बिहार कृषि विश्‍वविद्यालय: रिटायरमेंट करीब लेकिन नहीं मिल सकी प्रोन्नति, बीएयू में शिक्षक करेंगे आंदोलन

बीएयू में कार्यरत शिक्षक व विज्ञानी चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। शिक्षक अपनी प्रोन्नती सहित विभिन्न मांगों को लेकर निर्णय लिया है। शिक्षकों का रिटायरमेंट करीब लेकिन नहीं मिल सकी प्रोन्नति। शिक्षकों ने पहले भी अपनी मांग को लेकर कर चुके हैं हड़ताल।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:10 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:10 AM (IST)
बिहार कृषि विश्‍वविद्यालय: रिटायरमेंट करीब लेकिन नहीं मिल सकी प्रोन्नति, बीएयू में शिक्षक करेंगे आंदोलन
बिहार कृषि विश्‍वविद्यालय के शिक्षक करेंगे आंदोलन।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षक व विज्ञानी चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। शिक्षक अपनी प्रोन्नती सहित विभिन्न मांगों को लेकर विश्वविद्यालय के विरुद्ध ऐसा निर्णय लिया है। हालांकि बुधवार को कुलपति डा. अरुण कुमार की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षकों के बीच बैठक किया गया। लेकिन उक्त संदर्भ में आयोजित बैठक विफल रही।

बैठक में विश्वविद्यालय के दोनों शिक्षक संघ सबौर कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ और प्रोग्रेसिव टीचर्स एसोसिएशन ने भाग लिया। संघ ने पूर्व नियोजित कार्यक्रम अनुसार 21 -22 अक्टूबर को काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज करेंगे। 25 और 26 को कलम बंद हड़ताल रहेगा। 29 - 30 को भूख हड़ताल किया जाएगा। 16 नवंबर से अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल किया जाएगा। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर संघ ने इसकी जानकारी दिया है। सनद हो कि अपनी मांगों को लेकर पहले भी हड़ताल कर चुके हैं। लेकिन परिणाम सिफर निकला है।

कुलपति ने आंदोलन वापस लेने की किया अपील

बिहार कृषि विश्वविद्यालय में शिक्षकों द्वारा चरणबद्ध शांतिपूर्ण आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है इसके आलोक में कुलपति डॉ अरुण कुमार ने शिक्षकों से आंदोलन नहीं करने की अपील किया है। उन्होंने अनुसंधान परिषद की बैठक को ध्यान में रखते हुए आंदोलन वापस लेने की बात कही है साथ ही यह भी कहा है कि शिक्षकों के मांगों को पूरा करने के लिए नियमानुसार प्रयास किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा विश्वविद्यालय के हित को ध्यान में रखकर आंदोलन स्थगित कर दिया जाए।

रैन बसेरा का आज से राज्य टीम करेगी सोशल आडिट

शहरी क्षेत्र में बेसहारा व राहगीरों के रात्रि विश्राम के लिए नगर निगम ने छह रैन बसेरा बनवाए हैं। यह लोगों के लिए कितना कारगर साबित हो रहा है, इसका आकलन ग्रामीण विकास विभाग की एजेंसी सोशल आडिट सोसाइटी करेगी। रैन बसेरा के सोशल आडिट में अररिया, किशनगंज, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, मुंगेर व बांका समेत आठ जिलों से एक-एक जिला संसाधन सेवी को टीम में शामिल किया गया है। बिहार के गया, पटना, मुजफ्फरपुर व भागलपुर के रैन बसेरा का सोशल आडिट किया जाना है। भागलपुर के नाथनगर स्थित रैन बसेरा का निरीक्षण गुरुवार से 25 अक्टूबर तक किया जाएगा। यहां मिलने वाली सुविधाओं के बारे में लोगों से जानकारी ली जाएगी। साथ ही यह देखा जाएगा कि रोजाना ऐसे कितने लोग यहां रात्रि विश्राम के लिए पहुंचते हैं जो बेघर हैं।

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