्ग- इतने को मिला मौका

भागलपुर - 36,703 - 1,900 (लगभग)

जमुई - 18,968 - 1,350

बांका - 24,743 - 1,470

लखीसराय- 15,460 - 715

मुंगेर - 21,325 - 851

खगडिय़ा - 21,345 - 497

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