इस वर्ष के सबसे ज्यादा उम्र में कोरोना को हराने वाले पहले मरीज बने ललन
भागलपुर। नवगछिया के खरीक निवासी 78 वर्ष के ललन कुमार को कोरोना ने चपेट में ले लिया था।
भागलपुर। नवगछिया के खरीक निवासी 78 वर्ष के ललन कुमार को कोरोना ने चपेट में ले लिया था। 29 अप्रैल को जांच के बाद इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। संक्रमित की खबर मिलते ही मोहल्लों और गांव में एक हड़कंप सी मच गई थी। इसके बाद परिवार वालों ने टीचर्स ट्रेनिग कॉलेज स्थित कोविड सेंटर में भर्ती कराया। कोरोना और पहले से गैस बीमारी की समस्या से ललन कुमार काफी परेशान थे। जिदगी की आस छोड़ दी थी। 36 घंटे तक हालत खराब रही। दवाइयां और दिनचर्या में बदलाव होने के बाद धीरे-धीरे सेहत में सुधार होने लगा।
रविवार को इन्हें कोविड सेंटर से छुट्टी दे दी गई। ललन इस वर्ष में अबतक सबसे ज्यादा उम्र में कोरोना को हराने वाले जिले के पहले मरीज हैं। उन्होंने कोरोना संक्रमण को कोई बड़ी समस्या न मानते हुए दिनचर्या और खान-पान को व्यवस्थित कर कोरोना को आठ दिन में ही हरा दिया। उनका कहना है कि इस संक्रमण को दिमाग पर लेने की जरूरत नहीं है। इसके बारे में न ज्यादा बात करने की जरूरत है और न डरने की। आपका खान-पान बेहतर रहेगा तो यह संक्रमण शरीर में ज्यादा समय तक रह नहीं पाएगा। 36 घंटे तक हालत बनी थी गंभीर
ललन कुमार 29 अप्रैल को सदर अस्पताल में बने कोविड वार्ड भर्ती हुए थे। डॉ. अमित कुमार शर्मा ने जांच किए और जांच किए और 36 घंटे तक अपने निगरानी में रखें। ऑक्सीजन लगाए और बुखार वगैरह की दवा दिए। स्थिति सामान्य होने पर 30 तारीख को टीटीसी में भर्ती किया गया। आयुष चिकित्सक डॉ. पवन कुमार,डॉ. चंद्र किशोर प्रसाद और सीसीसी के प्रभारी डॉ. नीरज कुमार गुप्ता ने निगरानी में रखकर इलाज किए। किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आने दी। अश्वगंधा व गिलोय का सेवन भी करने की सलाह दी गई थी। इसके बाद तेजी से रिकवरी शुरू हो गया। सीसीसी के प्रभारी डॉ. गुप्ता ने बताया कि 2021 में अबतक का 78 वर्ष के स्वस्थ्य होने वाले ललन कुमार पहले मरीज हैं। घर जैसा मिला माहौल, नहीं हुई कोई दिक्कत
रविवार को कोविड सेंटर से डिस्चार्ज होते समय ललन कुमार ने बताया कि जब रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी मिली तो घबराहट बढ़ गई थी। परिवार वालों ने कोविड सेंटर में भर्ती कराया। उन्होंने बताया कि यहां के चिकित्सक हर शिफ्ट में हालचाल लेने पहुंचते थे। समय पर दवाइयां और भोजन मिलता रहा। डॉ. नीरज गुप्ता और डॉ. सलमान सहित पूरी टीम यहां भर्ती हर मरीजों का पूरा ख्याल रखते हैं। घर जैसा माहौल मिला। किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। बुजुर्ग मरीज ने जाते समय सभी चिकित्सकों को आशीर्वाद दिए और धन्यवाद भी कहा। बुजुर्ग मरीज ने कहा कि चिकित्सक को धरती का भगवान माना जाता है। इनके बदौलत ही स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं।