Bhagalpur : भारी बारिश ने फसलों को पहुंचाया व्यापक नुकसान, खेतों से घर नहीं पहुंच पा रही मक्का, आम की मिठास हो गई गायब

भागलपुर में भारी बारिश से आम और मक्का को भारी बारिश हुई। मक्का खेत से किसानों के घर तक नहीं पहुंच पा रहा है। आम पकने के साथ सडऩे लग रहा है। धान का बिचड़ा खेतों में नहीं गिर पा रहा है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 03:29 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 03:29 PM (IST)
Bhagalpur : भारी बारिश ने फसलों को पहुंचाया व्यापक नुकसान, खेतों से घर नहीं पहुंच पा रही मक्का, आम की मिठास हो गई गायब
भागलपुर में भारी बारिश से आम और मक्का को भारी बारिश हुई।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जून में हुई भारी बारिश ने फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। आम की मिठास गायब हो गई है तो मक्के का रंग बदरंग हो गया है। मक्का खेत से किसानों के घर तक नहीं पहुंच पा रहा है। आम पकने के साथ सडऩे लग रहा है। धान का बिचड़ा खेतों में नहीं गिर पा रहा है। हालांकि जिन किसानों ने बिचड़ा तैयार कर लिया है, उनके लिए बारिश फायदा पहुंचाया है। मिर्च, मूंग और सब्जी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। बची हुई लीची में कीड़ा लग गया है।

जून में 250 एमएम हुई बारिश

जून में अमूमन 170 एमएम के करीब बारिश होती है। लेकिन इस साल मानसून आने के साथ शनिवार तक 250 एमएम तक बारिश हो गई है। इस महीने अभी और बारिश होने की संभावना है। भारी बारिश होने की वजह से सबसे अधिक नुकसान सब्जी और मूंग को पहुंचा है। जिले में मूंग की 1240 एकड़ में फसल लगी है। सबसे अधिक फसल कहलगांव, शाहकुंड, जगदीशपुर आदि इलाके में लगी है। भारी बारिश की वजह से निचले इलाके में लगी फसल गल गया है। किसान दो से तीन बार ही मूंग तोड़ पाया है। ऐसे किसानों को मायूसी हाथ लगी है।

बिचड़ा नहीं गिरा पा रहे किसान

ज्यादा बारिश होने की वजह से खेतों में पानी जम गया है। जिससे किसान बिचड़ा नहीं गिरा पा रहे हैं। अधिक अवधि वाले बीज कुछ किसानों ने खेतों में गिराया है। वैसे किसान धान की रोपाई कर रहे हैं। लेकिन मध्यम व छोटी अवधि के धान का बिचड़ा अभी खेतों में नहीं गिर पाया है। हालांकि कुछ किसान पानी के बीच ही धान के खेत की जोताई कर बिचड़ा गिरा रहे हैं। इस साल 52 हजार हेक्टेयर में धान रोपाई का लक्ष्य है। कृषि विभाग के स्तर से बीज वितरण का कार्य शुरू हो गया है।

खेत से घर तक नहीं पहुंचा मक्का

भारी बारिश की वजह से मक्का किसानों के घर तक नहीं पहुंच पाया गया है। खेत में मक्का रह जाने की वजह से रंग बदरंग हो गया है। जिले में करीब 44 हजार हेक्टेयर में मक्के की फसल लगी थी। धान व सरसों के खेत में लगी मक्के की फसल लेट से लगी, इसलिए यह लेट से तैयार हुआ। सबसे अधिक मक्के की खेती कोसी व गंगा दियारा के किनारे होती है। दियारा इलाके में सड़क की सुविधा नहीं रहने की वजह से गाडिय़ां वहां तक नहीं पहुंच पा रही है। बभनबामा के किसान निरंजन चौधरी व बंटी चौधरी ने बताया कि बारिश में ही मक्का तैयार हो रहा है। सड़क पर कीचड़ रहने की वजह से गाडिय़ां नहीं पहुंच रही है। इस कारण व्यापारी भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। मक्का के घर नहीं पहुंचने के कारण पानी लग रहा है। इस कारण मक्का का रंग खराब हो रहा है। तेलघी के किसान सुमित कुमार सिंह ने बताया कि मक्का व्यापारी बिहपुर, नवगछिया, तेतरी आदि जगहों पर गोदाम बना रखा है। लेकिन वहां तक मक्का नहीं पहुंच पा रहा है।

गल गया मिर्ची का पौधा

बारी बारिश की वजह से मिर्ची का पौधा गल गया है। इस साल लगभग दो हजार एकड़ में मिर्च की फसल लगी है। खेत में जलजमाव की वजह से मिर्च का पौधा गल गया है या फिर गल रहा है। ऊंचे खेत में अत्यधिक नमी रहने की वजह से पौधों में ग्रोथ नहीं हो पा रहा है। पीरपैंती के किसान वरूण यादव ने बताया कि इस साल मौसम का साथ मिल रहा था। मिर्च की अच्छी उपज की उम्मीद थी। लेकिन भारी बारिश की वजह से मिर्च को भारी नुकसान पहुंचा है।

आम की मिठास गायब

अधिक बारिश होने की वजह से आम की मिठास गायब हो गई है। बारिश की वजह से आम का फल फुल गया है। पानी की मात्रा बढ़ गई है। जिसके कारण आम टूटने के दो दिन बाद ही वह सडऩे लग रहा है। जो आम पांच छह दिन बाद भी सड़ नहीं रहा था, वह दो दिन ही सडऩे लग रहा है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के उद्यान (फल) विभाग के एसोसिएट निदेशक डॉ. फिजा अहमद के अनुसार बारिश की वजह से आम का स्वाद फीका हो गया है। दो दिन में आम सडऩे लग रहा है।

लीची में पडऩे लगा कीड़ा

लीची का समय बीत गया है। लेकिन जो लीची पेड़ में लगी है, उसमें कीड़ा पडऩे लगा है। लीची छिलने के साथ ही उससे कीड़ा निकलता है। मिठास में भी कमी आई है। लीची 15 जून तक समाप्त हो जाता है। इस साल जिले में लीची की पैदावार कम हुई है। लॉकडाउन की वजह से बाहर से कम व्यापारी आए। इससे किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है।

धान के बीज के वितरण शुरू हो गया है। जल्द ही आवेदन करने वाले किसानों तक बीज पहुंचा दिया जाएगा। बारिश की वजह से बिचड़ा गिराने में किसानों को परेशानी हो रही है।

कृष्ण कांत झा, जिला कृषि पदाधिकारी

जून में काफी अधिक बारिश होने की वजह से सारे फसलों को नुकसान पहुंचा है। खासकर नीचे के खेतों में लगी फसल को बहुत नुकसान हुआ है।

वीरेंद्र कुमार, किसान सलाहकार, मौसम वैधशाला सबौर

आम व लीची सहित मक्का, सब्जी को बारिश से नुकसान पहुंचा है। आम की मिठास गायब है। लीची में कीड़े पड़ गए है। जलजमाव की वजह से पौधे जल रहे हैं।

डॉ. फिजा अहमद, बिहार कृषि, निदेशक उद्यान (फल) सबौर कृषि विवि 

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