पहले बंदूक से गोली मार किया बेहोश, अब कर रहे इलाज

भागलपुर के सबौर में एक बंदर सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। बंदर को इलाज के लिए सकुशलपूर्वक लाने के लिए उसे गोली मारकर बेहोश किया गया। अब सुंदरवन में उसके पंजे का चल रहा इलाज। बढ़ी जागरूकता घायल पक्षियों को लेकर लोग आ रहे चिकित्सक के पास।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 06:49 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 06:49 AM (IST)
पहले बंदूक से गोली मार किया बेहोश, अब कर रहे इलाज
सुंदरवन में जख्‍मी बंदर का इलाज करते चिकित्‍सक।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। सबौर में एक बंदर सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गया। उसे एक अज्ञात वाहन ने धक्का मारकर भाग गया। उसके पिछले पैर का पंजा पूरी तरह कुचल गया था। उसके पैर से लगातार खून बह रहा था। दर्द से तड़प रहा था। इसकी सूचना किसी ने वन विभाग को दी। वन विभाग के अधिकारी जाल, डार्ट गन व अन्य सामानों को लेकर बंदर पकडऩे पहुंचे। काफी देर तक जाल में बंदर को फंसाने का प्रयास किया गया। जाल में पकड़ में नहीं आने के बाद वन विभाग के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजीत कुमार डार्ट गन से बंदर को बेहोश किया और वन विभाग लेकर आए। वन विभाग में बंदर के पैर का ऑपरेशन किया गया। पंजा को काटकर अलग कर दिया गया। बैंडेज-पट्टी कर उसे अस्पताल में रखा गया है। चिकित्सक डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि सात दिनों तक बंदर को अस्पताल में रखा जाएगा। इसके बाद उसे छोड़ दिया जाएगा।

पक्षियों को बचाने आगे आ रहे लोग

सुल्तानगंज प्रखंड के बाथ थाना क्षेत्र में एक उल्लू घायल पड़ा था। अगर समय पर उसका इलाज नहीं होता तो उसकी मौत हो जाती। उस पर एनसीसी के कर्नल सोमेंद्र पांडेय की नजर पड़ी और वे उल्लू को लेकर सुंदरवन पहुंच गए। उसका इलाज हुआ और वह ठीक हो गया। कर्नल सोमेंद्र ठीक उल्लू को लेकर गए और उड़ा दिया। यह तो उदाहरण मात्र है। ऐसे आठ उल्लू का इलाज सुंदरवन में किया गया है। सभी उल्लू को कोई न कोई इलाज कराने सुंदरवन आए थे। सभी उल्लू ठीक होकर लौट चुके हैं। दर्जनों पक्षियों का इलाज सुंदरवन में किया गया है।

फिर दो कछुआ आया

सुंदरवन में टेनटोरिया नस्ल के दो कछुआ इलाज चल रहा है। इन कछुओं को स्थानीय लोगों ने गंगा नदी के किनारे देखकर सुंदरवन पहुंचाया है। मार्च के अंत तक कछुआ को फिर से गंगा नदी में छोड़ा जाएगा। दो महीने में एक दर्जन से अधिक कछुआ का इलाज सुंदरवन में किया गया है।

सबौर से घायल बंदर को लाकर इलाज किया जा रहा है। उसके पंजे को काटकर मरहम-पट्टी कर दिया गया है। एक सप्ताह बाद उसे छोड़ा जाएगा। कछुआ और कुछ पक्षियों का भी इलाज चल रहा है। - डॉ. संजीत कुमार, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सुंदर वन

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