Bhagalpur News : लापरवाह अधिकारियों को भारी पड़ रही लापरवाही, सबसे अधिक कार्रवाई प्रखंड व अंचल अधिकारियों पर

सबसे अधिक कार्रवाई हुई प्रखंड व अंचल अधिकारियों पर। शोकॉज की कार्रवाई के बाद भी नहीं हो रहा कार्यशैली में सुधार। कहलगांव जगदीशपुर और रंगरा के अधिकारी पर विभाग की टेढ़ी नजर। एक वर्ष के दौरान एक दर्जन अधिकारियों पर हो चुकी है कार्रवाई।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 10:50 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 10:50 AM (IST)
Bhagalpur News : लापरवाह अधिकारियों को भारी पड़ रही लापरवाही, सबसे अधिक कार्रवाई प्रखंड व अंचल अधिकारियों पर
भागलपुर के कई अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही चल रही है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। लापरवाह अधिकारियों को अब लापरवाही भारी पडऩे लगी है। एक वर्ष के दौरान एक दर्जन से अधिक अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। कई अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही चल रही है। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। प्रखंड और अंचल अधिकारी दर्जनभर से अधिक शोकाज हुए हैं। बावजूद इसके लापरवाही पर लगाम नहीं लग रहा है। जिला पंचायती राज पदाधिकारी से लेकर कई सीओ, बीडीओ और खनन पदाधिकारी पर कार्रवाई की गाज गिरी है। कई सीओ-बीडीओ जिला प्रशासन के रडार पर हैं। जिसकी कार्यशैली की मॉनीटरिंग की जा रही है।

पूर्व डीपीआरओ पर चल रही कार्यवाही

पूर्व जिला पंचायतीराज पदाधिकारी (डीपीआरओ) राजेश कुमार पर विभागीय कार्यवाही चल रही है। मामले की सुनवाई दो मार्च को संचालन पदाधिकारी (एडीएम) राजेश झा राजा के यहां होगी। पूर्व डीपीआरओ राजेश कुमार को कार्य में लापरवाही का आरोप लगाकर पिछले साल जबरन भागलपुर से ट्रांसफर कर दिया था। इसके बाद डीपीआरओ पर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। पूर्व डीपीआरओ पर आरोप है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना में रुचि नहीं ली गई। इसके अलावा कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

कहलगांव के पूर्व सीओ पर आरोपपत्र गठित

कहलगांव के पूर्व अंचलाधिकारी नील कुसुम कुमार सिन्हा पर आरोपपत्र गठित किया गया है। सीओ पर कार्रवाई के लिए ग्रामीण विकास विभाग को भेजा गया है। 13 जनवरी को कहलगांव अंचल कार्यालय के निरीक्षण के दौरान डीएम सुब्रत कुमार सेन काफी गड़बड़ी मिली थी। इसके बाद डीएम ने अंचलाधिकारी को पदमुक्त कर प्रशिक्षु सीओ स्मिता झा को प्रभार दे दिया था। कहलगांव अंचल में पांच हजार से अधिक दाखिल-खारिज से संबंधित वाद लंबित था। बार-बार कहने के बावजूद अंचलाधिकारी वाद के निष्पादन में रूचि नहीं ले रहे थे। अंचलाधिकारी अंचल कार्यालय में न तो बैठते थे और न ही विभागीय कार्य में रूचि ले रहे थे। अंचल कार्यालय के रोकड़ पंजी की जांच में कई त्रुटियां पाई गई थी।

जगदीशपुर के पूर्व सीओ-बीडीओ पर कार्रवाई

जगदीशपुर के पूर्व अंचलाधिकारी निरंजन ठाकुर पर आरोपपत्र गठित किया गया है। दोनों पर कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य को पत्र भेजा गया है। जगदीशपुर के पूर्व सीओ पर लोकायुक्त के आदेश के आलोक में कार्रवाई की गई है। जगदीशपुर के पूर्व बीडीओ पर आरोप है कि हबीबपुर की बीबी यासमीन को इंदिरा आवास की राशि उपलब्ध कराने में आनाकानी करने का आरोप है। डीएम के निर्देश पर मामले की जांच कराई गई। जांच के दौरान बीडीओ दोषी पाया गया।

तीन पूर्व जिला खनिज पदाधिकारियों पर कार्रवाई

तीन पूर्व जिला खनिज पदाधिकारी पर आयकर की राशि वसूल नहीं पर कार्रवाई की गई है। तीनों पदाधिकारी को निंदन की सजा और इनमें से दो पदाधिकारियों के दो वेतनवृद्धि पर रोक लगाई गई है। पूर्व जिला खनिज पदाधिकारी प्रमोद कुमार व बिहारी लाल प्रसाद को निंदन की सजा के साथ दो वेतनवृद्धि पर रोक लगाई गई है। गोपाल साह को निंदन की सजा सुनाई गई है। इनपर आरोप है कि ईंट भ_ा मालिकों व बालू बंदोबस्तधारियों से इनकम टैक्स की कटौती नहीं की गई। जांचोपरांत दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई शुरू हुई। विभागीय कार्यवाही के दौरान छवि को धुमिल करने का आरोप लगाते हुए सजा दी गई है।

रंगरा के पूर्व बीडीओ को चेतावनी की सजा

रंगरा के पूर्व बीडीओ विनय कुमार  को ग्रामीण विकास विभाग ने चेतावनी की सजा दी है। उनपर आरोप है कि बार-बार निर्देश मिलने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना की उपलब्धि अच्छी नहीं थी। लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में ठोस पहल नहीं किए जाने के कारण उन्हें चेतावनी की सजा मिली है। इस दंड को उनके सर्विस बुक में रिकार्ड दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

स्पष्टीकरण मांगते-मांगते थक गए अधिकारी

स्पष्टीकरण मांगते-मांगते अधिकारी थक चुके हैं, लेकिन प्रखंड के अधिकारियों की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हो रहा है। डीएम, डीडीसी, एडीएम जैसे अधिकारी नियमित रूप से प्रखंड के अधिकारियों के नल-जल, गली-नाली, इंदिरा आवास सहित अन्य मामलों को लेकर एक अधिकारी दर्जनभर से अधिक शोकाज किए गए हैं, लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है।

लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है। स्थानीय स्तर पर जुर्माना किया जाता है। नहीं सुधरने वालों पर विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा जाता है। - अरुण कुमार सिंह, अपर समाहर्ता (विभागीय जांच)

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