भागलपुर नगर निगम: नाला निर्माण में गुणवत्ता पर मेयर ने उठाए सवाल, मांगे डीपीआर

भागलपुर नगर निगम 46-46 लाख की लागत से दो संवेदक को अलग-अलग दिया गया नाला निर्माण का कार्य। लोगों की शिकायत पर मेयर ने अभियंता के साथ निर्माण कार्य का लिया जायजा। नाले के आकार अनुरूप कम है छड़ की क्षमता।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 11:59 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 11:59 AM (IST)
भागलपुर नगर निगम: नाला निर्माण में गुणवत्ता पर मेयर ने उठाए सवाल, मांगे डीपीआर
भागलपुर में नाला निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जा रही है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। डिक्शन चौक से भोलानाथ अंडरपास तक नाला निर्माण कार्य का बुधवार को मेयर सीमा साहा ने अभियंता के साथ औचक निरीक्षण किया। यहां 46-46 लाख की लागत से दो संवेदक को अलग-अलग को नाला निर्माण का कार्य आवंटित किया गया है। लगातार घटिया सामग्री के इस्तेमाल की शिकायत पर मेयर ने निरीक्षण के दौरान संवेदक और अभियंता से जवाब मांगा। मुख्य नाले में करीब पांच वार्डों के साथ बाजार के नालों का पानी गिरता है। छह फीट गहरे और पांच फीट चौड़े नाले में छड़ आठ एमएम का लगाया जा रहा है। इतने चौड़े नाले में अधिक एमएम का छड़ इस्तेमाल करना चाहिए। जिस तरह बुडको के नाले निर्माण छड़ का उपयोग हो रहा है। कम क्षमता का छड़ देने से कभी भी नाले का दीवार गिर सकता है। नगर निगम कार्यालय पहुंचते ही मेयर ने योजना शाखा प्रभारी से डीपीआर की कांपी मांगी गई। लेकिन नाले के डिजाइन के साथ डीपीआर उपलब्ध नहीं कराया गया। नाले में उपयोग होने वाले छड़, बालू व सिमेंट का ब्योरा मांगा गया है। इसके बाद योजना की जांच कराई जाएगी।

सड़क पर मलवा देख भड़की मेयर

डिक्शन मार्ग में नाले का गाद निकालकर सड़क पर छोड़ दिया गया है। इससे बस स्टेंड की आवागमन करने वाले लोगों को जाम का सामना करना पड़ रहा है। आधी सड़क पर मलवा रखने को लेकर संवेदक को अविलंब हटाने का निर्देश दिया है। साथ ही नाले की गहराई अधिक होने से वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बना हुआ है। इसके कार्य स्थल पर बैरिकेडिंग कराई जाएगी।

भागलपुर में लगातार बारिश हो रही है। इस कारण यहां का जनजीवन प्रभावित है। नाले का पानी सड़कों पर बह रहा है। लोग परेशान हैं। इस बीच नाला निर्माण की गुणवत्‍ता का अभाव है। नगर निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि लगातार जांच कर रहे हैं। लेकिन संवेदकों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। लगातार निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है।

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