सब्जियों की खेती से है भागलपुर के इस पंचायत की पहचान, जानिए यहां और क्या है खास

भागलपुर के गोबरांय पंचायत की पहचान सब्जी उत्पादन से है। यहां के उन्नत करेले की सब्जी काफी प्रचलित है। दलहन तेलहन गेहुं धान की भी बंपर पैदावार होती है। लेकिन यहां पर सिंचाई की सुविधा अब तक किसानों को उपलब्ध नहीं हो सकी है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 08:53 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 08:53 AM (IST)
सब्जियों की खेती से है भागलपुर के इस पंचायत की पहचान, जानिए यहां और क्या है खास
भागलपुर के गोबरांय पंचायत के लोग। जागरण।

भागलपुर [शैलेंद्र ठाकुर]। गोबरांय पंचायत को सब्जियों की खेती के लिए जाना जाता है। यहां की 70 फीसद आबादी कृषि पर निर्भर है। यहां ऊपजाई गई सब्जियों की बिक्री भागलपुर से पटना तक होती है। यहां के उन्नत करेले की सब्जी काफी प्रचलित है। दलहन, तेलहन, गेहुं, धान की भी बंपर पैदावार होती है। यहां के कृषि उत्पादों को बाजार मिल जाए तो किसानों के दिन बहुर जाएंगे। 

सिंचाई की समस्या

अमरपुर प्रखंड के भादरिया गांव के समीप गुलाली ढांढ पर चानन नदी में गार्डवाल बन जाए तो ङ्क्षसचाई की समस्या का समाधान हो जाएगा। दरअसल, बालू उत्खनन के कारण चानन नदी का मुहाना काफी गहरा हो गया है। जिस कारण गोबरांय पंचायत के किसानों को पटवन का समुचित साधन नहीं मिल पाता है।

स्वास्थ्य उपकेंद्र को भवन नहीं

यहां की स्वास्थ्य सेवा काफी बदहाल है। पंचायत में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र है, लेकिन उसे अपना भवन नहीं है। इलाज की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जिस कारण लोगों को इलाज के लिए 12 किलोमीटर दूर शाहकुंड या अमरपुर जाना पड़ता है।

पंचायत की प्रमुख समस्याएं

पंचायत की प्रमुख समस्या सिंचाई की है। यहां के किसान ज्यादातर वर्षा आधारित खेती पर आश्रित रहते हैं। पंचायत में एक भी स्टेट बोरिंग सरकार द्वारा नहीं लगाया गया है। हालांकि कृषि यंत्र बैंक यहां पर मौजूद है। साथ ही पैक्स को हरित क्रांति के तहत खेती करने के लिए ट्रैक्टर मुहैया कराया गया है। लेकिन किसानों की मुख्य समस्या सिंचाई की है।

पंचायत एक नजर में

वार्डों की संख्या : 10

प्राथमिक विद्यालय की संख्या : 5

मध्य विद्यालय की संख्या : 4

हाई स्कूल : 1

इंटर स्तरीय विद्यालय : 1

मतदाता : 7500

जनसंख्या : 12000

प्रमुख शख्सियत

गोबरांय के भूतनाथ तिवारी भारतीय रिजर्व बैंक में डॉक्टर के पद पर हैं। कर्नल गणेश ङ्क्षसह और मोहनपुर गांव के राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक आनंदी प्रसाद ङ्क्षसह भी यहीं के हैं।

पंचायत के प्रमुख गांव

1 राहुलनगर

2 दौना

3 कोलाचक

4 ओड़ाचक

5 गोबराँय

6 ङ्क्षसहपुर

7 कुम्हार टोली

8 भंडारवण

9 मोहनपुर

क्या कहते हैं ग्रामीण

ग्रामीण दिवाकर तांती बताते हैं कि पंचायत में विकास तो हुआ है, पर राशि के अभाव में दो तीन वार्ड में नल जल का कार्य भी नहीं हो पाया है। पंचायत में करीब 200 से ज्यादा पशु शेड का निर्माण हो चुका है। लेकिन बार-बार आवेदन दिए जाने के कारण किसी भी किसान को राशि का भुगतान नहीं हो पाया है।

ग्रामीण श्यामलाल ङ्क्षसह बताते हैं कि मनरेगा योजना अंतर्गत बलुआ बांध में मिट्टी खोदाई एवं सीढ़ी का निर्माण कार्य छह माह पूर्व कराया गया है। लेकिन मजदूरों का भुगतान लंबित है। पंचायत में वर्षों से विवाद के कारण मनरेगा योजना के राजीव गांधी सेवा केंद्र भी लंबित पड़ा हुआ है। जबकि ङ्क्षलटर तक का कार्य हो चुका है। राशि भी मात्र चार हजार दी गई थी। अगर सरकार इस ओर ध्यान दें तो राजीव गांधी सेवा केंद्र का भी लाभ पंचायत के लोगों को मिल पाएगा।

ग्रामीण राहुल कुमार राज बताते हैं कि स्वास्थ्य व्यवस्था में अगर सुधार हो तो पंचायत के लोगों को इलाज के लिए अन्यत्र जाना नहीं होगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि गोबरांय पंचायत के स्वास्थ्य उपकेन्द्र को सुदृढ़ कर अच्छी स्वास्थ्य सेवा दी जाए। ताकि लोगों को झोलाछाप चिकित्सक के पास नहीं जाना पड़े।

मुखिया प्रतिनिधि एवं पूर्व मुखिया दीपक कुमार ङ्क्षसह बताते हैं कि पंचायत में हर वर्ग, हर तबके का सर्वांगीण विकास किया गया है। किसी भी गांव को उपेक्षित नहीं रखा गया है। वर्तमान में एक करोड़ 14 लाख की लागत से पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन पंचायत समिति सदस्य द्वारा जिला लोक शिकायत में आवेदन दिए जाने के कारण विकास कार्य को अवरुद्ध करने का प्रयास किया गया है। अगर सभी जनप्रतिनिधियों का सहयोग मिले तो पंचायत में और विकास होगा।

ग्रामीण अनिरुद्ध प्रसाद ङ्क्षसह बताते हैं कि हमारे पंचायत में दौना गांव है। जहां पर करीब 200 घर अनुसूचित जाति की आबादी है। लेकिन उन लोगों को अभी तक सड़क की सुविधा नहीं मिल पाई है। जबकि सरकार जमीन अधिग्रहण करके अनुसूचित जाति के टोले में सड़क निर्माण करने का रास्ता लाई है। इसके बावजूद आजादी से अभी तक इस टोले में सड़क नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारे पंचायत का सबसे गंभीर समस्या यह भी है।

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क्या कहती हैं मुखिया मंजू देवी

सभी के सहयोग से पंचायत में काफी विकास कार्य हुए हैं। बीते 5 वर्ष में 800 से अधिक लाभुकों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जोड़ा गया है। करीब 534 जरूरतमंदों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलवाया गया। लगभग एक हजार से ज्यादा लोगों का राशन कार्ड बनवाया गया है। जनता जनार्दन ने दोबारा मौका दिया तो गोबरांय को आदर्श पंचायत बनाऊंगी। पंचायत सरकार भवन भी बनवाया जा रहा है। हमारे द्वारा हर वर्ग हर गांव का एक समान विकास किया गया है। इसमें हर वार्ड का भी सहयोग हमें मिला है।  

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