निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों से तय फीस से कई गुना ज्यादा हो रही वसूली
निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों से निर्धारित फीस से कई गुना ज्यादा वसूली की जा रही है जबकि सरकार ने इसके लिए प्रतिदिन कितनी राशि लेनी है रेट तय भी कर दिया है लेकिन निजी क्लीनिकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।
भागलपुर। निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों से निर्धारित फीस से कई गुना ज्यादा वसूली की जा रही है, जबकि सरकार ने इसके लिए प्रतिदिन कितनी राशि लेनी है, रेट तय भी कर दिया है, लेकिन निजी क्लीनिकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। आपदा में अवसर ढूंढने वाले अस्पताल संचालकों ने इसे कमाई का जरिया बना डाला है। वे मनमानी रकम वसूल रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग को लिखित शिकायत मिलने पर ही कोई कार्रवाई कर सकता है।
सरकार ने राज्य के निजी अस्पतालों को ए, बी और सी श्रेणियों में विभक्त कर राशि तय की है। भागलपुर को बी श्रेणी में रखा है।
1- इनमें सामान्य रूप से बीमार कोरोना मरीजों को आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन के साथ सपोर्टिंग केयर के साथ प्रतिदिन 6400 से 8000 रुपये
2- गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों के स्वजनों से वेंटीलेटर के बिना आइसीयू में देखभाल के लिए 10000 से 12000 रुपये
3- अति गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों के स्वजनों से 12000 से 14,4000 रुपये प्रतिदिन देखभाल के लिए लेना है।
शहर के निजी अस्पतालों में 10 से 12 दिनों में चार से पांच लाख रुपये वसूले जा रहे हैं। कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने के 10 दिनों से ज्यादा दिन लग जाते हैं। स्थिति यह है कि दवा और इंजेक्शन के नाम पर भी ज्यादा रकम वसूली जा रही है। डॉक्टर के स्वजनों के इलाज में भी निजी नर्सिंग होम रकम लेने में कटौती नहीं करते।
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केस स्टडी एक
एक पैथोलोजिस्ट ने बताया कि मां और बहनोई को कोरोना होने पर इलाज में तकरीबन आठ लाख रुपये खर्च करने पड़े। 12 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखना पड़ा।
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केस स्टडी दो
शहर के एक होटल व्यवसायी ने अपने पुत्र को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। तीन लाख खर्च होने के बाद भी जब स्थिति बिगड़ने लगी तो पुत्र को सिलीगुड़ी ले जाना पड़ा।
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शिकायत नहीं मिली है
सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि निजी अस्पताल में कोरोना मरीज के इलाज के लिए प्रतिदिन कितनी राशि लेनी है, सरकार ने तय किए हैं। इससे ज्यादा राशि लेने की शिकायत अभी तक किसी ने नहीं की है। शिकायत मिलने पर अवश्य करवाई की जाएगी।
आइएमए अपील का भी नहीं सुनते
आइएमए के अध्यक्ष डॉ. संदीप लाल ने मानवता के नाते निजी अस्पताल के संचालकों से तय राशि लेने की अपील की है, लेकिन इसका कोई असर नही है। केवल रेडियोलॉजिस्ट ने सिटी स्केन में दो हजार रुपये कम किए हैं।
तय राशि ही ली जाती है
सिटी अस्पताल के प्रबंधक गौतम ने कहा कि सरकार द्वारा तय की गई राशि ही कोरोना मरीजों के इलाज में ली जा रही है। दवा के लिए अलग से शुल्क लिए जाते हैं।