Bhagalpur Crime: दबोचे गए दो बाइक चोर, चुराते थे मनचाही बाइक, पुलिस के सामने उगले कई राज
बिहार के भागलपुर जिले में लगातार बाइक चोरी की घटना हो रही है। इशाकचक थानाध्यक्ष प्रशिक्षु डीएसपी विपिन बिहारी के नेतृत्व में हुई दबिश में मुहम्मद सहान उर्फ छोटू और विद्यासागर की गिरफ्तारी हुई। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो कई राज बताए।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जोगसर थानाक्षेत्र में 19 अप्रैल 2021 को चोरी हुई पल्सर बाइक भीखनपुर इलाके से रविवार को दो शातिर की गिरफ्तारी के साथ बरामद कर ली गई। इशाकचक थानाध्यक्ष प्रशिक्षु डीएसपी विपिन बिहारी के नेतृत्व में पुलिस बल ने मुहम्मद साहान उर्फ छोटू और विद्यासागर को चोरी की बाइक के साथ पकड़ लिया। चोरी की पल्सर बाइक विद्यासागर ने अपनी मोबाइल की दुकान के पास लगा रखी थी। साहान उससे 10 हजार रुपये लेने पहुंचा था। डीएसपी विपिन बिहारी ने बताया कि बरारी थानाक्षेत्र के खंजरपुर निवासी साहान बाइक चोरी में माहिर रहा है। भीखनपुर निवासी विद्यासागर दुकान की आड़ में चोरी की बाइक ठिकाने लगाने, उसे बेचने और पार्ट्स खोलवा के शाही के कई छोटे दुकानदारों को भी आपूर्ति करता है। दोनों तकनीकी निगरानी में कई दिनों से थे, जिनकी सत्यता का पता लगा उनकी ताक में टीम लगी हुई थी। जिसमे सफलता मिल गई। दोनों शातिर जोगसर थानाध्यक्ष के हवाले कर दिए गए। दोनो ने अपने अन्य सहयोगियों की मदद से शहरी इलाके के कई थानाक्षेत्र में बाइक चोरी की घटना को अंजाम दिलाया है।
डिमांड के अनुसार बाइक कराई जाती थी चोरी
पुलिस की गिरफ्त में आए दोनो शातिर ने शहरी इलाके में बाइक चोरी और उसे खपाने को लेकर पूछताछ में कई चौकाने वाली जानकारियां पुलिस के समक्ष ऊगली है। साहान ने बताया है कि वह अपने अन्य सहयोगी के साथ जोगसर, तिलकामांझी, इशाकचक, कोतवाली, बरारी, मोजाहिदपुर आदि इलाके से पलक झपकते बाइक गायब कर देते थे। मास्टर की से कोई भी लॉक आसानी से खोल लिया जाता था। विद्यासागर उसे बताता था कि फलाने मॉडल की बाइक चाहिए, उसे आर्डर मिले बाइक ही चाहिए, बस साहान और उसके अन्य साथी लग जाते थे। साहान ने बीते सप्ताह बरारी थानाक्षेत्र के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल परिसर से गिरफ्तार बाइक चोरी के आरोपित मनीष के सम्बंध में भी जानकारी कबूल की है। मनीष तिलकामांझी थानाक्षेत्र में किराए का कमरा लेकर बाइक चोरी को अंजाम देता था। ज्यादा डिमांड पल्सर, अपाचे बाइक की ही चोरी करने की मिलती थी, जिनकी शहर में ज्यादा संख्या होने की वजह से आसानी से हाथ लग जाती।