शराबबंदी को लेकर भागलपुर में बड़ी बैठक, तीन जिलों के एसपी से मांगी गई सालभर की रिपोर्ट, अब इस प्लान पर होगी कार्रवाई
चिह्नित इलाके में शराबबंदी को होगी सधी कार्रवाई। डीआइजी ने की आठ घंटे की मैराथन बैठक। बार्डर एरिया में चलेगा अभियान। भागलपुर बांका और नवगछिया एसपी को तीन माह के अंदर देनी होगी रिपोर्ट। संबंधित दर्ज मामले की विधिवत जानकारी मांगी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर : जहरीली शराब कांड के बाद पुलिस मुख्यालय की सख्ती बाद जिलों में भी सख्ती शुरू हो गई है। रेंज डीआइजी सुजीत कुमार ने भागलपुर, बांका और नवगछिया एसपी के साथ बुधवार को आठ घंटे की मैराथन बैठक सिर्फ शराब तस्करी, खरीद-बिक्री, डिलीवरी को हर हाल में बंद कराने को लेकर की। बैठक में डीआइजी ने स्पष्ट कर दिया कि शराबबंदी को सौ फीसद अनुपालन करने के लिए एक अप्रैल 2016 से 2021 में अबतक जिन इलाके में अभियान बाद भी शराब की ज्यादा बरामदगी हुई उन इलाके में पहले सधी कार्रवाई की जाएगी। यानी उन इलाकों में पुलिस बड़ी सख्त कार्रवाई करेगी जहां शराब सेवन, भंडारण और डिलीवरी के मामले सामने आते रहे हैं।
भागलपुर, बांका और नवगछिया के बार्डर थानों के इलाके में बड़ी कार्रवाई की जाएगी जहां से अंग्रेजी और देसी शराब की आमद होती है। जिले के ग्रामीण और दियारा हलके में चुलाई वाली देसी शराब के निर्माण वाली जगहों की पहचान कर वहां भी धावा दल भेज बड़ी कार्रवाई पर डीआइजी ने बल दिया है।
शराबबंदी को लेकर जन जागरण किया जाएगा, महिलाओं की होगी भागीदारी
मैराथन बैठक में इस बात को लेकर जोर दिया गया कि शराबबंदी कानून महिलाओं की ओर से मिलने वाली शिकायत। उससे होने वाली गृह कलह, आर्थिक तंगी और पति-पत्नी और बच्चों के झगड़े की बढ़ती शिकायत भी शराबबंदी कानून लाया गया। अब पूर्ण शराबबंदी कानून को पूरी तरह प्रभावी बनाने के लिए जीविका दीदी, पंचायत प्रतिनिधियों, सरकारी सेवकों के सहयोग से जन जागरण अभियान चलाया जाएगा।
जगह-जगह स्लोगन लिखवाने में भी उनसे सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए सकूली बच्चों को भी प्रेरित किया जाएगा। डीआइजी ने माना कि परिवार के बिखराव, समाज में ङ्क्षहसा, सेहत की बर्बादी, आर्थिक तंगी और परिवार की बदहाली में शराब की बड़ी भूमिका रही है। शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए समाज के लोगों की भी भागदीरी सुनिश्चित करने के लिए उनका सहयोग भी अपेक्षित है।
सूचना पूरी तरह रहेगी गोपनीय
डीआइजी ने बताया कि शराबबंदी को रोकने के लिए जगह-जगह बोर्ड लगाकर मोबाइल और लैंड लाइन नंबर भी लोगों के लिए दिये जाएंगे। ताकि जहां भी शराब की तस्करी, भंडारण और डिलीवरी या निर्माण होता हो उसकी सटीक जानकारी सक्षम पुलिस अधिकारियों को लोग दे सकें। डीआइजी ने भरोसा दिया कि किसी भी सूरत में सूचना देने वालों की गोपनीयता भंग नहीं होने दिया जाएगा।
तफ्तीश सही से करें ताकि दबोचे जा सके घाघ
मैराथन बैठक में एसएसपी निताशा गुडिय़ा, बांका एसपी अरविंद कुमार गुप्ता और नवगछिया एसपी एसके सरोज को साफ कहा कि जरूरी नहीं कि केवल शराब से भरी ट्रक बरामदगी होने पर ही तफ्तीश को तेजी से मुकाम तक पहुंचाया जाए। चार बोतल शराब बरामदगी में भी तफ्तीश के जरिये शराब के मूल आमद वाले स्थान में छिपे घाघ तक पहुंच उन्हें दबोचा जा सकता है। चेन भी तोड़ा जा सकता है।
डीआइजी ने तीनों एसपी से तीन महीने के अंदर उनके जिले के सभी थाने, सहायक थाने में दर्ज शराब से जुड़े मुकदमे में किनकी और कितनी गिरफ्तारी, कितनी बरामदगी, बरामदगी वाले इलाके का विधिवत ब्यौरा देने को कहा है। यह रिपोर्ट जनवरी 2020 से अक्टूबर 2021 तक की मांगी है। जिससे आरोपितों की गतिविधियों का आसानी से पता लगाया जा सकता कि फिलहाल वह कर क्या रहे हैं।
तैयार होगा शराब तस्करों का डाटा बेस
शराब की डिलीवरी करने वाले, खरीद-बिक्री और तस्करी करने वालों की गतिविधियों का सही और तुरंत पता करने के लिए एक अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2021 तक तीनों जिलों में शराब से जुड़े मामले में गिरफ्तार आरोपितों के नाम, पते, थाने की विधिवत रिपोर्ट भी मांग ली है। इससे आरोपितों का बकायादा डाटा बैंक तैयार हो जाएगा।