भागलपुर नगर निगम: निजी प्लाट पर कूड़ा डंप, स्कूल प्रबंधन के लिखित शिकायत का भी असर नहीं

भागलपुर नगर निगम नगर आयुक्त और मेयर द्वारा प्रतिबंध के बाद भी कूड़ा गिराने का सिलसिला जारी। स्कूल प्रबंधन कई बार कर चुका है लिखित शिकायत नहीं मान रही स्वस्थ्य शाखा। लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 11:25 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 11:25 AM (IST)
भागलपुर नगर निगम:  निजी प्लाट पर कूड़ा डंप, स्कूल प्रबंधन के लिखित शिकायत का भी असर नहीं
भागलपुर में निजी जमीन पर कूड़ा फेंका हुआ है।

जागरण संवाददात, भागलपुर। शहर में कूड़ा निस्तारण को लेकर सरकार ने डंपिंग ग्राउंड उपलब्ध करा दिया, लेकिन अब तक कूड़ा प्रोसेसिंग तो छोडि़ए, यहां वाहनों के आवागमन के लिए सड़क निर्माण तक पूरा नहीं हुआ। चारदीवारी का कार्य पिछले दो वर्ष से अधूरा पड़ा है। नतीजा बारिश के बाद डंपिंग ग्राउंड तक वाहन के आवागमन की समस्या बनी है। नगर निगम का स्वास्थ्य शाखा व्यवस्था का रोना रो रहा है। जिस सफाई व्यवस्था से शहर का रैकिंग जुड़ा। यह कार्य निगम की प्राथमिकता में है। बावजूद निगम में बैठे जनप्रतिनिधि भी मौन है। शहर का कूड़ा नाथनगर व अलीगंज क्षेत्र में निजी प्लाट पर गिराने का खेल जारी है।

दरअसल, अलीगंज स्थित सेंट टेरेसा स्कूल सीनियर सेक्शन के सामने नगर निगम मनमानी पर उतर आया है। छोटी-बड़ी गाडिय़ों से अवैध रूप से कूड़ा कचरा गिराया जा रहा है। पिछले छह माह में स्कूल की प्राचार्या ने मेयर से शिकायत दर्ज कर समस्या निदान की गुहार लगाई। बार-बार शिकायत के बाद भी समस्या निदान नहीं हुआ। जिसके कारण आसपास के क्षेत्रों के साथ विद्यालय परिसर में दुर्गंध और वायु प्रदूषण के साथ साथ महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। स्कूल की ङ्क्षप्रसिपल सिस्टर टेरेस ने बताया कि इस संबंध में आवेदन पत्र के माध्यम से जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन को बहुत बार शिकायत की गई है। बावजूद इसके बिना रोक-टोक के विद्यालय के सामने अवैध रूप से कूड़ा नियमित रूप से गिराया जा रहा। अगर इसपर रोक नही लगाया गया तो ,आसपास और विद्यालय परिसर में रहने वाले लोग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं। दुर्गंध इतनी ज्यादा है की पांच मिनट भी रहना मुश्किल है।

मिर्जापुर में कूड़ा गिराकर भू माफिया बना रहे सड़क

नाथनगर के मिर्जापुर और पुरानी सराय के बीच भू माफिया के संरक्षण में कूड़ा गिराया जा रहा है। कूड़े से 10 फीट ऊंची सड़क बनाई जा रही है। एनजीटी के बार-बार निर्देश के बाद भी कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट नहीं लगाया गया। इससे ग्रामीण क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित हो रहा है।

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