Bhagalpur Weather Forecast : उघते रहे सूर्यदेव, दोपहर बाद खोली आंखें, जानिए ... आज कैसे रहेगा मौसम
Bhagalpur Weather Forecast हवा में नमी और आद्रता बढऩे से दो डिग्री गिरा तापमान गलन से जनजीवन हो गया है अस्त-व्यस्त। ठंड से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं रात में कफ्र्यू जैसे हालात। दोपहर बाद धूप के हो रहे दर्शन लोगों को नहीं मिली रही ठंड से राहत।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur Weather Forecast : हाड़ कंपाने वाली ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। रात में कफ्र्यू जैसे हालात हो गए हैं। अंधेरा होते ही जिला घने कोहरे की चादर में लिपट जा रहा है। जरूरतमंद लोग ही घरों से निकल रहे हैं। हालांकि दोपहर बाद लोगों को धूप के दर्शन हो रहे हैं, लेकिन धूप खिलने के बावजूद लोगों को ठंड से राहत नहीं मिल रही है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय स्थित मौसम विभाग की मानें तो अभी लोगों को ठंड से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। 24 घंटे में अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। घना कोहरा और नमी के कारण दृश्यता सामने 25 मीटर भी नहीं रही। रविवार को अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। सौ फीसद आद्रता के साथ 3.4 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पश्चिमी हवा चल रही है। मौसम विभाग ने बताया कि फिलवक्त ऐसा ही मौसम बना रहेगा। दो दिन बाद कोहरे से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन कनकनी जारी रहेगी।
पॉलिथीन जलाकर कर रहे ठंड से बचाव
कड़ाके की ठंड ने गरीब मजदूरों सहित आम लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। दिन में अलाव की व्यवस्था नहीं रहने से सड़क किनारे रहने वालों काफी परेशानी का सामना कराना पड़ रहा है। कड़ाके की ठंड में गरीब मजदूरों का जीना दुश्वार हो गया है। लोग जहां-तहां से कागज, पॉलिथीन, कचरा जलाकर कड़ाके की ठंड के बीच गुजर बसर कर रहे हैं। नगर निगम की ओर से 11 स्थानों पर अलाव की जरूर व्यवस्था की गई है। लेकिन दस बजे के बाद लकड़ी समाप्त हो जा रही है।
श्वांस व निमोनिया के मरीज बढ़े
हाड़ कंपाने वाली ठंड और घने कोहरे की वजह से श्वांस और निमोनिया पीडि़त मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। उम्रदराज लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हल्की सी लापरवाही घातक हो सकती है। ठंड के मौसम में सांस, ब्लड प्रेशर, निमोनिया का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। वरीय चिकित्सक डॉ. आलोक कुमार सिंह के अनुसार इस मौसम में सबसे अधिक बुजुर्गों की मौत होती है। इस मौसम में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को सांस की बीमारी शुरू हो जाती है। यह बीमारी बैक्टीरिया के अटैक से होती है। कई बुजुर्गों को निमोनिया भी हो जाता है। सबसे अधिक साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा होता है, जिसे चोर हार्ट अटैक भी कहा जाता है। यह अटैक रात 12 बजे से या तड़के होता है, जब तक लोग समझ पाते हैं, तब तक मौत हो जाती है। मधुमेह से पीडि़त बुजुर्गों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। साठ वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को चिकित्सकों से जांच करा लेना चाहिए और दवा लेना शुरू कर देना चाहिए। इनदिनों सर्वाधिक मरीज सांस व एलॢजक सर्दी, खांसी, बुखार व पेट दर्द से पीडि़त होकर पहुंच रहे हैं। सॢदयों में स्वस्थ रहना है, तो अपना खान-पान ठीक रखें, पूरी नींद लें और थोड़ा व्यायाम करें।
ये हैं कारण : ठंड के प्रति लापरवाही बरतने के साथ चौतरफा फैले प्रदूषण, गंदगी, सड़कों पर दौडऩे वाले वाहनों से निकल रहे जहरीले धुएं व उड़ रही धूल से सांस व एलर्जी की शिकायत मिल रही है। अधिकतर वाहनों का रख-रखाव नियमानुसार नहीं होने के कारण ये जहरीले धुएं छोड़ते हैं।
बचाव के यह उपाय
-रात को बाहर खुले आकाश में नहीं घूमना चाहिए।
-रात को निकलने पर गर्म कपड़े का उपयोग करना जरूरी है।
-प्रदूषित वातावरण से दूर रहना चाहिए। सड़क पर सफर के दौरान चेहरे पर फेस मास्क लगा कर ही निकलना चाहिए।
-धूप निकलने पर टहलने जाएं
-नियमित परीक्षण कराएं
-तेज धूप निकलने पर ही बाहर बैठें
-रात व कोहरे के दौरान घर से न निकलें।
-खान-पान पर विशेष ध्यान दें।
यह हो सकती है परेशानी
-सांस तेज चलना
-हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाना
-ब्लड प्रेशर बढ़ जाना
-निमोनिया होना
-मधुमेह पीडि़त को नई परेशानी होना