Bhagalpur News : कहीं संतमत सत्संग तो कहीं भागवत कथा, बोले- गुस्से को त्यागना सबसे बड़ी साधना है
भागलपुर में लगातार आध्यात्मिक प्रवचन हो रहा है। भागलपुर में बाल व्यास और चतुरानंद बाबा ने अलग-अलग स्थानों पर प्रवचवन किया। इस दौरान काफी संख्या में लोग वहां उपस्थित थे। मुंदीचक दीना साह लेन में प्रभु की निकाली गई झांकी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। आत्मा को जन्म मरण के बंधन से मुक्त करना है तो अपनी आत्मा पर विजय पाना होगा। जो ऐसा कर पाने में सफल होते हैं उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। गुस्से को त्यागना सबसे बड़ी साधना है। कोई तपस्या न कर सके तो कम से कम गुस्से को शांत रखने का तो प्रयास करना ही चाहिए।
उक्त बातें मुंदीचक दीना साह लेन में चल रहे श्रीमद भागवत कथा के छठे दिन गुरुवार को बाल व्यास अनुराग कृष्ण दाधीच ने प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण भी एक सामान्य प्राणी की भांति जीवन पर्यंत संघर्ष करते रहे। रुक्मिणी विवाह पर चर्चा करते हुए अनुराग कृष्ण ने कहा कि कन्यादान करने वालों को पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने दहेजप्रथा का विरोध करते हुए कहा कि अपनी स्वेच्छा से कन्या के माता-पिता जो भी कन्या को समर्पित करे उसे गोविंद का प्रसाद समझकर ग्रहण करना चाहिए । शुक्रवार को सुदामा प्रसंग की कथा होगी।
एक दिन वो भोले भंडारी.....
एक दिन वो भोले भंडारी, बनके ब्रज की नारी गोकुल में आ गए हैं..., गोविन्द मेरो है गोपाल मेरो है..., भजन गायक रविराज, नीतीश, गोविंद शर्मा ने श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
कर्मों से होता है चरित्र की गहराई का विश्लेषण
नाथनगर के गोसाईंदासपुर पंचायत के मधूबाबा प्रांगण में चल रहे दो दिवसीय संतमत सत्संग के 40वें अधिवेशन के अंतिम दिन स्वामी चतुरानन्द जी महाराज ने प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति के चरित्र की गहराई का विश्लेषण उसके कर्मों से किया जाता है। धर्म मनुष्य में परोपकार और धार्मिकता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सूर्य के किरण की तरह है, जो आदमी के दिल को अंधेरे से रोशनी की तरफ ले जाता है। अगर आप किसी धर्म की प्रथाओं में विश्वास रखते हैं तो देखेंगे कि आप अधिक अनुशासित, सशक्त, और दयालु बन जाते हैं। धार्मिक कथा सुनने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। साथ ही एक मजबूत आभा विकसित होती है। कुप्पा घाट से आए अन्य संतों ने भी मनुष्य के कर्म व धर्म पर प्रवचन दिए। इसके पूर्व, मुख्य अतिथि भाजपा नेता डॉ. प्रशांत विक्रम, गोसाईदासपुर के मुखिया प्रतिनिधि सच्चिदानंद मंडल, पंसस अशोक कुमार राकेश, वार्ड सदस्य प्रभाकर झा ने स्वामी चतुरानन्द जी महाराज समेत अन्य साधु संतों का माला पहनाकर स्वागत किया।
मौके पर शमसेर सिंह यादव, छोटेलाल यादव, सिकंदर यादव, प्रकाश यादव, शंकर यादव, जनार्दन शर्मा, बनारसी मंडल आदि मौजूद थे।