भागलपुर न्यूज : बढऩे लगी टीबी मरीजों की संख्या, अब भी बंद है जांच, नहीं हो रहे नए मरीजों की खोज

भागलपुर में जिला यक्ष्मा केंद्र में पिछले 10 दिनों से टीबी की जांच बंद है। मशीन का एक पार्ट खराब है। ऐसी समस्याएं लगातार उत्पन्न हो रही है लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 08:00 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 08:00 AM (IST)
भागलपुर न्यूज : बढऩे लगी टीबी मरीजों की संख्या, अब भी बंद है जांच, नहीं हो रहे नए मरीजों की खोज
भागलपुर में जिला यक्ष्मा केंद्र में पिछले 10 दिनों से टीबी की जांच बंद है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। 2025 तक टीबी उन्मूलन करने का केंद्र सरकार का लक्ष्य है। लेकिन जिला यक्षा केंद्र में सीबी नट मशीन से जांच बंद है। टीबी मरीजों की खोज करने में भी विभाग अभी तक सक्रिय नहीं है। अनुमान के मुताबिक प्रत्येक एक लाख की आबादी में दो सौ ऐसे लोग हैं जो टीबी से ग्रस्त हैं, लेकिन उन्हें यह जानकारी भी नहीं है। ऐसे ही लोगों की खोज की जानी है। इसके लिए लोगों को भी जागरूक करना है। लेकिन अभी तक यह मामला भी फाइल में ही कैद है। दूसरी तरफ प्रतिवर्ष टीबी मरीजों की संख्या भी बढ रही है।

बंद है टीबी जांच

जिला यक्ष्मा केंद्र में पिछले 10 दिनों से टीबी की जांच बंद है। मशीन का एक पार्ट खराब है। हालांकि यह भी बताया गया कि बैट्री खराब होने की वजह से प्रतिदिन 10 से 12 मरीज बिना जांच करवाए लौट रहे हैं। केंद्र के कर्मचारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल जांच के लिए भेज देते हैं। वहीं जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में माइस्क्रोप से बलगम की जांच की जा रही है। लेकिन इसके आंकड़े भी अप्रप्र्त हैं। वैसे भी कोरोनाकाल में टीबी की जांच बंद होने से टीबी से ग्रस्त मरीजों की संख्या की जानकारी जिला यच्मा विभाग के पास नहीं हैं। अधिकारी यह स्वीकार भी करते हैं कि लैब टेक्नीशियानों को कोरोना की जांच में लगाए जाने से टीबी जांच ठप हो गई थी।

टीबी अस्पताल नहीं है

जिले में कभी भी टीबी अस्पताल निर्माण के लिए प्रस्ताव नहीं भेजे गए और न ही सरकार ने ही इस मामले में कोई प्रस्ताव भेजने का निर्देश ही दिया। केवल जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में टीबी मरीजों की जांच की जाती है। कोरोनाकाल में जेएलएनएमसीएच के इमरजेंसी को छोड़कर अन्य विभाग बंद हो गए थे। क्याकि केवल कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा थ। लेकिन अस्पताल के एमडीआर विभाग में भर्ती मरीजों का इलाज प्रभावित ना हो इसके लिए सदर अस्पताल में टीबी केंद्र अप्रैल में खोला गया। आठ से 10 मरीजों को भर्ती भी किया गया। डॉ. अमित आनंद को मरीजों के इलाज के लिए ड््यूटी भी दी गई। वर्षा के समय में विभाग में पानी भी भर जाता था। जून में टीबी केंद्र को बंद कर दिया गया।

एक लाख आबादी पर दो सौ टीबी मरीज

जेएलएनएमसीएच टीबी एंड चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. डीपी ङ्क्षसह के मुताबिक प्रत्येक एक लाख की आबादी पर दो सौ लोगों को टीबी से ग्रस्त होने का अनुमान है। ऐसे ही टीबी मरीजों की खोज के लिए केंद्र सरकार जागरुकता अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इसके लिए नगर पार्षदों को भी जागरुक किया जाएगा ताकि अपने वार्ड में टीबी से ग्रस्त मरीजों की खोज करें। डॉ. विनय कुमार झा ने कहा कि स्थानीय सच्चिदानंद नगर में रविवार को जांच शिविर में 60 लोगों की जांच की गई, इनमें आठ लोग टीबी से ग्रस्त मिले। इन्हें जेएलएनएमसीएच भेजा गया है।

बढ़े टीबी मरीज

वर्ष संख्या

2014 50

2015 47

2016 60

2017 92

2018 102

2019 112

2020 93

नोट : 2020 का आंकड़ा फरवरी तक का है।

कोरोनाकाल में जांच प्रभावित हुआ है। इसलिए टीबी मरीजों की संख्या अप्राप्र्त है। ऐसे टीबी मरीजों की खोज भी की जाएगी।

डॉ. दीनानाथ, सिविल सर्जन  

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