कात्यायनी देवी की हुई पूजा, कालरात्रि का आह्वान आज

वासंतिक नवरात्र पर रविवार को कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालु सोमवार को कालरात्रि देवी के रूप की आराधना करेंगे जबकि मंगलवार को मंगल दायिनी महाअष्टमी को नवरात्र में भक्त विशेष आराधना करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 12:16 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 12:16 PM (IST)
कात्यायनी देवी की हुई पूजा, कालरात्रि का आह्वान आज
कात्यायनी देवी की हुई पूजा, कालरात्रि का आह्वान आज

भागलपुर। वासंतिक नवरात्र पर रविवार को कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालु सोमवार को कालरात्रि देवी के रूप की आराधना करेंगे, जबकि मंगलवार को मंगल दायिनी महाअष्टमी को नवरात्र में भक्त विशेष आराधना करेंगे।

मिरजानहाट दुर्गा मंदिर के मुख्य गेट बंद है, लेकिन शाम को दर्जनों महिलाओं ने पूजा अर्चना, बंदन आरती गेट के बाहर किया। यहां सब्जी मंडी में मंदिर होने के कारण बाजार करने के साथ मां की आरती संध्या में भी शरीक हो जाते हैं। सभी मंदिरों के बाहर से मुख्य द्वार बंद रहने के कारण गेट पर ही आरती कर मां से ले रहे हैं आशीष।

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि नवदुर्गा का सातवां स्वरुप हैं। मां के इस रूप को बहुत भयंकर माना जाता है। इनका रंग काला है और ये तीन नेत्रधारी हैं। इनके हाथों में खड्ग और कांटा है और इनका वाहन गधा है। ये भक्तों का हमेशा कल्याण करती हैं, इसलिए इन्हें शुभंकरी भी कहते हैं।

उपासना से होता है लाभ

शत्रु और विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए मां कालरात्रि की उपासना अत्यंत शुभ होती है। इनकी उपासना से भय, दुर्घटना तथा रोगों का नाश होता है। इनकी उपासना से नकारात्मक ऊर्जा का असर नहीं होता है। ज्योतिष में शनि नामक ग्रह को नियंत्रित करने के लिए इनकी पूजा करना अदभुत परिणाम देता है।

कालरात्रि रूप की ऐसे करें पूजा

शहर के मशहूर पंडित अंजनी शर्मा कहते हैं कि मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं। मां को लाल फूल अर्पित करें, साथ ही गुड़ का भोग लगाएं। मां के मंत्रों का जाप करें या सप्तशती का पाठ करें। भोग लगाए गए गुड़ का आधा भाग परिवार में बाटें और बाकी आधा गुड़ किसी ब्राह्मण को दान कर दें। काले रंग के वस्त्र धारण करके या किसी को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से पूजा नहीं करें।

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