1951 में विधानसभा बना तारापुर, मुंगेर जिले का यह क्षेत्र जमुई लोकसभा में पड़ता है, एक Click में जानें पूरी जानकारी

Bihar Politics तारापुर विधानसभा में उपचुनाव हो रहा है। जदयू के विधायक डा मेवालाल चौधरी के निधन के बाद यह सीट खाली हुआ है। इस बार यहां से 12 प्रत्‍याशी चुनाव लड़ रहे हैं। राजद और जदयू में यहां मुख्‍य मुकाबला माना जा रहा है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:41 AM (IST)
1951 में विधानसभा बना तारापुर, मुंगेर जिले का यह क्षेत्र जमुई लोकसभा में पड़ता है, एक Click में जानें पूरी जानकारी
तारापुर विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या 4,56,549 है।

आनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। Bihar Politics: बिहार में दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसमें से एक विधानसभा क्षेत्र तारापुर है। आइए आज हम आपको बताते हैं तारापुर के बारे हैं। यह मुंगेर जिले में है। जमुई लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है। जमुई के सांसद चिराग पासवान हैं, जो लोजपा (रामविलास) के हैं। यहां के जदयू विधायक डा मेवालाल चौधरी के निधन के बाद से यह सीट खाली है। इस कारण यहां उपचुनाव हो रहे हैं। 

तारापुर विधानसभा के बारे में प्रमुख बातें  -1951 में विधनासभा बना तारापुर जमुई संसदीय क्षेत्र में पड़ता है। - तारापुर विधानसभा सीट बिहार के मुंगेर जिले में आती है। - जमुई संसदीय क्षेत्र में आनी वाला तारापुर की जनसंख्या 4,56,549 है। - कुल वोटरः 3.10 लाख (पुरुष वोटरः 1.68 लाख, महिला वोटरः 1.42 लाख)  - तारापुर विधानसभा सीट पर पहली बार 1951 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की। - तारापुर में हुए शुरुआती तीन चुनावों में कांग्रेस का कब्जा रहा। - 1967 व 1969 के चुनाव में कांग्रेस को हार गई। - 1972 में कांग्रेस ने फिर वापसी की, लेकिन अगले ही चुनाव उसे हार का सामना करना पड़ा। - कांग्रेस को इसके बाद जीत 1990 में मिली। -राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को यहां पर पहली जीत 2000 के चुनाव में मिली। शकुनी चौधरी जो पहले भी इस सीट से विधायक रह चुके थे, उन्होंने इस बार आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। शकुनी चौधरी की जीत का सिलसिला आगे भी जारी रहा। - 1985, 1990, 1995, 2000 और 2005 के विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट पर शकुनी चौधरी ने अपना वर्चस्व बरकरार रखा था, हालांकि हर बार शकुनी चौधरी ने अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़ा था। बावजूद उन्होंने जनता का भरोसा हासिल किया। 25 साल तक शकुनी चौघरी तारापुर सीट का प्रतिनिधित्व विधानसभा में कर रहे थे। - 2010 में नीता चौधरी ने जनता दल यूनाइटेड से तारापुर में जीत हासिल की। - 2015 में जदयू से डा मेवालाल चौधरी ने तारापुर में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। मेवालाल चौधरी नीता चौधरी के के पति हैं। वे ब‍िहार कृषि विश्‍वविद्यालय सबौर के पूर्व कुलपति थे।  - 2020 में भी मेवालाल चौधरी ने जीत हासिल की थी। लगभग पांच महीने बाद उनका निधन हो गया। - 2005 के विधानसभा चुनाव में राजद से शकुनी चौधरी ने जीत हासिल की थी। शकुनी चौधरी ने 32,828 वोट हासिल किए थे। जदयू से राजीव कुमार सिंह को 32,217 वोट मिले थे। राजीव कुमार सिंह को उन्होंने महज 611 वोटों से हराया। - 2010 में नीता चौधरी ने जीत हासिल की थी। जदयू से नीता चौधरी ने 44,582 वोट हासिल किए थे। राजद से शकुनी चौधरी को 30,704 वोट मिले थे। - 2015 के विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट पर जदयू से मेवालाल चौधरी ने जीत हासिल की थी। मेवालाल चौधरी ने 66, 411 वोट लाए थे। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा प्रत्याशी शकुनी चौधरी को 54,464 वोट मिले थे। - 2020 में जदयू से मेवालाल चौधरी को 64,468 वोट मिले। राजद की दिव्या प्रकाश ( पिता-जयप्रकाश नारायण यादव) के खाते में 57,243 वोट पड़े।

पांच प्रमुख मुद्दे -तारापुर विधानसभा क्षेत्र के खडग़पुर में महिला कालेज है, लेकिन यहां पीजी की पढ़ाई अब तक शुरू नहीं हुई है। -बाघरा जलाशय योजना का काम 20 साल बाद भी शुरू नहीं हुआ है। योजना शुरू होने से लगभग 15000 हेक्टेयर खेती में खेती करने वाले 10 पंचायत के लोगों को सहूलियत होगी। -व्यवहार न्यायालय और उप कारा खोले जाने की मांग कब से हो रही है। -खडग़पुर झील का सुंदरीकरण और इसे पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की मांग। -बेरोजगारी की समस्या।

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