Bhagalpur News: सिटी स्कैन के लिए भटक रहे मरीज, JLNMCH में केवल कोरोना मरीज की हो रही जांच

सिटी स्कैन के लिए भागलपुर के मरीज इन दिनों भटक रहे हैं। दरअसल जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में केवल कोरोना मरीजों सीटी स्कैन किया जा रहा है। यहां आए दूसरे मरीजों को सदर अस्पताल भेज दिया जाता है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 10:04 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 10:04 PM (IST)
Bhagalpur News:  सिटी स्कैन के लिए भटक रहे मरीज, JLNMCH में केवल कोरोना मरीज की हो रही जांच
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल का प्रवेश द्वार।

भागलपुर, जेएनएन। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में सिटी स्कैन करवाने के लिए मरीजों को भटकना पड़ रहा है। यहां सामान्य मरीजों का सिटी स्कैन नहीं किया जाता। सदर अस्पताल में सिटी स्कैन के लिए ले जाने के एवज में वाहन चालक मनमानी राशि वसूल रहे हैं। इससे मरीजों को आॢथक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की हो रही जांच

अस्पताल में केवल भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों का ही सिटी स्कैन किया जा रहा है। इमरजेंसी या आउटडोर विभाग में इलाज करवाने वाले मरीजों को सदर अस्पताल सिटी स्कैन के लिए भेजा जाता है। इसके एवज में निजी एंबुलेंस या निजी वाहन चालक पांच सौ से एक हजार रुपये मरीजों वसूल रहे हैं। इन पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं हैं। सदर अस्पताल में सिटी स्कैन करवाने में आठ सौ रुपये फीस ली जाती है। यानि मरीजों को सिटी स्कैन करवाने में तकरीबन दो हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इससे यहां के मरीज और उनके स्वजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले छह माह से इस तरह की हो रही परेशानी

पिछले छह माह से सामान्य मरीजों का सिटी स्कैन नहीं किया जा रहा है। कोरोनाकाल के पूर्व प्रतिदिन 10 से 15 मरीजों का सिटी स्कैन किया जा रहा था। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक भगत ने कहा कि प्रतिदिन कोरोना संक्रमित दो से तीन मरीजों का सिटी स्कैन किया जाता है। इस स्थिति में सामान्य मरीजों का सिटी स्कैन करना खतरनाक है, संक्रमण होने की संभावना है।

मिरजानहाट के शंभु कुमार के स्वजन ने कहा कि ब्रेन का सिटी स्कैन करवाना था। निजी एंबुलेंस चालक ने सदर अस्पताल ले जाने के लिए नौ सौ रुपये लिए। वहीं पीरपैंती की आरती देवी को भी सदर अस्पताल जाने के लिए आठ सौ रुपये निजी वाहन चालक को देने पड़े। ये स्थिति कमोबेश हर दिन का है।

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