बांग्लादेशी बंदी पायल को तीन साल की कैद

व्याहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 अतुलवीर सिंह ने शनिवार को बांग्लादेशी बंदी शहादत हुसैन उर्फ पायल को तीन साल की सजा सुनाई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 04:29 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 04:29 PM (IST)
बांग्लादेशी बंदी पायल को तीन साल की कैद
बांग्लादेशी बंदी पायल को तीन साल की कैद

भागलपुर। व्याहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 अतुलवीर सिंह ने शनिवार को बांग्लादेशी बंदी शहादत हुसैन उर्फ पायल को तीन साल की सजा सुनाई है। मादक पदार्थ की बिक्री, चोरी का सामान रखने और विदेशी अधिनियम में अलग-अलग सजा सुनाई गई है। बिना पासपोर्ट और वीजा के देश में प्रवेश करने के मामले में विदेशी अधिनियम के तहत तीन साल की सजा सुनाई है। मादक पदार्थ अधिनियम में छह माह व चोरी का सामान रखने में दो साल की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यह मुकदमा गवाही की सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी एक साल से फैसले के लिए लंबित था। इस अदालत में केस रिकार्ड के स्थानांतरण बाद चंद दिनों में फैसला सामने आया है। सरकार की तरफ से विशेष लोक अभियोजक श्रीधर कुमार सिंह ने बहस में भाग लिया।

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ढाई साल कट गए जेल में, छह माह बाद मिल जाएगी मुक्ति

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शहादत हुसैन 24 नवंबर 2018 को गिरफ्तारी के बाद से जेल में ही है। लगभग ढाई साल जेल की सलाखों में उसका बीत चुका है। तीन साल की सजा अवधि में वह ढाई साल की सजा काट चुका है। छह माह उसे और जेल में काटने के बाद मुक्ति मिल जाएगी।

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24 नवंबर 2018 की शाम भागलपुर स्टेशन पर पकड़ा गया था शातिर बांग्लादेश के सोनिया एकरा गांव ढाका निवासी शहाहद हुसैन बिना पारपत्र और वीजा के भारतीय सीमा में प्रवेश कर दिल्ली में अवैध रूप से किन्नरों की टोली में नकली किन्नर बनकर मादक पदार्थ की बिक्री किया करता था। उसी दौरान ब्रह्मपुत्र मेल से दिल्ली से मालदा जाने के क्रम में 24 नवंबर 2018 की शाम भागलपुर स्टेशन पर पानी लेने उतरा था। पानी की बोतल खरीदने के क्रम में उसकी गाड़ी छूट गई। रेल थानाध्यक्ष श्रीकांत मंडल ने शक के आधार पर महिला पुलिस की मदद से उसे हिरासत में ले लिया। तलाशी में उसके बैग से नशीली टिकिया, स्मैक आदि बरामद किया गया था। वह खुद को बांग्लादेशी किन्नर बताया था। उसके पास पासपोर्ट या वीजा प्रस्तुत नहीं था। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह अनाधिकृत रूप से बांग्लादेश बार्डर से भारत में प्रवेश पाकर दिल्ली की किन्नर मंडली में शामिल हो गया था। वहां हुक्का बार, नाइट क्लब और फार्म हाउस में होने वाली पार्टियों में स्मैक और नशीली दवाइयां बेचता था। बिचौलिए की मदद से आधार कार्ड तक बनवा लिया था। उसने मादक पदार्थ की तस्करी और दिल्ली में देर रात तक होने वाले जरायम धंधे की कई चौंकाने वाली जानकारियां पुलिस को दी थी। हालांकि रेल पुलिस उसके बताए बांग्लादेश वाले पते का सत्यापन करने में विफल रही थी।

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