Bhagalpur News: डिजिटल युग में बदल रहे आमंत्रण के ट्रेंड, डाक विभाग के राजस्व को हो रहा नुकसान

Bhagalpur Newsउसपर कोरोना ने रोकी शहनाई तो विभाग को लगा दोहरा झटका -वाट्सएप पर आमंत्रण भेज रहे लोग एक साल से बढ़ा है यह प्रचलन। प्रत्येक लग्न में होती थी चार-पांच हजार से अधिक आमंत्रण कार्डो की रजिस्ट्री आठ-दस हजार कार्डो को किया जाता है पोस्ट।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 04:32 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 04:32 PM (IST)
Bhagalpur News: डिजिटल युग में बदल रहे आमंत्रण के ट्रेंड, डाक विभाग के राजस्व को हो रहा नुकसान
भागलपुर का मुख्‍य डाकघर, जहां राजस्‍व की क्षति हुई।

भागलपुर [आलोक कुमार मिश्रा]। डिजिटल युग में आमंत्रण भेजने का ट्रेंड बदल रहा। अब शहर में रहने वाले लोग आमंत्रण कार्ड का फोटो खींचकर वाट्सएप पर मैसेज कर आमंत्रित कर रहे हैं। वाट्सएप पर डालने के बाद अपने सगे-संबंधियों और दोस्तों को फोन कर देते हैं। आमंत्रण का यह ट्रेंड पिछले एक साल अधिक प्रचलन में आया है की घर-घर जाकर आमंत्रण कार्ड देने के बजाए मोबाइल के जरिए शादी या श्राद्धकर्म का आमंत्रण दे रहे हैं। धीरे-धीरे ग्रामीण इलाकों में भी इस तरह के आमंत्रण का ट्रेंड बदल रहे हैं। इससे डाक विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही कोरोना महामारी ने तो मांगलिक कार्यो को लॉकडाउन कर दिया है। पिछले दो महीनों से शहनाई की आवाज सुनने को कान तरस गए हैं। इसका असर भी डाक विभाग पर पड़ा है। हर दिन 60-70 हजार राजस्व का नुकसान हो रहा है।

दरअसल, बड़ी संख्या में भागलपुर के लोग विभिन्न प्रदेशों व विदेश में रह रहे हैं। लग्न शुरू होने पर रिश्तेदार इन्हें मांगलिक कार्य में शामिल होने के लिए आमंत्रण कार्ड भेजते हैं। पिछले कुछ सालों का रिकार्ड देखें तो लग्न के समय आमंत्रण कार्ड की रजिस्ट्री से जिले में डाक विभाग को रोजाना औसतन 60 से 70 हजार रुपये की आमदनी होती थी। इस बार कोरोना के कारण मांगलिक कार्यो पर एक तरह से अंकुश लग गया है। विवाह में 20 से अधिक लोगों के शामिल होने की इजाजत नहीं है। ऐसे में लोग रिश्तेदारों को आमंत्रण कार्ड डाक भी नहीं भेज रहे हैं। श्राद्धकर्म के भी आमंत्रण कार्ड लोग वाट्सएप पर डाल आमंत्रित कर रहे हैं। हालांकि इसमें अभी भी अधिकांश लोग पुराने परंपरा को निभाने में विश्वास करते हैं। ज्यादातर घर-घर जाकर या साधारण पोस्ट से आमंत्रण कार्ड का वितरण करते हैं।

डाक विभाग के आंकड़े के अनुसार लगन में प्रतिदिन चार-पांच हजार आमंत्रण कार्ड की रजिस्ट्री कराई जाती थी। हर लग्न में सात-आठ हजार साधारण डाक से आमंत्रण कार्ड भेजते थे। इस हिसाब से अप्रैल से अबतक भागलपुर में डाक विभाग को 20-22 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।

रजिस्ट्री में लगने वाला शुल्क

प्रति 20 ग्राम वजन का रजिस्ट्री चार्ज 17 रुपये है। 20 ग्राम से अधिक वजन बढ़ने पर प्रति पांच ग्राम पर पांच रुपये शुल्क बढ़ जाता है। अधिकतम दो किलोग्राम तक ही रजिस्ट्री करा सकते हैं। -साधारण पोस्ट का शुल्क प्रति कार्ड चार रुपये है

डिजिटल युग में आमंत्रण का ट्रेंड बदलने से डाक विभाग के राजस्व पर असर पड़ता है। प्रत्येक लग्न में चार-पांच हजार से अधिक आमंत्रण कार्ड की रजिस्ट्री होती थी। लेकिन वाट्सएप पर आमंत्रित करने का प्रचलन बढ़ने के साथ कोरोना महामारी के कारण अप्रैल से आमंत्रण कार्ड की रजिस्ट्री नहीं के बराबर हो रही है। यह स्थिति भागलपुर समेत प्रदेश के लगभग अन्य हजार डाकघरों की भी है। इससे डाक विभाग को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है।-आरपी प्रसाद, डाक अधीक्षक, भागलपुर प्रमंडल।

chat bot
आपका साथी