... आखिरकार जिंदगी से जंग हार गई जुली, बेटी ने दी मुख‍ाग्नि

इलाज के क्रम में भागलपुर ले जाने के दौरान रास्ते मे हो गई मौत। अमरपुर के खैरा में है महिला की ससुराल। जूली की शादी सात वर्ष पहले हुई थी। चार बच्चों का सहारा अब कौन होगा। मां तो बीमारी के चपेट में आकर मौत के मुंह में चली गई।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 09:07 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 09:07 AM (IST)
... आखिरकार जिंदगी से जंग हार गई जुली, बेटी ने दी मुख‍ाग्नि
गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पाए।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। अकबरनगर थाना के समीप अमरपुर थाना क्षेत्र के खैरा निवासी 25 वर्षीया जुली नहीं रही। उसके साथ ही उसके गर्भ में पल रहा आठ माह के नवजात ने भी जन्म लेने से पहले ही दम तोड़ दिया। जूली की शादी लगभग सात वर्ष पहले अमरपुर थाना क्षेत्र के खैरा निवासी परशुराम पासवान के साथ हुई थी। गरीबी व आर्थिक संकट से जूझते हुए स्वजनों ने जुली की शादी की थी। शनिवार को वह सांस फूलने से परेशान हो उठी। पैसे के अभाव में परिजन निजी क्लिनिक जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके और जुली को ऑटो से लेकर मायागंज अस्पताल जा रहे थे। इस दौरान उसकी रास्ते में ही मौत हो गई।

बड़ी बेटी अमीशा ने दी मां को मुखाग्नि, सदमे में पिता  

आखिर चार बच्चों का सहारा अब कौन होगा। मां तो बीमारी के चपेट में आकर मौत के मुंह में चली गई। मां की मौत के बाद पिता सदमे में है। ऐसे में अब चार बच्चों की देखभाल कौन करेगा। यह सवाल जुली के शव के पास मौजूद उस हर लोगों की जुबां पर था जिसने शनिवार को इस घटना के बारे में सुनी। हर किसी को बच्चों की चिंता थी। इनका क्या होगा? इनके भविष्य का क्या होगा? रविवार को जुली का सुल्तानगंज गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। सात वर्षीय बड़ी पुत्री अमीशा ने मां को मुखाग्नि दी। इस दौरान वहां मौजूद सभी की आंखे नम हो गईं। पति मेहनत मजदूरी कर घर चलाता है।

निभाया बेटे का फर्ज

अकबरनगर में रविवार को एक बेटी ने बेटे का फर्ज निभाते हुए मां को मुखाग्नि दी। अमरपुर के खैरा निवासी परशुराम पासवान की पत्नी जूली शनिवार को सुबह सांस फूलने की बीमारी के बाद निधन हो गया। स्वजनों व ग्रामीणों ने जूली के शव को सुल्तानगंज श्मशान घाट पहुुंचाया। जहां उसकी बड़ी पुत्री अमिशा ने विधि संस्कारों के साथ मां को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। जूली को चार पुत्री के अलावा उसका कोई पुत्र नही है। उसकी बेटी ने अंतिम संस्कार कर बेटे का फर्ज निभाया। सामाजिक कुरीतियों को दरकिनार कर बेटी द्वारा मां को मुखाग्नि देने की खबर आस-पास के दर्जनों गांवों में चर्चा का विषय बनी हुई है। वही इस घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।

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