Bihar Assembly Election 2020 : बांका में फंसी एनडीए और महागठबंधन की प्रतिष्ठा, जानिए... जिले के सभी विधानसभा की स्थिति
Bihar Assembly Election 2020 बांका जिले में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। यहां प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को चुनाव होगा। एनडीए से बांका और कटोरिया सीट भाजपा के हिस्से में हैं शेष तीन अमरपुर धोरैया बेलहर पर जदयू ने उम्मीदवार दिया है। अमरपुर कांग्रेस के खाते में है।
बांका, जेएनएन। बांका जिले में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। एनडीए से बांका और कटोरिया सीट भाजपा के हिस्से में हैं, शेष तीन अमरपुर, धोरैया, बेलहर पर जदयू ने उम्मीदवार दिया है। महागठबंधन से अमरपुर सीट कांग्रेस के खाते में है। शेष चारों पर राजद के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। अधिकतर सीटों पर राजग एवं महागठबंधन आमने-सामने हैं। सबसे हॉट सीट बांका विधानसभा की है। यहां से राजग ने भाजपा की टिकट पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल को मैदान में उतारा है। राजद ने इस सीट से पूर्व मंत्री डॉ. जावेद इकबाल अंसारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। रालोसपा के कौशल सिंह भी दमखम से चुनाव मैदान में हैं। वर्तमान समय में दो-दो सीट राजद व जदयू के कब्जे में है। जबकि एक सीट भाजपा के पास है।
अमरपुर में लोजपा ने बनाया त्रिकोणीय मुकाबला
कुल उम्मीदवार- 14
जदयू- जयंत राज
कांग्रेस- जितेंद्र सिंह
लोजपा- डॉ. मृणाल शेखर
किसानी और गन्ना की खेती के लिए मशहूर अमरपुर में इस बार की लड़ाई काफी रोचक हो गई है। पिछले चुनाव में भाजपा उम्मीदवार डॉ. मृणाल शेखर थे। इस बार यह सीट जदयू के खाते में रहने से बेटिकट हुए मृणाल शेखर लोजपा से चुनाव मैदान में हैं। पिछली बार वे जदयू-राजद उम्मीदवार जर्नादन मांझी से करीब 12 मतों से चुनाव हारे थे। इस बार जदयू ने विधायक की जगह उसके पुत्र जयंत राज को टिकट दिया है। कांग्रेस से जितेन्द्र सिंह हैं। जितेन्द्र सहकारिता बैंक के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। वर्तमान में उनकी पत्नी अर्चना अमरपुर क्षेत्र से जिला पार्षद के साथ जिला परिषद के उपाध्यक्ष है।
धोरैया में जदयू-राजद में सीधा मुकाबला
कुल उम्मीदवार- 11
जदयू- मनीष कुमार
राजद- भूदेव चौधरी
लोजपा- दीपक कुमार पासवान
अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित धोरैया सीट अल्पसंख्यक बहुल है। यह पहले गोड्डा और बाद में भागलपुर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा रहा। 2009 के परिसीमन में यह बांका संसदीय क्षेत्र से जुड़ा। इस सीट पर 23 साल तक सीपीआइ का कब्जा रहा। इसके बाद 20 साल से जदयू उम्मीदवार इस सीट से विधायक बनते रहे हैं। जदयू ने लगातार चौथी बार मनीष कुमार को टिकट दिया है। राजद ने हाल में ही रालोसपा छोड़कर आए भूदेव चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार सीपीआइ का गठबंधन राजद से है। पिछले चुनाव में सीपीआइ उम्मीदवार को 25 हजार मत प्राप्त हुए थे।
बांका में दो मंत्रियों की फंसी प्रतिष्ठा
कुल उम्मीदवार- 19
भाजपा- राम नारायण मंडल
राजद- डॉ. जावेद इकबाल अंसारी
रालोसपा- कौशल सिंह
जिला मुख्यालय की इस सीट पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल भाजपा से चुनाव मैदान में हैं। रामनारायण ने 2014 में हुए उपचुनाव में राजद के इकबाल हुसैन अंसारी, 2015 में राजद के ही जफरुल होदा को पराजित किया था। उनके साथ एंटी इन्कंबैसी फैक्टर भी काम कर रहा है। राजद ने अपने पुराने साथी पूर्व मंत्री जावेद इकबाल अंसारी को चुनाव मैदान में उतारा है। जावेद पहले राजद से जदयू में आए थे। जदयू ने उन्हें विधान परिषद सदस्य मनोनीत कर पर्यटन मंत्री बनाया। यहां रालोसपा ने कौशल सिंह को मैदान में उतारा है। कौशल यहां की चुनावी लड़ाई को दिलचस्प बनाने में लगे हैं।
कटोरिया में दो देवियों के बीच सीधा मुकाबला
कुल प्रत्याशी - पांच
राजद - स्वीटी सीमा हेम्ब्रम
भाजपा -डॉ. निक्की हेम्ब्रम
झामुमो - अंजला हांसदा
2009 के परिसीमन में कटोरिया सीट अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित किया गया। परिसीमन के बाद 2010 का पहला चुनाव हुआ। तब भाजपा प्रत्याशी सोनेलाल हेम्ब्रम ने जीता। भाजपा के लिए प्रतिष्ठा वाली सीट मानी जाती है। 2015 के चुनाव में भाजपा ने सोनेलाल की जगह उनकी पुत्रवधू निक्की हेम्ब्रम को प्रत्याशी बनाया। राजद ने भी नए प्रत्याशी के रूप में स्वीटी सीमा हेम्ब्रम को मौका दिया। स्वीटी ने निक्की को 10 हजार मतों के अंतर से निक्की को पराजित कर दिया। जेएमएम की अंजला हांसदा भी 17 हजार से अधिक वोट लाने में सफल रही थीं। तीनों फिर मैदान में है। जदयू भाजपा के साथ है।
बेलहर में जदयू को जमीन लौटाने की चुनौती
प्रत्याशी - 15
राजद : रामदेव यादव
जदयू : मनोज यादव
लोजपा : कुमारी अर्चना उर्फ बेबी
15 साल से बेलहर पर जदयू का कब्जा रहा था। विधायक गिरिधारी यादव 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद बन गए। इसके बाद उपचुनाव में राजद के रामदेव यादव ने यह सीट जदयू से छीन ली है। अब जदयू को अपनी सीट वापस पाने की चुनौती है। राजद ने अपने पुराने लड़ाके रामदेव यादव को ही अपना प्रत्याशी बनाया है। जदयू ने उपचुनाव में हारे प्रत्याशी लालधारी यादव की जगह विधान पार्षद मनोज यादव को उतारा है। रामदेव यादव राजद के टिकट पर इस सीट से चार बार जीत चुके हैं। मनोज दूसरी बार विधान पार्षद हैं। उपचुनाव के उम्मीदवार रहे लालधारी सांसद गिरिधारी यादव के भाई हैं।