भागलपुर नगर निगम : सिल्क सिटी की राजनीति में महारथियों को मिली मात

भागलपुर नगर निगम नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव में मिली मेयर और डिप्टी मेयर को जीत। विधायक सांसद सहित कई पार्षद व पूर्व महापौर ने जिस तरीके से रणनीति बनाकर उन्हें कुर्सी से बेदखल करने की तैयारी कर रखी थी। वह असफल हो गया।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Fri, 11 Dec 2020 09:10 AM (IST) Updated:Fri, 11 Dec 2020 09:10 AM (IST)
भागलपुर नगर निगम : सिल्क सिटी की राजनीति में महारथियों को मिली मात
भागलपुर नगर निगम में अविश्‍वास प्रस्‍ताव गिर गया है।

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। सिल्क सिटी की राजनीति में विधानसभा चुनाव में अच्छी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद से विरोधी धड़े के निशाने पर रहे डिप्टी मेयर राजेश वर्मा विश्वास के संकट से उबर गए। अविश्वास प्रस्ताव लाने में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जिन तीन महारथियों ने चालें चली थी। उनकी चाल को सधे तरीके से जवाब देते हुए मात दे दी। मेयर सीमा साहा और राजेश वर्मा की न सिर्फ कुर्सी बची बल्कि आने वाली राजनीति में दूर-दूर तक अब उनके विरोधी राजनीतिक अखाड़े पर सामना नहीं कर सकेंगे।

एक विधायक, सांसद और एक पूर्व महापौर ने जिस तरीके से रणनीति बनाकर उन्हें कुर्सी से बेदखल करने की तैयारी कर रखी थी। पहले तो दोनों ने यह तय किया था कि उस कुर्सी को खुद त्याग कर देंगे। जिनकी लड़ाई लडऩे का संकल्प लेकर नगर निगम का चुनाव लड़ा था, पद त्याग कर उनके बीच ही चले जाएंगे। लेकिन दोनों के इस कदम को कई वार्ड पार्षदों ने रोका। यह बताया कि इससे तो विरोधी खेमे को बल मिल जाएगा। इसलिए जो पार्षद आरंभ से साथ थे, दोनों के साथ जुड़े रहने की बात कह लड़ाई आमने-सामने की कर दी। डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने पार्षदों की मीटिंग कर शहर में उन पार्षदों के चेहरे को बेनकाब करना शुरू कर दिया जो विरोधी खेमे में खड़े हो बड़े सपने देखने लगे थे। विरोधी खेमे की रणनीति और पार्षदों को बाहर ले जाने की भी जानकारियां अविश्वास प्रस्ताव पूर्व लोगों के बीच फैलने लगी।

कई पार्षद तो लोगों के विरोध वाले स्वर से भी घबराने लगे। एक समय ऐसा भी आया कि 30-40 का दावा करने वाला विरोधी खेमा 17-18 की संख्या में हांफने लगा। मेयर और डिप्टी मेयर को पद से हटाने की रणनीति के पीछे पूर्व महापौर, विधायक और सांसद के निशाने पर राजेश वर्मा ही थे। लेकिन पार्षदों की गोलबंदी राजेश के पक्ष में तेजी से मजबूत होती गई और विरोधी खेमा का अविश्वास प्रस्ताव पार्षदों की मानक संख्या पूरा नहीं होने के कारण स्वत: गिर गया। जिस कूबत के बदौलत मेयर और डिप्टी मेयर को पद से हटाने में लगे तीनों महारथी जाने जाते हैं। उस कूबत को सधी चाल से पीट सिल्क सिटी की राजनीति में अपनी राजनीतिक ताकत दिखा दी।

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