रेशमी धागा से जुड़ी कत्तीनों को मिलेगा रोजगार, दक्ष हो रही महिलाएं
खादी ग्रामोद्योग संघ प्रांगण में केंद्रीय रेशम बोर्ड भागलपुर के रेशम तकनीकी सेवा केंद्र द्वारा समर्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत आधुनिक रीलिंग मशीन पर तसर रेशम धागा तैयार का प्रशिक्षण दिया गया। रेशमी शहर की महिलाओं को अब अपन जांध पर कोकून से रेशमी धागा निकालना नहीं पड़ेंगे।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। दरियापुर के खादी ग्रामोद्योग संघ प्रांगण में 19 जनवरी से 15 फरवरी के बीच केंद्रीय रेशम बोर्ड भागलपुर के रेशम तकनीकी सेवा केंद्र द्वारा समर्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत आधुनिक रीलिंग मशीन पर तसर रेशम धागा तैयार का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के समन्वयक सह वैज्ञानिक एन.एस. गहलोत ने बताया कि इस प्रशिक्षण में कुल 30 महिला कत्तीनों ने भाग लिया। आनलाइन माध्यम से अनुभवी फैकल्टी द्वारा तकनीकी स्किल पर व्यख्यान व प्रायोगिक कक्षाए ली गई। इस दौरान व्यवाहरिक ज्ञान, स्वच्छता व स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। इसमें प्रशिक्षण लेने वाले आवेदक को एक-एक बैग, पेन, कापी, अध्यन सामग्री वितरित किया गया ढ्ढ तीन हजार रुपये भत्ता के रूप में लाभार्थी के बैंक खाते में आरटीजीएस किया जाएगा। गहलोत ने बताया कि केंद्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया। वहीं इनोकोक्स कंसल्टिंग एंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली की अधिकारी यशस्वी राणा ने बुधवार को प्रशिक्षण प्राप्त लाभुकों का मूल्यांकन किया। इसके प्रदर्शन के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। इसी आधार पर रोजगार हेतु नियुक्ति पत्र भी दिया जाएगा।
कार्यक्रम के समापन समारोह में रेशम खादी ग्रामोउद्योग संघ के संचालक वशिम अहमद ने कहा, समर्थ योजना के अंतर्गत केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा विकसित रीलिंग-स्पिनिंग मशीनों पर 30 महिलाओं को प्रशिक्षिण की पहल हुई। इससे दरियापुर गांव के बुनकर भी गुणवत्त युक्त धागा बाजार की मांग के अनुरूप तैयार कर सकेंगे। जिससे आर्थिक लाभ में बढ़ोतरी होगी ढ्ढ रेशम तकनीकी सेवा केंद्र द्वारा कौशल प्रशिक्षण से संबंधित लाभ मिलेगा। भविष्य में कतिनो व बुनकरों को प्रशिक्षण के लिए राज्य व भारत सरकार कार्ययोजना तैयार कर रही है।
रिलिंग मशीन पर महिलाएं तैयार करेगी रेशम धागा
रेशमी शहर की महिलाओं को अब अपन जांध पर कोकून से रेशमी धागा निकालना नहीं पड़ेंगे। धागा तैयार करने के दौरान महिलाओं के शरीरिक जोखिम पर जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। अब इन्हें केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा तैयार आधुनिक रिलिंग मशीन उपलब्ध कराया जाएगा। बुधवार को डीडीसी सुनील कुमार ने बिहार बुनकर कल्याण समिति सदस्य अलीम अंसारी से कत्तिनों की विस्तृत जानकारी। साथ ही प्रखंड वार सूची मांगी गई। नाथनगर प्रखंड में 355, शाहकुंड व जगदीशपुर प्रखंड में 750, गोराडीह प्रखंड में 300, सुल्तानगंज व खरीक में 150-150 कत्तिनों है। बिहार बुनकर कल्याण समिति सदस्य अलीम अंसारी ने डीसीसी सुनील कुमार को जिले के 2455 कत्तिनों की सूची उपलब्ध कराई है। इससे पहले केद्रीय रेशम बोर्ड की ओर से रिलिंग मशीन का वितरण किया गया है। परंपरागत विधि के अनुपात में रिङ्क्षलग मशीन से गुणवत्ता युक्त रेशम धागा तैयार होता है।