... आखिर क्‍यों हमेशा लगा रहता है एनएच 80 पर जाम, जानिए... क्‍या है प्रमुख वजह

भागलपुर से कहलगांव मार्ग में अक्‍सर जाम लगा रहता है। यह जाम लगने का मुख्‍य कारण पासिंग की समस्‍या है। ट्रक खड़े हैं। आधी सड़क पर हो रहा आवागमन। रुक-रुककर लगता रहता है जाम। सड़क संकरी होने के कारण मार्ग पर लगता है जाम।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Dec 2020 09:08 AM (IST) Updated:Thu, 24 Dec 2020 09:08 AM (IST)
... आखिर क्‍यों हमेशा लगा रहता है एनएच 80 पर जाम, जानिए... क्‍या है प्रमुख वजह
नो एंट्री भी प्रमुख कारण, ट्रक चालकों की नहीं कम हो रही परेशानी

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कहलगांव अनुमंडल की जनता विगत तीन दिनों से लगातार सड़क जाम की मुसीबत झेल रही है। हर आम और खास जो भी सड़क मार्ग का प्रयोग कर रहा है वह जाम झेलने को विवश है। यूं तो सड़क संकरी होने और प्रशासनिक आदेश से लगने वाली नो एंट्री के कारण इस सड़क पर अक्सर जाम लगता रहा है। इन चार दिनों से लगे जाम का मामला भिन्न है। यह जाम राज्य सरकार द्वारा जारी उस अध्यादेश की उपज है, जिसमें ट्रकों के ओवरलोड पर रोक और निर्धारित संख्या से अधिक पहिये वाले ट्रकों के परिचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की बात कही गई है। इस जाम का प्रमुख कारण इस इलाके के ट्रांसपोर्ट उद्योग में प्रचलित पासिंग शब्द है।

क्या है पासिंग

पासिंग यानी ट्रकों पर ओवरलोड करने हेतु हुक्मरानों को दिये जाने वाले नजराने से है। पासिंग की माहवारी रकम जमा करने के बाद वाहन मालिक ओवरलोड करने के लिए स्वतंत्र होते थे। इन पर कोई दंडात्मक कारवाई नहीं होती थी। पासिंग एक संस्थागत रूप ले चुकी थी। ट्रक मालिकों के हिसाब किताब में यह वाहन के टैक्स की तरह शामिल हो चुका है।

क्यों रुके हैं ट्रक

फिलवक्त अध्यादेश की जानकारी नहीं होने के कारण सभी ट्रक पूर्व की व्यवस्था के अनुरूप ओवरलोड हैं। उनमें वह गाडिय़ां भी शामिल हैं, जिनके परिचालन पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही भागलपुर जिले में पासिंग की व्यवस्था बंद हो गई। अब ट्रक मालिकों को ट्रक पकड़े जाने का भय सता रहा है। ट्रक चालक जितेंद्र, सुरेंद्र, रामजनम इत्यादि कहते हैं कि धीरे-धीरे सरक रहे हैं। मालिक का निर्देश है कि गाड़ी जहां खड़ी है वहीं खड़ी रखो। समय देख कर गाड़ी निकालो और गाड़ी खाली कर दरवाजे पर खड़ी कर दो। ड्राइवरों का कहना है कि हम तो आफत में हैं। खाने के पैसे खत्म हो रहे हैं। वहीं इस ठंड में टिन के केबिन में सोने को मजबूर हैं जो जाड़े में और ठंडी हो जाती है। वैसे ड्राइवर अधिक संकट में हैं जिनकी गाडिय़ां सुनसान स्थान पर खड़ी हैं। उनका कहना है कि सिर्फ भागलपुर जिले से निकलने का इंतजार है। उसके बाद कहीं दिक्कत नहीं है।

क्या है प्रभाव

अब छर्री, मेटल, बोल्डर इत्यादि ढोने वाले ट्रकों के वापस मिर्जाचौकी आने की संख्या में रविवार की रात से बेतहाशा कमी आई है। कहलगांव से राज्यमार्गों के निर्माण हेतु जाने वाली बिजलीघर से उत्सॢजत राख भी निर्माण स्थल नहीं जा रहे हैं। लगभग राख ढुलाई में लगे सभी ट्रकों के पहिये थम चुके हैं। कहलगांव शहर में लगातार लगे जाम के कारण बाजार में ग्राहकों की संख्या में भी भीषण कमी देखी जा रही है। सड़क मार्ग का प्रयोग करने वालों को तो भीषण कष्ट का सामना करना पड़ रहा है जो ग्रामीण सड़कें भागलपुर को कहलगांव से जोड़ती हैं उनमें भी चारपहिया वाहनों के दबाव से जाम की स्थिति बन रही है।

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