Bhagalpur DTO Office : कहने को आनलाइन हो गई व्यवस्था, हकीकत- ड्राइविंग लाइसेंस बनवाले के लिए लगाना होगा डीटीओ कार्यालय का चक्कर
Bhagalpur DTO Office ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य कामों के लिए लोग अभी भी परेशान हैं। कहने को तो डीटीओ आफिस में इन चीजों के लिए आनलाइन आवेदन लिया जाता है पर लोग अब भी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। पारदर्शिता लाने के लिए परिवहन विभाग में सभी व्यवस्थाओं को आनलाइन कर दिया गया है। ड्रायविंग लाइसेंस, वाहनों के रजिस्ट्रेशन आदि की आनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मतलब साफ है- आप घर बैठे परिवहन विभाग की सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। पारदर्शिता के लंबे-चौड़े वायदे जिला परिवहन कार्यालय में दम तोड़ते नजर आते हैं। कार्यालय में परेशान और हताश लोगों की लंबी कतार लगी दिख जाती है।
बुधवार को भी जिला परिवहन कार्यालय परिसर में दर्जनों लोग अलग अलग काम से पहुंचे थे। बारिश के बाद भी लोग इस उम्मीद से पहुंचे थे कि शायद आज उनका काम हो जाएगा। लेकिन, सिस्टम की पेचिदगी के कारण कई लोगों को निराश लौटना पड़ा। परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली को काउंटर पर मौजूद नीरज ने एक लाइन में बयां कर दिया- यहां कोई काम समय से नहीं होता है। कार्यालय पहुंचने वाले लोगों को आसपास मंडरा रहे बिचौलिये झांस देकर ठगी करने का प्रयास करते हैं। ऐसे बिचौलिये सब काम जल्दी करा देने का दावा करते हैं। इसके लिए अतिरिक्त सुविधा शुल्क की डिमांड की जाती है।
काउंटर पर सुनाई दी परेशानियों की कहानी
डीटीओ कार्यालय की पहली मंजिल पर विभिन्न सेवाओं के लिए काउंटर बने हुए हैं। बारिश का असर दिखा। लोगों की संख्या काफी कम दिखी। कटघर मुहल्ला के नीरज कुमार अब तक वाहन के रजिस्ट्रेशन का स्मार्ट कार्ड नहीं भेजे जाने से परेशान थे। नीरज ने कहा कि 18 जून को ही सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई। अब तक मेरा रजिस्ट्रेशन वाला कागजात नहीं भेजा गया है। यहां आने पर कहा गया कि डाक से भेज दिया गया। डाकघर में पता करने पर कहा गया कि अभी तक परिवहन विभाग से नहीं भेजा गया है। अगर परिवहन विभाग से भेजा गया होता, तो ट्रेङ्क्षकग कर आपको बता दिया जाता कि आपका कागजात कहां है। जब मैंने कहा कि दिखाईए, हम खुद देख लेते हैं, तब कहा गया कि हमलोग नए आए हैं। पहले के स्टाफ के कारण कुछ मामला पेंङ्क्षडग है। आपका कागजात शीघ्र डाकघर के माध्यम से भेज दिया जाएगा। प्रियंका कुमारी ने कहा कि मेरा ड्रायङ्क्षवग लाइसेंस अब तक नहीं पहुंचा है। एक महीना से परेशान हैं। कभी मैं तो कभी मेरे स्वजन डीटीओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। सीढ़ी से उतर रहे सबौर के राजकुमार ने कहा कि मेरा ड्रायविंग लाइसेंस बन कर आ गया। नाम में कुछ गलती रह गई। अब फिर से आनलाइन आवेदन करने के लिए कहा गया है।
अब किसी चीज के लिए लोगों को परिवहन कार्यालय आने की जरूरत ही नहीं है। लोग घर बैठे ड्रायविंग लाइसेंस के लिए आवेदन, जांच के लिए स्लाट बुक, वाहनों के निबंधन, चलान जमा करने आदि जैसे कार्य कर सकते हैं। ड्रायङ्क्षवग लाइसेंस और वाहन निबंधन के कार्ड आदि डाक के माध्यम से आवेदक के घर भेजा जाता है। प्रत्येक दिन कार्यालय से डाकघर को डिस्पैच किया जाता है। विभाग की ओर से प्रतिदिन इसकी समीक्षा की जाती है। एड्रेस में चूक, या किसी दूसरे व्यक्ति के डाक रिसिव करने के कारण ही लाइसेंस या वाहनों के निबंधन का कागजात नहीं मिलने की शिकायत आती है। -फिरोज अख्तर, जिला परिवहन पदाधिकारी, भागलपुर