Bhagalpur Weather Forecast : हवा का रुख तय करेगा मौसम का मिजाज, गरमा फसल को हो सकता है नुकसान

Bhagalpur Weather Forecast हवा का रुख पिछले दो दिन से बदल रहा है। आने वाले दिनों में हवा का रुख मौसम का मिजाज तय करेगा। हालांकि खेती किसानी के लिए यह लाभदायक नहीं है। गर्मा फसल को इससे नुकसान हो सकता है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:00 AM (IST)
Bhagalpur Weather Forecast : हवा का रुख तय करेगा मौसम का मिजाज, गरमा फसल को हो सकता है नुकसान
Bhagalpur Weather Forecast :हवा का रुख पिछले दो दिन से बदल रहा है।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। हवा की दिशा मौसम का मिजाज बदल रही है। अचानक पुरवइया हवा बादल समेट कर लाती है और गरज के साथ बूंदाबांदी बारिश की फुहार से मौसम को कूल कूल कर दे रही है ।मौसम सुहाना जरूर हो जाता है। लेकिन इससे किसानों का लगातार नुकसान हो रहा है। फिलवक्त मौसम ऐसा ही बना रहने का मौसम विभाग पूर्वानुमान कर रहा है।

तपिश से राहत, किसानी के लिए घातक

भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में मौसम में बदलाव जारी रहेगा जिससे गर्मी की तपिश से राहत मिलेगी लेकिन किसानी के लिए ऐसा मौसम घातक होगा। 30 से 35 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवइया हवा का तेज झोंका भरी आंधी अचानक आ जाएगी। बादल गरजने लगेगा और बूंदाबांदी के साथ भागलपुर और आसपास की धरती पट जाएगी। जिससे मौसम खुशनुमा हो जाएगा लेकिन खेती किसानी के लिए मौसम जहां आम के मंजर टिकोला ,सब्जी की खड़ी फसल और खलिहान पर थ्रेसिंग के लिए रखी फसल का नुकसान होगा।

बोले मौसम वैज्ञानिक हवा का रुख तय करेगा मौसम का मिजाज

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के ग्रामीण मौसम सेवा के नोडल अधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि हवा का रुख मौसम का मिजाज बताएगा ।उन्होंने कहा कि जब जब पुरवइया चलेगी मौसम ऐसा ही बना रहेगा ।हालांकि उन्होंने कहा की शनिवार से हवा की दिशा दो-तीन दिनों के लिए बदल जाएगी पछुआ हवा चलने का अनुमान है जिससे मौसम साफ हो जाएगा तेज प्रखर धूप निकलेगा तापमान बढऩे लगेगा ।दो-तीन दिनों के बाद फिर हवा का रुख बदल जाने का अनुमान है और फिर ऐसा ही मौसम हो जाएगा। यह सामान्य प्रक्रिया है ।मानसून से पहले 15 मई तक मौसम में उतार चढ़ाव बना रहेगा। पछुआ हवा जब जब तापमान को अधिक बढ़ाएगा तब पुरवा हवा बादल लेकर आएगा और तापमान को गिराएगा। मौसम के अचानक बदलते स्थिति को देखते हुए किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है ।जैसे ही मौसम अनुकूल हो थ्रेसिंग का काम युद्ध स्तर पर करना चाहिए।  

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