भागलपुर को 25 सौ टन मिली खाद, डीएपी का संकट होगा दूर, गेहूं की बोआई करने वाले किसानों बड़ी राहत
हजारों एकड़ जमीन में गेहूं की बोआई करने वाले किसानों को मिलेगी राहत। खाद की जांच के लिए पटना से आज आएगी दो सदस्यीय टीम। अधिक कीमत पर खाद बेचने वालों के विरुद्ध होगी सीधी कार्रवाई। दो हजार टन के करीब डीएपी इफको का मिलेगा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले में डीएपी का संकट जल्द दूर होगा। 25 सौ टन डीएपी जिले को मिला है। इससे गेहूं की बोआई करने वाले किसानों को काफी राहत मिलेगी। अगले सप्ताह तक डीएपी का संकट काफी हद तक दूर हो जाएगा। जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण कांत झा ने बताया कि इफको का डीएपी दो हजार टन के करीब मिलेगा, जबकि आइपीएल का डीएपी पांच सौ टन मिलेगा। अगले एक-दो दिनों में डीएपी से लदा रैक भागलपुर पहुंच जाएगा। इधर, खाद की जांच के लिए पटना से दो सदस्यीय टीम शुक्रवार को भागलपुर आ रही है। टीम में सहायक निदेशक पौधा संरक्षण पटना प्रमोद कुमार और विनय कुमार हैं। टीम सीधे किसानों के बीच जाकर खाद के संबंध में जानकारी प्राप्त करेगी। अधिक कीमत पर खाद बेचने वालों के विरुद्ध सीधे कार्रवाई की जाएगी।
जिले में है पर्याप्त मात्रा में यूरिया
जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा ने बताया कि जिले में रबी मौसम 2021-22 में यूरिया का लक्ष्य 40000 मीट्रिक टन के विरुद्ध उपलब्धता 4550.896 मीट्रिक टन, डीएपी का लक्ष्य 9828 मीट्रिक टन व उपलब्धता 1168.45 मीट्रिक टन, एनपीके का लक्ष्य 4420 मीट्रिक टन व उपलब्धता 1614.435 मीट्रिक टन, एमओपी का लक्ष्य 4782.00 मीट्रिक टन व उपलब्धता 614.926 मीट्रिक टन, एसएसपी का लक्ष्य 2763 मीट्रिक टन व उपलब्धता 328.025 मीट्रिक टन है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में यूरिया की कमी नहीं है, लेकिन रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार से डीएपी की आपूर्ति आवश्यकता से कम होने के कारण दिसंबर में बीज की बुआई चरम पर होने के कारण क्षेत्र से कमी की शिकायत प्राप्त हो रही है। किसानों को डीएपी के बदले एनपीके मिक्चर, एमओपी एवं एसएसपी से खेती करने की सलाह दी गई है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकारों को क्षेत्र में किसानों के बीच डीएपी के बदले एनपीके मिक्चर, एमओपी एवं एसएसपी से खेती करने के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए आदेश दिए गए हैं।
गठित दल लगातार छापेमारी करे
जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि उर्वरक की कालाबाजारी एवं मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए गठित छापेमारी दल द्वारा लगातार छापेमारी की जाए एवं दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। सभी प्रखंडों में खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिया जाए कि प्रतिष्ठान पर मूल्य तालिका एवं भंडार प्रदर्शित करें ताकि आने जाने वाले सभी किसानों एवं जनता को उर्वरक के सही भंडार एवं मूल्य का पता चल सके। उर्वरक का मूल्य एवं भंडार प्रदर्शित नहीं करने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही जीरो टालरेंस का अनुपालन करने के लिए सभी स्तर के पदाधिकारी निगरानी रखें तथा कालाबाजारी करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करें।
95 दुकानदारों के विरुद्ध हुई कार्रवाई
खरीफ मौसम में अब तक 26 उर्वरक प्रतिष्ठानों की उर्वरक अनुज्ञप्ति रद, 54 उर्वरक प्रतिष्ठानों की अनुज्ञप्ति निलंबित, 10 उर्वरक प्रतिष्ठानों से स्पष्टीकरण एवं पांच उर्वरक प्रतिष्ठान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में अकार्बनिक नमूना 180 के विरूद्ध 109, कार्बनिक नमूना 29 के विरूद्ध दो, जैव नमूना 31 के विरूद्ध आठ संग्रह कर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है, जिसमें आठ उर्वरक नमूना जांच में अमानक पाया गया। संबंधित विक्रेता की बिक्री पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण पूछा गया है व रेफरी नमूना फिर से जांच के लिए भेजा गया है। उर्वरक की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए लक्ष्य के अनुरूप नमूना संग्रह कर जांच के लिए भेजा जा रहा है और जांच में अमानक पाए जाने पर विक्रेता के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत कड़ी कार्रवाई की जा रही है।